हैहय वंश, जिसे चेदि वंश के नाम से भी जाना जाता है, 7वीं और 8वीं शताब्दी के दौरान मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंशों में से एक था। इस वंश ने चेदि राज्य पर शासन किया, जिसका विस्तार वर्तमान मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों तक था।
नरेश्वरवर्धन: 7वीं शताब्दी के मध्य में, नरेश्वरवर्धन ने गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद चेदि राज्य की स्थापना की।
गुहर्या: नरेश्वरवर्धन के बाद, गुहर्या ने 7वीं शताब्दी के अंत में शासन किया।
ध्रुवसेन: 8वीं शताब्दी के शुरुआती दौर में, ध्रुवसेन ने शासन किया।
शंकरक: 8वीं शताब्दी के मध्य में, शंकरक ने शासन किया।
विष्णुवर्धन: 8वीं शताब्दी के अंत में, विष्णुवर्धन ने शासन किया।
राजनीतिक: हैहय वंश ने 7वीं और 8वीं शताब्दी में मध्य भारत में एक शक्तिशाली राज्य का निर्माण किया।
धार्मिक: हैहय शासकों ने हिंदू धर्म को अपनाया और कई मंदिरों का निर्माण करवाया, जिनमें खजुराहो के मंदिर भी शामिल हैं।
कला और स्थापत्य: हैहय काल में कला और स्थापत्य का विकास हुआ, जिसमें मूर्तिकला, चित्रकला और मंदिर निर्माण शामिल हैं।
साहित्य: हैहय काल में संस्कृत साहित्य का विकास हुआ, जिसमें कालिदास जैसे प्रसिद्ध कवियों का योगदान शामिल है।
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