वायु
हमारी धरती के चारों ओर वायु का विशाल आवरण पाया जाता है जिसने सम्पूर्णधरती को ढ़का हुआ है। वायुके इस विशाल आवरण को ही वायुमंडल (atmosphere) कहा जाता है। वास्तव मेंवायुमंडल धरती को चारोंओर सेकं बल की भांति लपेटेहुए हैजो की धरती पर जीवन के लिए विभिन स्थितियोंके लिए आवश्यक है। वायुमंडल विभिन प्रकार की गैसोंका मिश्रण हैजो की धरती पर तापमान संतुलन, मौसमी घटनाओ, ग्रीनहाउस प्रभाव, पराबैंगनी किरणोंसेरक्षा एवं विभिन प्राकृतिक क्रियाओंके लिए महत्वपूर्णतत्त्व है। पृथ्वी पर वायुमंडल पृथ्वी द्वारा आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल के कारण संलग्न होता हैजिससेकी वायुमंडल मेंविभिन गैसेंस्थिर रह पाती है।
वायुमंडल का महत्व
वायुमंडल के संगठन मे कई गैसों का मिश्रण होता है जिसमे नाइट्रोजन (78 %), ऑक्सीजन (12 %), आर्गन (0.93 %), कार्बन डाइऑक्सिडे (0.03 %) आदि प्रमुख है। इनके अतिरिक्त अन्य गैस बहुत काम मरता मे पाई जाती है। पृथ्वी के वायुमंडल में कई प्रकार की रचनाएं पाई जाती है जिसमें विभिन्न तरह के काम किए जाते हैं। वायुमंडल की वजह से पृथ्वी का संतुलन बना रहता है और वायुमंडल में पाया जाने वाला ओजोन लेयर सूर्य की हानिकारक किरणों से हमें बचाता है। कुल मिलाकर कहें तो वायुमंडल के बिना किसी भी ग्रह की सुरक्षा कम हो जाती है।
जलचक्र
पृथ्वी के जलमंडल के भीतर विभिन्न रूपों में पानी का संचलन( तरल, ठोस और गैसीय अवस्थाओं ) में होता है। जल अपने विभिन्न रूपों से होते हुए महासागरों, वायुमंडल, स्थलमंडल और जीवों के बीच निरंतर आदान-प्रदान होता है, जल के इस चक्रीय संचलन को जलीय चक्र कहते है।
जल चक्र एक पर्यावरणीय घटना है जिसमें तीन प्रक्रियाएँ, वाष्पीकरण, संघनन और वर्षा होती हैं। बच्चों को स्कूल में जल चक्र घटना के बारे में पढ़ाया जाता है। लेकिन अगर आपका बच्चा जिज्ञासु है और आपसे पानी के चक्र या पानी के विभिन्न रूपों के बारे में अलग-अलग सवाल पूछता है, तो हमारे पास वह सारी जानकारी है जो आपको उसे सबसे सरल तरीके से समझाना है। इसलिए, विषय से परिचित हों और अपने बच्चे को समझाएं।
जीवन और ऑक्सीजन
1. श्वसन जीवन की मुख्य क्रिया है।
2. श्वसन क्रिया मे जीव वायु स ऑक्सीजन का उपयोग कर कार्बन डाइऑक्सिडे की बहार निकलता है।
3. ऑक्सीजन ईंधन को जलाने मे भी प्रयुक्त होती है। इसके बिन आग नहीं जल सकती है।
ऑक्सीजन के स्रोत
ऐसे में ऑक्सीजन का मुख्य स्रोत पेड़-पौधे ही हैं। यह प्रकृति और स्वास्थ्य दोनों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इस पृथ्वी पर पांच प्रकार के ऋण होते हैं देव ऋण, ऋषि ऋण, पितृ ऋण, भूत ऋण, लोक ऋण।
कार्बन डाइऑक्साइड पेड़ पौधों के लिए आवश्यक
पौधों को भोजन की आवश्यकता होती है ताकि वह विभिन्न चयापचय गतिविधियों के लिए ऊर्जा की आपूर्ति कर सकें. जानवरों की तरह भोजन की तलाश में पौधें एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं जा सकते है. वे एक ही जगह रहकर अपना खाना बनाते हैं. हम जानते हैं कि हरे पौधें स्वपोषी होते हैं जो कि प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया से अपने स्वयं के लिए भोजन का संश्लेषण करते हैं. क्लोरोफिल की उपस्थिति में पौधें कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से भोजन तैयार करने के लिए सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा का उपयोग करते है.
जलवायु में कार्बन डाइऑक्साइड कहाँ से आती है
मानव निर्मित कार्बन डाइऑक्साइड मुख्य रूप से तेल, कोयला और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन को जलाने से उत्पन्न होती है। विश्व स्तर पर उत्सर्जन के कुछ मुख्य स्रोतों में परिवहन, उद्योग और बिजली और हीटिंग के लिए ईंधन जलाने शामिल हैं।
कार्बन डाइऑक्साइड प्राकृतिक स्रोतों जैसे जानवरों, ज्वालामुखियों, महासागरों, मिट्टी और सड़ने वाले पौधों के माध्यम से भी उत्पन्न होता है।
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