आधारभूत लोकतंत्र — भाग 2: ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय सरकार
1. स्वयं को जाँचिए – ऊपर दिए गए पाठ को देखे बिना क्या आप पंचायती राज व्यवस्था के तीन स्तर बता सकते हैं? तीनों स्तरों में प्रत्येक के मुख्य कार्य क्या हैं?
उत्तर: पंचायती राज व्यवस्था के तीन स्तर है–
गांव स्तर | ब्लॉक स्तर | जिला स्तर |
---|---|---|
गांव के विकास कार्यों की योजना और क्रियान्वयन। | ग्राम पंचायतों की देखरेख और सहायता। | जिले के विकास के लिए बड़ी योजनाओं का निर्माण। |
जल आपूर्ति, सड़क निर्माण, और सफाई जैसे बुनियादी कार्य। | क्षेत्रीय विकास योजनाओं का समन्वय। | शिक्षा, स्वास्थ्य, और परिवहन जैसे विषयों पर काम करना। |
ग्रामीण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देना। | कृषि, सिंचाई, और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना। | राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करके निचले स्तर पर वितरित करना। |
2. गाँव की सड़क के किनारे पड़ी प्लास्टिक थैलियों से संबंधित विषय पर सरपंच को पत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रिय सरपंच जी,
नमस्ते! मैं आपके गाँव का एक विद्यार्थी हूँ। हमारे गाँव की सड़क के किनारे बहुत सारी प्लास्टिक की थैलियाँ पड़ी रहती हैं। इससे गंदगी फैलती है और गाय-भैंस जैसे जानवर इसे खा लेते हैं, जिससे उनकी तबियत खराब हो जाती है। यह हमारे गाँव की सुंदरता को भी खराब करता है।
कृपया इस समस्या को हल करने के लिए ग्राम सभा में चर्चा करें। हम सफाई अभियान चला सकते हैं और कूड़ेदान रख सकते हैं ताकि लोग प्लास्टिक वहाँ डालें। बच्चों को भी इस काम में शामिल किया जा सकता है।
आपका सहयोग बहुत जरूरी है। धन्यवाद!
आपका,
[आपका नाम]
[गाँव का नाम]
3. आपके विचार से किस प्रकार का व्यक्ति ग्राम पंचायत का सदस्य हो सकता है?
उत्तर:
मेरे विचार से ग्राम पंचायत का सदस्य ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो:
गाँव की समस्याओं को समझे।
ईमानदार और मेहनती हो।
लोगों की मदद करना चाहे।
पढ़ा-लिखा हो ताकि वह योजनाओं को समझ सके।
गाँव के लोगों से अच्छे से बात कर सके और उनके विचार सुन सके।
उदाहरण के लिए, कोई किसान, शिक्षक या कोई जिम्मेदार महिला सरपंच बन सकती है, जैसे वंदना बहादुर मैदा, जिन्होंने अपने गाँव के लिए बहुत काम किया।
4. मान लीजिए, आप एक गाँव के स्कूल में पढ़ते हैं। विद्यार्थियों को स्कूल आते-जाते समय सड़क पार करने में कठिनाई होती है। इस समस्या के समाधानों के विकल्प क्या-क्या हो सकते हैं? इसमें पंचायती राज की कौन-सी संस्थाएँ आपकी मदद कर सकती हैं? विद्यार्थी इसमें क्या कर सकते हैं?
उत्तर:
समाधान के विकल्प:
सड़क पर स्पीड ब्रेकर बनवाए जा सकते हैं ताकि गाड़ियाँ धीरे चलें।
सड़क पार करने के लिए एक ज़ेब्रा क्रॉसिंग बनाई जा सकती है।
सड़क के किनारे एक रास्ता (फुटपाथ) बनाया जा सकता है।
स्कूल के पास एक चौकीदार रखा जा सकता है जो बच्चों को सड़क पार करवाए।
पंचायती राज की संस्थाएँ जो मदद कर सकती हैं:
- ग्राम पंचायत: यह सड़क बनाने या ठीक करने का फैसला ले सकती है और सरपंच इसके लिए योजना बना सकता है।
- पंचायत समिति: अगर ज्यादा पैसे की जरूरत हो, तो यह जिला स्तर तक बात पहुँचा सकती है।
- जिला परिषद: यह बड़ी योजना के लिए सरकारी मदद दिलवा सकती है।
विद्यार्थी क्या कर सकते हैं:
हम सरपंच को पत्र लिखकर या ग्राम सभा में अपनी बात रख सकते हैं।
स्कूल में एक समूह बनाकर सड़क सुरक्षा के बारे में लोगों को बता सकते हैं।
शिक्षकों के साथ मिलकर एक छोटा जुलूस निकाल सकते हैं ताकि गाँव वालों का ध्यान इस समस्या पर जाए।
महत्वपूर्ण प्रश्न (Page 163)
1. पंचायती राज संस्थाएँ क्या हैं?
उत्तर:
पंचायती राज संस्थाएँ भारत में ग्रामीण स्तर पर लोकतांत्रिक प्रशासन की एक प्रणाली हैं, जो स्थानीय स्वशासन को लागू करने और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए बनाई गई हैं। यह एक त्रि-स्तरीय प्रणाली है, जिसमें ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, और जिला पंचायत आते हैं। पंचायती राज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में स्वशासन का अधिकार देती हैं ताकि वे अपने मामले स्वयं सुलझा सकें और विकासात्मक कार्यों में सहयोग दें।
2. उनके क्या कार्य हैं?
उत्तर:
पंचायती राज प्रणाली गांव के स्थानीय सरकार में स्वास्थ्य, गांवों में सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं का विकास, महिला विकास, बच्चों की प्राथमिक शिक्षा, बाल विकास, स्थानीय सरकार में महिलाओं की भागीदारी, कृषि विकास आदि जैसे विशेष क्षेत्रों में गांव को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पंचायती राज व्यवस्था में लोकतंत्र जनता द्वारा प्रत्यक्ष भागीदारी और उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों, दोनों द्वारा कार्य करता है।
3. शासन और लोकतंत्र में ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर:
पंचायती राज संस्थाएँ शासन और लोकतंत्र में इसलिए महत्वपूर्ण हैं:
ये गाँव के लोगों को अपनी सरकार चुनने और फैसले लेने का मौका देती हैं, जो लोकतंत्र का आधार है।
ये स्थानीय समस्याओं को जल्दी हल करती हैं, ताकि लोगों को राज्य या देश की राजधानी न जाना पड़े।
ये सरकार को गाँवों तक पहुँचाती हैं और लोगों की आवाज़ ऊपर तक ले जाती हैं।
ये महिलाओं और गरीबों को भी शामिल करती हैं, जैसे वंदना बहादुर मैदा ने अपने गाँव में बदलाव लाया।
इसलिए ये शासन को आसान और लोकतंत्र को मजबूत बनाती हैं।
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