भारत की सांस्कृतिक जड़ें
1.प्रश्न: वेदों का अर्थ क्या है?
उत्तर: वेदों का अर्थ ‘ज्ञान’ है।
2. प्रश्न: भारतीय संस्कृति की जड़ें कितनी पुरानी हैं?
उत्तर: अनेक सहस्त्राब्दियों वर्ष पुरानी।
3. प्रश्न: ऋग्वेद की रचना कब हुई थी?
उत्तर: पाँचवीं से दूसरी सहस्त्राब्दी सा.सं.पू. के बीच।
4. प्रश्न: बौद्ध मत के संस्थापक कौन थे?
उत्तर: सिद्धार्थ गौतम (बुद्ध)।
5. प्रश्न: जैन मत में ‘जिन’ का अर्थ क्या है?
उत्तर: ‘जिन’ का अर्थ ‘विजेता’ है।
6. प्रश्न: वैदिक समाज में कितने जनों का उल्लेख है?
उत्तर: 30 से अधिक जनों का उल्लेख है।
7. प्रश्न: उपनिषदों में ‘ब्रह्म’ क्या है?
उत्तर: ‘ब्रह्म’ एक दैवी तत्व है।
8. प्रश्न: अहिंसा का विचार किस मत से जुड़ा है?
उत्तर: बौद्ध और जैन मत से।
9. प्रश्न: जनजातियाँ किसे कहते हैं?
उत्तर: एक सामान्य संस्कृति और भाषा वाले समुदाय को।
10. प्रश्न: लोक परंपराएँ कैसे प्रसारित होती हैं?
उत्तर: मौखिक अभ्यास के द्वारा।
1.प्रश्न: वेदों की रचना और संप्रेषण कैसे हुआ?
उत्तर: वेदों की रचना ऋषियों और ऋषिकाओं ने की थी। ये मौखिक रूप से पीढ़ियों तक संप्रेषित हुए।
2. प्रश्न: बौद्ध मत के मुख्य विचार क्या हैं?
उत्तर: बौद्ध मत में अहिंसा और आंतरिक अनुशासन पर बल दिया गया है। यह दुख के कारणों को दूर करने की शिक्षा देता है।
3. प्रश्न: जैन मत के तीन प्रमुख सिद्धांत क्या हैं?
उत्तर: जैन मत में अहिंसा, अनेकांतवाद और अपरिग्रह मुख्य सिद्धांत हैं। ये सभी जीवों के प्रति सम्मान सिखाते हैं।
4. प्रश्न: वैदिक दर्शन में ‘ऋत’ का क्या महत्व है?
उत्तर: ‘ऋत’ ब्रह्मांड में सत्य और क्रम को दर्शाता है। यह जीवन को संतुलित रखने में मदद करता है।
5. प्रश्न: लोक और जनजातीय परंपराओं का हिंदू दर्शन से क्या संबंध है?
उत्तर: लोक और जनजातीय परंपराएँ हिंदू दर्शन से प्रभावित हुईं और इसे समृद्ध भी किया। दोनों में प्रकृति को पवित्र माना जाता है।
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