आधारभूत लोकतंत्र — भाग 3: नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय सरकार
1.नगरीय स्थानीय निकाय क्या हैं?
उत्तर: नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय सरकार की संरचनाएँ जो अपने क्षेत्र के प्रबंधन के लिए स्वायत्त होती हैं।
2. नगरों को छोटी इकाइयों में कैसे बाँटा जाता है?
उत्तर: नगरों को ‘वार्ड’ नामक छोटी इकाइयों में बाँटा जाता है।
3. नगर निगम किन शहरों में होता है?
उत्तर: 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में।
4. नगरपालिका को और किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: म्यूनिसिपल काउंसिल।
5. वार्ड समितियाँ क्या करती हैं?
उत्तर: स्वास्थ्य शिविर, स्वच्छता अभियान और समस्याओं की जानकारी अधिकारियों को देती हैं।
6. इंदौर को लगातार कितने वर्षों से स्वच्छ नगर का पुरस्कार मिला है?
उत्तर: सात वर्षों से।
7. नगरीय स्थानीय निकाय संसाधन कैसे जुटाते हैं?
उत्तर: कर, शुल्क और सरकारी योजनाओं से।
8. नगर पंचायत किस जनसंख्या के लिए होती है?
उत्तर: 1 लाख से कम जनसंख्या वाले नगरों और कस्बों के लिए।
9. शहरी क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र से कैसे भिन्न हैं?
उत्तर: शहरी क्षेत्र अधिक जटिल, विविध और भीड़-भाड़ वाले होते हैं।
10. नागरिकों का स्थानीय निकायों के प्रति क्या कर्तव्य है?
उत्तर: यह सुनिश्चित करना कि निकाय कुशलता से कार्य करें।
1.नगरीय स्थानीय निकायों की संरचना और उनके कार्यों को समझाइए।
उत्तर:
नगरीय स्थानीय निकाय शहरों और कस्बों में स्थानीय सरकार के रूप में कार्य करते हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं: नगर निगम (10 लाख से अधिक जनसंख्या), नगरपालिका (1 से 10 लाख जनसंख्या), और नगर पंचायत (1 लाख से कम जनसंख्या)। इनके कार्यों में आधारभूत ढाँचे का रखरखाव, अपशिष्ट प्रबंधन, जल आपूर्ति, कर संग्रह, और सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना बनाना शामिल है। ये निकाय नागरिकों को सशक्त बनाते हैं ताकि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान स्वयं कर सकें।
2. ग्रामीण पंचायती राज व्यवस्था और नगरीय स्थानीय निकायों के बीच समानताएँ और विभिन्नताएँ बताइए।
उत्तर:
समानताएँ: दोनों में निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं जो स्थानीय लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। दोनों का उद्देश्य स्थानीय समस्याओं का समाधान और नागरिकों को सशक्त बनाना है।
विभिन्नताएँ: पंचायती राज ग्रामीण क्षेत्रों के लिए है, जबकि नगरीय निकाय शहरी क्षेत्रों के लिए। शहरी निकाय अधिक जटिल और विविध होते हैं, जैसे नगर निगम, नगरपालिका, जबकि ग्रामीण में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद होती हैं।
3. इंदौर नगर निगम द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की सूची बनाइए और बताइए कि ये नागरिकों के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं।
उत्तर:
इंदौर नगर निगम की सेवाएँ: संपत्ति कर, जल शुल्क, सूखा कूड़ा प्रबंधन, अग्निशमन सेवाएँ, विवाह प्रमाणपत्र, जल टैंकर, सेप्टिक टैंकर, एंबुलेंस आदि। ये सेवाएँ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये नागरिकों के दैनिक जीवन को सुगम बनाती हैं, स्वच्छता बनाए रखती हैं, आपात स्थिति में मदद करती हैं और शहर के विकास में योगदान देती हैं।
4. शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों का जीवन कैसे भिन्न है? समीर और अनीता के संवाद के आधार पर बताइए।
उत्तर:
समीर और अनीता के संवाद से पता चलता है कि शहरी क्षेत्र व्यस्त, भीड़-भाड़ वाले और कोलाहल से भरे होते हैं, जहाँ ऊँचे भवन और आत्मनिर्भर लोग होते हैं। लोग अपने पड़ोसियों को कम जानते हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र शांत होते हैं, जहाँ लोग एक-दूसरे को जानते हैं, मिलकर काम करते हैं और सामुदायिक भावना मजबूत होती है। शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकाय बड़े होते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे और व्यक्तिगत स्तर पर सक्रिय होते हैं।
5. नागरिकों की स्थानीय निकायों में भागीदारी क्यों आवश्यक है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है ताकि स्थानीय निकाय कुशलता से कार्य कर सकें और नागरिकों की समस्याओं का समाधान हो सके। उदाहरण के लिए, समीर ने बताया कि बच्चों ने लटकते तार की शिकायत की और ग्राम सभा ने उसे ठीक करवाया। इसी तरह, अनीता ने बताया कि शहर में मकान ढहने पर लोग और स्थानीय निकाय साथ आए। यह दिखाता है कि नागरिकों की सक्रियता से लोकतंत्र मजबूत होता है और समस्याएँ जल्दी हल होती हैं।
Leave a Reply