बोध प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) कर्मवती कौन थी?
उत्तर
कर्मवती मेवाड़ की महारानी थी।
(ख) कर्मवती ने वीरों से कौन-सी प्रतिज्ञा करने को कहा?
उत्तर
कर्मवती ने वीरों से मरते दम तक मेवाड़ की पताका को झुकने न देने की प्रतिज्ञा करने को कहा।
(ग) रानी कर्मवती ने हुमायूँ को राखी क्यों भेजी ?
उत्तर
रानी कर्मवती ने हुमायूँ से बैरभाव समाप्त कर उसे भाई बनाने के लिए राखी भेजी।
(घ) राखी पाकर हुमायूँ ने क्या निर्णय लिया ?
उत्तर
राखी पाकर हुमायूँ ने मेवाड़ की रक्षा के लिए अपनी सेना भेजने का सेनापति को आदेश दिया।
(ङ) हमारे देश में राखी का क्या महत्व है ?
उत्तर
हमारे देश में राखी को भाई-बहन के स्नेह बन्धन का प्रतीक माना गया है। सुरक्षा सूत्र को पहनकर भाई, बहन की रक्षा का संकल्प करता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए
(क) जिन्हें प्राण देने का चाव हो, वे ही ये राखियाँ स्वीकार करें।
(ख) राखी वह शीतल प्रलेप है, जो सारे घाव भर देती
(ग) बहन का रिश्ता दुनिया के सारे सुखों, दौलतों, ताकतों और सल्तनतों से बढ़कर है।
उत्तर
(क) रानी कर्मवती मेवाड़ के वीर सपूतों को मेवाड़ की रक्षा के लिए ललकारते हुए राखियाँ आगे बढ़ाती है और कहती है कि वे ही लोग राखियों को लें जो देश-रक्षा के यज्ञ में स्वयं की आहुति देने को तत्पर हों।
(ग) राखी बैर-भाव रूपी घावों को भरने के लिए मरहम का कार्य करती है। राखी एक वरदान के समान है। इससे सारे बैर-भाव जल जाते हैं तथा प्रेम और सद्भावना का वातावरण उत्पन्न होता है।
हुमायूँ अपने सेनापति को सम्बोधित करते हुए कहता है कि हिन्दुओं और मुसलमानों में कोई अन्तर नहीं है। सब के सब उस एक मालिक की सन्तान हैं जिसने उन्हें बनाया है। आज मैं इस पूरे संसार के सामने यह सिद्ध करना चाहता हूँ कि हिन्दुओं के सभी रीति-रिवाज और परम्पराएँ एक मुसलमान के लिए भी समान रूप से प्रिय और पवित्र हैं।
प्रश्न 3.
सही उत्तर चुनकर लिखिए
(क) इस पाठ का मुख्य उद्देश्य है
(1) राजपूतों के बारे में बताना।
(2) बहन द्वारा भाई को राखी बांधना।
(3) मुसीबत के समय बहन की मदद न करना।
(4) सांस्कृतिक एवं साम्प्रदायिक सदभावना का विकास करना।
उत्तर
(4) सांस्कृतिक एवं साम्प्रदायिक सदभावना का विकास करना।
(ख) कर्मवती कहाँ की रानी थी?
(1) झाँसी
(2) कालपी
(3) मेवाड़
(4) इन्दौर।
उत्तर
(3) मेवाड़।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1. ‘भ्रातृ’ शब्द तथा ‘त्व’ प्रत्यय मिलाकर ‘भ्रातृत्व’ बना है। इसी प्रकार निम्नलिखित तालिका के शब्दों में ‘त्व’ प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाइए
पितृ, मातृ, लघु, गुरु, मनुष्य, प्रभु।
उत्तर
पितृ + त्व- पितृत्व; मातृ + त्व- मातृत्व;
लघु + त्व-लघुत्व; गुरु + त्व = गुरुत्व;
मनुष्य + त्व= मनुष्यत्व, प्रभु + त्व = प्रभुत्व।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह कीजिए
रणभूमि, राजपुत्र, देशभक्ति, रसोईघर, देशनिकाला, सेनापति।
उत्तर
रणभूमि = रण की भूमि
राजपुत्र = राजा का पुत्र
देशभक्ति = देश की भक्ति
रसोईघर = रसोई का घर
देशनिकाला = देश से निकाला
सेनापति = सेना का पति।
प्रश्न 3.
पाँचों प्रकार के योजक चिह्नों के दो-दो उदाहरण लिखिए
उत्तर
प्रश्न 4.
इस पाठ के चारों प्रकार के (और के प्रयोग वाले) वाक्य छाँटकर लिखिए।
उत्तर
(क) जाओ रणभूमि तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है और बहनो, तुम घर जाकर वीरव्रत की तैयारी करो। (उपवाक्य योजक)
(ख) हम हँसते-हँसते मरेंगे और बहुतों को मारकर मरेंगे। (उपवाक्य योजक)
(ग) किन्तु और भी तो बाधाएँ हैं। (विशेषण)
(घ) इस विकट अवसर पर मेवाड़, की रक्षा का और कोई उपाय है भी तो नहीं। (विशेषण)
(ङ) भ्रातृत्व और मनुष्यत्व पर विश्वास करके हुमायूँ की परीक्षा ली जाए। (शब्द योजक)
(च) लीजिए यह राखी और यह पत्र। (शब्द योजक)
(छ) हम भी देखेंगे कि कौन कितने पानी में है ? और यह भी प्रकट हो जाएगा कि एक राजपूतानी की राखी में कितनी ताकत है?
(उपवाक्य योजक)
(ज) मेवाड़ की रानी कर्मवती ने कुछ और सोचा। (क्रिया विशेषण)
प्रश्न 5.
‘तो’ के प्रयोग वाले वाक्य पाठ में से छाँटकर लिखिए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं ऐसे वाक्यों को छाँटकर लिखें।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन लिखिए
थाली, जाली, भाई, दुश्मन, गाड़ी, साड़ी, धागा।
उत्तर
शब्द – बहुवचन
थाली – थालियाँ
जाली – जालियाँ
भाई – भाइयों
दुश्मन – दुश्मनों
गाड़ी – गाड़ियाँ
साड़ी – साड़ियाँ
धागा – धागे
प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
हँसते-हँसते प्राण देना, आग उगलना, प्राण कॉपना, खौफ खाना, जादू का पिटारा,
आग में कूदना, घाव भरना, आँख उठाना, कयामत का पैगाम, तिरछी नजर करना।
उत्तर
(क) हँसते-हँसते प्राण देना-सदैव बलिदान हेतु तत्पर रहना।
वाक्य प्रयोग-मेवाड़ की रक्षा के लिए वीर राजपूतों ने हँसते-हँसते अपने प्राण दे दिये।
(ख) आग उगलना-बुराई करना।
वाक्य प्रयोग-पाकिस्तान व्यर्थ ही भारत के विरुद्ध आग – उगलता रहता है।
(ग) प्राण काँपना-अत्यधिक डर जाना।
वाक्य प्रयोग-तूफान की तीव्रगति को देख नगरवासियों के प्राण काँप गये।
(घ) खौफ खाना-डरना।
वाक्य प्रयोग-चन्द्रशेखर आजाद के व्यक्तित्व से अंग्रेज भी खौफ खाते थे।
(ङ) जादू का पिटारा-करामात की थैली।
वाक्य प्रयोग-शिक्षक के पास कोई जादू का पिटारा तो है नहीं जो उसे खोले और विद्यार्थी बिना पढ़े परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाए।
(च) आग में कूदना-कठिन रास्ता चुनना।
वाक्य प्रयोग-कानून के विरुद्ध कार्य करना आग में कूदने के समान है।
(छ) घाव भरना-दुःख कम होना।
वाक्य प्रयोग-जहाँ तक सम्भव हो हमें दूसरों के घाव । भरने चाहिए।
(ज) आँख उठाना-चुनौती देना।
वाक्य प्रयोग-रानी लम्मीबाई ने अंग्रेजों के समक्ष आँख उठाने का साहस किया।
(झ) कयामत का प्रैगाम-प्रलय की सूचना।
वाक्य प्रयोग-पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को संरक्षण देना स्वयं उसके लिए एक दिन कयामत का पैगाम लेकर आयेगा।
(ज) तिरछी नजर करना-नाराज होना।
वाक्य प्रयोग-मेरे द्वारा सच बोलने पर तुमने अपनी नजर तिरछी क्यों कर ली?
I am study in 7th class i am not able to understand the chapter