बोध प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) महाराजा अग्रसेनजी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर
महाराजा अग्रसेनजी का जन्म आज से 5125 वर्ष पूर्व आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को हरियाणा राज्य के हिसार जिले के प्रताप नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराजा वल्लभ था।
(ख) अग्रवाल समाज के प्रवर्तक कौन थे तथा इस समाज के कितने गोत्र प्रचलित हैं ?
उत्तर
महाराजा श्री अग्रसेनजी अग्रवाल समाज के प्रवर्तक थे। इस समाज के 18 गोत्र प्रचलित हैं।
(ग) महाराजा अग्रसेन ने राज्य में किस परिपाटी का चलन प्रारम्भ किया ?
उत्तर
महाराजा अग्रसेन ने एक परिपाटी बनाई थी कि यदि कोई व्यक्ति उनके अग्रोहा राज्य में आकर बसता है, तो प्रत्येक व्यक्ति परिवार उसे एक ईंट और एक रुपया देगा।
(घ) अग्रसेनजी के राज्य में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था कैसे बनाई गई ?
उत्तर
महाराजा अग्रसेन ने अपने राज्य में सुव्यवस्था बनाए रखने हेतु 18 गणराज्य बनाए। प्रत्येक गणराज्य से एक-एक निर्वाचित प्रतिनिधि होता था। ये प्रतिनिधि शासन परिषद के सदस्य होते थे। इनके परामर्श से ही राज्य का शासन चलता था।
(ङ) महाराजा अग्रसेन ने पशुबलि प्रथा क्यों बन्द की ?
उत्तर
स्वभाव से धार्मिक महाराजा श्री अग्रसेन को यज्ञों से बहुत लगाव था। उस समय यज्ञों में पशुबलि की कुप्रथा प्रचलित थी। उन्होंने सोचा कि यज्ञ जैसे पवित्र कार्य में पशुबलि क्यों? वे हिंसा को दुष्कर्म और घोर पाप मानते थे। वे कहते थे कि यदि हम किसी को जीवनदान नहीं दे सकते तो हमें किसी के प्राण लेने का कोई अधिकार नहीं है। अतः उन्होंने पशुबलि प्रथा पर रोक लगा दी।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1.
पाठ में से संयोजक चिह्न वाले शब्द छाँटकर लिखिए। जैसे-देख-समझकर।
उत्तर
प्रस्तुत पाठ में प्रयुक्त संयोजक चिह्न वाले शब्द हैं-अपना अपना, अपनी-अपनी, ऊँच-नीच, जाति-पाँति, एक-एक, बड़े-बड़े, जन-जन, सोने-चाँदी इत्यादि।
प्रश्न 2. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
पाठ पढ़ाना, आमादा रहना, नींव रखना, पेट पालना, लकीर के फकीर, कूपमण्डूक।
उत्तर
(क) पाठ पढ़ाना-रानी लक्ष्मीबाई ने अपनी वीरता से अंग्रेजों को युद्ध-कौशल का अच्छा पाठ पढ़ाया।
(ख) आमादा रहना-वीरू की क्या कहें दरोगा जी ? वह तो सदैव लड़ने पर आमादा रहता है।
(ग) नींव रखना-1857 के गदर ने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की नींव रखी।
(घ) पेट पालना-महँगाई के इस समय में गरीब के लिए अपना पेट पालना किसी चुनौती से कम नहीं है।
(ङ) लकीर के फकीर-लकीर के फकीर बने रहने से कुछ नहीं होगा। हमें समय के साथ बदलना सीखना होगा।
(च) कूपमण्डूक-हम अपनी उन्नति का खुद कितना ही विंदोरा क्यों न पीटें ? लेकिन दुनिया के परिदृश्य में हमारी स्थिति कूपमण्डूक जैसी ही है।
प्रश्न 3.
निम्नांकित शब्दों की वर्तनी शुद्ध करके लिखिए
अव्यवस्थीत, आर्दश, नीवार्चित, लक्ष्मि, अननय, वेश्य, दुस्कर्म, सहनूभूति।
उत्तर
अव्यवस्थित, आदर्श, निर्वाचित, लक्ष्मी, अनुनय, वैश्य, दुष्कर्म, सहानुभूति।
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