बोध प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) अहिल्याबाई को “लोकमाता” क्यों कहते हैं ?
उत्तर
अहिल्याबाई के शासनकाल में सम्पूर्ण प्रजा सुख और शान्ति से तथा समृद्धि से भरपूर थी, इसलिए लोग उन्हें लोकमाता कहते थे।
(ख) मल्हार राव ने अहिल्याबाई को किस राह पर आगे बढ़ाया ?
उत्तर
मल्हार राव ने अहिल्याबाई की आन्तरिक शक्तियों और क्षमताओं को पहचाना तथा अपने बेटे के समान ही राजनीति और यद्ध कला की शिक्षा दिलायी, घुडसवारी सिखलाई। इस तरह अहिल्याबाई को एक अच्छे शासक होने की राह पर आगे बढ़ाया।
(ग) अहिल्याबाई ने राज्य की बागडोर किन परिस्थितियों में संभाली?
उत्तर
भरतपुर के राजा सूरजमल ने मल्हार राव को वार्षिक कर नहीं दिया तो मल्हार राव ने भरतपुर पर आक्रमण कर दिया। तीन महीने तक चले इस भीषण युद्ध में अहिल्याबाई के पति खण्डेराव वीरगति को प्राप्त हुए। इस भीषण आघात से व्याकुल और आहत अहिल्याबाई ने जनकल्याण के लिए दृढ़तापूर्वक होल्कर राज्य की बागडोर अपने हाथों से संभाली।
(घ) पेशवा राघोवा द्वारा आक्रमण किए जाने पर अहिल्याबाई ने क्या किया ?
उत्तर
पेशवा राघोवा द्वारा आक्रमण किए जाने पर अहिल्याबाई ने तुकोजी को पेशवा राघोवा से युद्ध करने के लिए भेजा और पेशवा राघोवा के लिए एक पत्र लिखा। इस पत्र में लिखा कि वह उनके पूर्वजों के राज्य को हड़पने का सपना न देखे। वह स्वयं नारी सेना लेकर युद्ध करेंगी। उसे (पेशवा को) नारी द्वारा हराये जाने का अपयश मिलेगा। यदि उसने विजय भी प्राप्त की तो उसके मुख पर एक विधवा के राज्य को हड़पने की कालिख लगेगी। पेशवा राघोवा पर इस बात का प्रभाव पड़ा और वह बिना युद्ध किये लौट गया। अहिल्याबाई ने होल्कर राज्य को अपनी बुद्धिमानी और दूरदर्शिता से भयमुक्त कर लिया।
(ङ) सौभागसिंह कौन था ? वह कैसे पकड़ा गया ?
उत्तर
सौभागसिंह रामपुरा का सरदार था। उदयपुर के राणा ने उसकी सहायता के लिए विशाल सेना भेजी। मन्दसौर के युद्ध क्षेत्र में भयानक युद्ध हुआ। तिरेसठ वर्षीय अहिल्याबाई ने युद्ध का संचालन किया। विरोधी सेना के छक्के छुड़ा दिये। सौभागसिंह को पकड़ लिया गया।
(च) भीलों द्वारा लूटपाट की समस्या अहिल्याबाई ने किस तरह निपटाई?
उत्तर
भीलों द्वारा लूटपाट की समस्या अहिल्याबाई ने अपने विवेक से निपटाई। अहिल्याबाई ने भीलों के सरदार को ही यात्रियों की सुरक्षा का दायित्व दे दिया। साथ ही, यह नियम भी बना दिया कि जिस इलाके में यात्रियों से लूटपाट होगी, तो वहाँ के भील उसकी भरपाई भी करेंगे। इस तरह इस समस्या से मुक्ति मिली।
(छ) “महारानी अहिल्याबाई का जीवन जनहित की मिसाल है”-स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
महारानी अहिल्याबाई का व्यक्तित्व जुझारू था। – उनमें चतुराई, बुद्धिमानी, राज्य संचालन की क्षमता थी। सम्पूर्ण – प्रजा सुखी और सम्पन्न थी। वह समस्याओं को तुरन्त निपटाती थी। सैनिकों के परिवारों की देखरेख करती थीं। कृषकों को । सुविधाएँ देती थीं। किसानों से कर बहुत कम लिया जाता था। उन्होंने उद्योग-धन्धों को भी बढ़ावा दिया।
उन्होंने विद्वानों, लेखकों, साहित्यकारों, ज्योतिषियों तथा कलाकारों को प्रोत्साहित किया। उन्हें राज्य में बसाया और उन्हें पुरस्कृत भी किया। इस तरह अहिल्याबाई का जीवन जनहित की मिसाल है। उन्होंने पूरे भारत में मन्दिर बनवाये। जरूरतमन्दों को कभी निराश नहीं होने दिया।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) यात्री…………….होकर राज्य में विचरण करने लगे थे।
(ख) अहिल्याबाई ने 63 वर्ष की अवस्था में युद्ध का …………….. संचालन किया।
(ग) भारत के मन्दिर …………… कला के अनुपम उदाहरण|
उत्तर
(क) निर्भय
(ख) कुशलता से
(ग) वास्तु।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग छाँटकर लिखिए
प्रशिक्षित, सशरीर, आघात, सुयोग्य, आहत, अपयश, वियोग, विजय, विचरण।
उत्तर
प्र, स, आ,सु, आ, अप, वि, वि, वि।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों के समक्ष दिए गए
विकल्पों में से सही मुहावरे का प्रयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) अहिल्याबाई के सामने दिग्गजों के ………….
(कालिख लगाना, छक्के छूटना, हार नहीं मानना)
(ख) गृहकार्य में दक्ष वधू ने सबका ………….. है।
(मन मोह लेना, घुटने टेकना, रास न आना)
(ग) अनैतिक कार्यों की पोल खुलने से व्यक्ति के …………. है।
(मुँह पर रंग लगना, मुंह पर कालिख लगाना, मुँह पर छींटे मारना)
(घ) अहिल्याबाई की वीरता की सभी थे।
(भूरि-भूरि प्रशंसा करना, विचलित होना, निन्दा करना)
(ङ) अहिल्याबाई ने पेशवा के सामने …………… थे।
(पैर टेकना, सिर टेकना, घुटने न टेकना)
(च) विदेशी भी भारतीय नारियों की वीरता देखकर …………. थे।
(आँख मूंद लेते थे, दाँतों तले अंगुली दबा लेते, कानों पर हाथ रख लेते थे)
उत्तर
(क) छक्के छूट जाते
(ख) मन मोह लिया
(ग) मुँह पर कालिख लग जाती
(घ) भूरि-भूरि प्रशंसा करते
(ङ) घुटने नहीं टेके
(च) दाँतों तले अँगुली दबा लेते।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के स्त्रीलिंग रूप लिखिए
शीलवान, बुद्धिमान, सुत, घोड़ा, नाना, जेठ, सेठ, ठाकुर।
उत्तर
स्त्रीलिंग-शीलवती, बुद्धिमती, सुता, घोड़ी, नानी, जेठानी, सेठानी, ठकुराइन।
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