बोध प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) कवि का ठहरने से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर
ठहरने से कवि का तात्पर्य है, गतिहीन हो जाना, किसी भी प्रकार की उन्नति से रहित। दूसरा अर्थ जीवन का रुक जाना भी होता है।
(ख) हमें अपने साथ किन्हें लेकर चलना है?
उत्तर
हमें अपने साथ जमाने को लेकर चलना है। साथ ही, पिछड़े हुए लोगों को भी आगे बढ़ाना है।
(ग) जीवन की बाधाओं को कैसे दूर किया जा सकता है?
उत्तर
पक्के निश्चय से (पक्के इरादों से) जीवन की बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
(घ) कवि के अनुसार मनुष्य को कब पछताना पड़ता है?
उत्तर
काम करने के उचित अवसर के हाथ से निकाल दिये जाने पर मनुष्य को पछताना पड़ता है।
(ङ) कवि निरन्तर चलते रहने को महत्त्व क्यों दे रहा है?
उत्तर
कवि निरन्तर चलते रहने को महत्त्व इसलिए दे रहा है, क्योंकि ठहरना पतन का और मृत्यु का प्रतीक है। जीवन में ठहराव अवनति लाने वाला होता है।
(च) समय व्यर्थ क्यों नहीं गवाना चाहिए?
उत्तर
हमें अपना समय व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए। अपनी जिम्मेदारी का निभाना ही ईश्वर की पूजा है। अतः प्रत्येक क्षण का सही उपयोग करते हुए काम को पूरा करें, नहीं तो काम करने के उचित अवसर के बीत जाने पर हमें पछताना पड़ेगा।
प्रश्न 2.
निम्नांकित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए
(क) तुमको प्रतीक बनना है, विश्व प्रगति का।
तुमको जनहित के साँचे में ढलना है।
उत्तर
हे मनुष्य, तुम्हें संसार की प्रगति के प्रतीक (पहचान) बनकर प्रत्येक मनुष्य की भलाई के लिए एक साँचा . (आदर्श) बन जाना चाहिए।
(ख) जितने भी रोड़े मिलें, उन्हें ठुकराओ।
पच के कांटों को पैरों से दलना है।
उत्तर
हे मनुष्य, तुम्हारे मार्ग में कितनी ही बाधाएँ और रुकावटें भले ही आ जाएँ, परन्तु उन्हें अपने पैर की ठोकर से हटा दो। मार्ग में कितने भी काँटे हो सकते हैं, परन्तु हिम्मत के साथ उनके ऊपर से चलते हुए, उन्हें कुचलते हुए आगे ही आगे बढ़ते जाना चाहिए। मार्ग की बाधाओं और रुकावटों को हिम्मत से दूर करते हुए, अपने निश्चित मार्ग पर आगे ही आगे गतिमान बने रहना हमारा कर्तव्य है।
प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) सुख की खोज बड़ी ………….. है।
(ख) जनहित के साँचे में ……….. है।
(ग) काँटों को पैरों से ……….. है।
(घ) अवसर खोकर हाथ ………… है।
(ङ) प्रण से तुम्हें नहीं ………. है।
उत्तर
(क) छलना
(ख) ढलना
(ग) दलना
(घ) मलना
(ङ) टलना
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए। साथ ही कविता में उन पंक्तियों को छाँटकर लिखिए, जिनमें इन मुहावरों का प्रयोग हुआ है
(क) साँचे में ढलना
(ख) हाथ मलना
(ग) व्रत लेना
(घ) जुट जाना
(ङ) अवसर खोना।
उत्तर
(1) अर्थ-(क) अनुसार बन जाना
(ख) पछताना
(ग) प्रतिज्ञा कर लेना
(घ) लग जाना
(ङ) समय को निकाल देना।
(2) पंक्तियाँ जिनमें मुहावरों का प्रयोग हुआ है
(क) तुमको जनहित के साँचे में ढलना है।
(ख) अवसर खोकर तो सदा हाथ मलना है।
(ग) जब चलने का व्रत लिया, ठहरना कैसा?
(घ) जो कुछ करना है, उठो ! करो, जुट जाओ।
(ङ) अवसर खोकर तो सदा हाथ मलना है।
प्रश्न 2.
इस कविता के तुकान्त शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर
(क) चलना, टलना, छलना, ढलना, दलना मलना।
(ख) पतन, जीवन।
(ग) चलाओ, बढ़ाओ, ठुकराओ, जुट जाओ, गँवाओ।
(घ) आती, जाती।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों के । विलोम शब्द भरिए
(क) जीवन में उत्थान और ………… आते ही रहते हैं।
(ख) कहीं भी अधिक ठहरना अच्छा नहीं, हमेशा प्रगति के – पथ पर ……..अच्छा है।
(ग) पशु-पक्षी भी अपना हित ……….. जानते हैं।
(घ) असफलता के बाद ……….का मिलना एक प्रक्रिया
(ङ) सुख सभी चाहते हैं ………कोई नहीं।
उत्तर
(क) पतन
(ख) चलना
(ग) अनहित
(घ) सफलता
(ङ) दुःख।
प्रश्न 4.
दिये गये प्रयोगों की तरह नीचे दिए गए वाक्यों 1 में ‘मत’ का प्रयोग कीजिए।
(क) रुको मत, आगे बढ़ो।
(ख) पढ़ो मत, बात करो।
(ग) हँसो मत, भोजन करो।
(घ) भागो मत, धीरे चलो।
उत्तर
(क) मत रुको, आगे बढ़ो।
(ख) पढ़ो, मत बात करो।
(ग) मत हँसो, भोजन करो।
(घ) मत भागो, धीरे चलो।
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