प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखो)
(क) दशरथस्य कति पुत्राः आसन्? (दशरथ के कितने पुत्र थे?)
उत्तर:
चत्वारः (चार)
(ख) चतुर्णा राजपुत्राणां विवाहः कुत्र अभवत्? (चारों राजपुत्रों का विवाह कहाँ हुआ?)
उत्तर:
मिथिलायां (मिथिला में)
(ग) सीतान्वेषणाय को वने अभ्रमताम्? (सीता की खोज करने के लिए कौन वन में घूमते रहे?)
उत्तर:
रामलक्ष्मणौ (राम और लक्ष्मण)।
प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत (एक वाक्य में उत्तर लिखो)
(क) अयोध्यानगरी कस्मिन् प्रदेशे अस्ति? (अयोध्यानगरी किस प्रदेश में है?)
उत्तर:
अयोध्यानगरी उत्तर प्रदेशे अस्ति। (अयोध्या नगरी उत्तर प्रदेश में है।)
(ख) रामलक्ष्मणौ कः स्वस्य आश्रमम् अनयत्? (राम-लक्ष्मण को कौन अपने आश्रम ले गया?)
उत्तर:
रामलक्ष्मणौ विश्वामित्रः स्वस्य आश्रमम् अनयत्। (राम-लक्ष्मण को विश्वामित्र अपने आश्रम को ले गये।)
(ग) सीतायाः विवाहः केन सह अभवत्? (सीता का विवाह किसके साथ हुआ?)
उत्तर:
सीतायाः विवाहः रामेण सह अभवत्। (सीता का विवाह राम के साथ हुआ।)
(घ) वानराः कुत्र सेतुनिर्माणम् अकुर्वन्? (वानरों ने कहाँ पुल का निर्माण किया?)
उत्तर:
वानराः सागरे सेतुनिर्माणम् अकुर्वन्। (वानरों ने समुद्र पर पुल का निर्माण किया।)
(ङ) आदिकवि कः अस्ति? (आदिकवि कौन हैं?)
उत्तर:
आदिकवि: वाल्मीकिः अस्ति। (आदि कवि वाल्मीकि हैं।)
प्रश्न 3.
रिक्तस्थानानि पूरयत (रिक्त स्थानों को भरो)
(क) सीतायाः विवाहः ……….. सह अभवत्।
(ख) रावणः ………. कपटेन अहरत्।
(ग) वानराः ………. सेतुनिर्माणम् अकुर्वन्।
(घ) ………….. राक्षसराजः रावणः युद्धे हतः।
(ङ) ………… रामचरितं रामायणे महाकाव्ये अवर्णयत्।
उत्तर:
(क) रामेण
(ख) सीतां
(ग) सागरे
(घ) रामेण
(ङ) आदिकवि: वाल्मीकिः।
प्रश्न 4.
रिक्तस्थानानि पूरयत (रिक्त स्थानों को भरो)
प्रश्न 5.
रिक्तस्थानानि पूरयत (रिक्त स्थानों को भरो)
प्रश्न 6.
पाठे आगतान् लङ्लकारप्रयोगान् सूचीबद्धं कृत्वा लिखत (पाठ में आये हुए लङ् लकार के प्रयोगों को सूचीबद्ध करके लिखो)
उत्तर:
लङ् लकार के प्रयोगों की सूची-
अकरोत्
आसन्
अनयत्
अशिक्षत्
अभवत्
अगच्छत्
अगच्छताम्
अवसन्
अहरत्
अभ्रमताम्
अपश्यत्
अकुर्वन्
अकरोत्
हतः
प्रत्यागच्छन्
अभवन्
अवर्णयत्।
योग्यताविस्तारः
चिह्नाङ्कितपदानां स्थाने लङ्लकारस्य प्रयोगं कृत्वा भूतकाले कथां लिखत (रेखांकित शब्दों के स्थान पर लङ्लकार का प्रयोग करके भूतकाल में कथा लिखो)-
एकः काकः अस्ति। काकः कुतश्चित् एकां रोटिका प्राप्नोति। काकं शृगालः पश्यति। रोटकां चोरयामिति उपायं चिन्तयति। सः काकस्य समीपं गच्छति। वदति च “भवान् मधुरं गायति इति श्रुतवान्, कृपया एकवारं गायतु” इति। काकः चिन्तयति “एषः दुष्टः मम रोटिकां चोरयितुं चिन्तयति इति।” सः रोटिकां पादस्य अधः स्थापयति। ‘काँव् काँ’ इति गायति। रोटिका अधःन पतति। शृगालः खिन्नः सन्ततः गच्छति। काकः रोटिका खादति प्रसन्नः भवति च।
उत्तर:
एकः काकः आसीत्। काक: कुतश्चित् एकां रोटिकां अवाप्नोत्। काकं शृगालः अपश्यत्। रोटिकाम् चोरयामिति उपायं । अचिन्तयत्। सः काकस्य समीपं अगच्छत्। वदति च ‘भवान् मधुरं गायति इति श्रुतवान्, कृपया एकवारं गायतु’, इति। काकः अचिन्तयत् “एषः दुष्टः मम रोटिकां चोरयितुं चिन्तयति इति।” रोटिकां पादस्य अधः अस्थापयत्। ‘काँ-काँव्’ इति अगयात्। रोटिका अधः न अपतत्। शृगालः खिन्नः सन् ततः अगच्छत्। काकः रोटिकां अखादत् प्रसन्नः अभवत् च।
रूपान्तर :
एक कौआ था। कौए ने कहीं से एक रोटी प्राप्त कर ली। कौए को गीदड़ ने देख लिया रोटी को चुराता हूँ-ऐसा उपाय सोचा। वह कौए के पास गया। और बोलता है-“आप मधुर गाते हो” ऐसा सुना है। कृपा करके एक बार गाओ। कौए ने सोचा! “यह दुष्ट मेरी रोटी को चुराने की सोच रहा है।” रोटी को पैर के नीचे रख लिया। “काँव-काँव इस तरह गाने लगा। रोटी नीचे नहीं गिरी। गीदड़ दुखी होकर वहाँ से चला गया। कौए ने रोटी को खा लिया और प्रसन्न हो गया।
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