तत्पुरुष समास
परिभाषा:
जब दो पद (शब्द) आपस में मिलकर एक नया अर्थ प्रकट करते हैं और उनमें से पहला शब्द दूसरे शब्द का विशेषण या पूरक होता है, तो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
तत्पुरुष समास की विशेषताएँ:
- संबंध सूचक: इसमें दो पदों के बीच कोई संबंध होता है, जैसे- कर्ता, कर्म, संबंध, साधन आदि।
- विभक्ति लोप: तत्पुरुष समास में विभक्ति (जैसे के, से, का, में आदि) का लोप हो जाता है।
- सम्बंधित अर्थ: पहला शब्द अक्सर विशेषण या उपपद के रूप में कार्य करता है और दूसरा प्रधान होता है।
तत्पुरुष समास के भेद:
तत्पुरुष समास को उनके संबंध के आधार पर विभिन्न प्रकारों में बांटा गया है। ये हैं:
- कर्तरि तत्पुरुष
- जिसमें पहला पद कर्ता (Subject) होता है।
- उदाहरण:
गोदुग्धम् (गाय का दूध)
बालकः (बाल का)
- कर्मधारय तत्पुरुष
- जिसमें पहला पद दूसरे का विशेषण होता है।
- उदाहरण:
राजपुरुष (राजा का पुरुष)
नीलकंठ (नीला कंठ)
- कर्म तत्पुरुष
- जिसमें पहला पद कर्म (Object) को दर्शाता है।
- उदाहरण:
गंगाजलम् (गंगा का जल)
ग्रामगतः (ग्राम में गया हुआ)
- अपादान तत्पुरुष
- जिसमें पहला पद अपादान कारक (Separation or Source) को दर्शाता है।
- उदाहरण:
ग्रामात् (ग्राम से)
पर्वताग्रः (पर्वत का शिखर)
- सम्प्रदान तत्पुरुष
- जिसमें पहला पद सम्प्रदान (Receiver) को दर्शाता है।
- उदाहरण:
गुरुदत्तम् (गुरु को दिया हुआ)
- अपादान तत्पुरुष
- जिसमें पहला पद साधन (Instrument) को दर्शाता है।
- उदाहरण:
धनुष्बाणम् (धनुष से तीर)
- अधिकरण तत्पुरुष
- जिसमें पहला पद स्थान, समय, या स्थिति को दर्शाता है।
- उदाहरण:
ग्रामे स्थितः (ग्राम में स्थित)
तत्पुरुष समास बनाने का नियम:
- दो शब्दों को जोड़ा जाता है।
- विभक्ति चिह्न (जैसे का, के, से, में आदि) हटा दिए जाते हैं।
- नए शब्द को एक साथ लिखा जाता है।
उदाहरण:
- रामस्य गृहम् → रामगृह (राम का घर)
- गायः दुग्धम् → गोदुग्धम् (गाय का दूध)
- वनात् आगच्छति → वनागच्छति (वन से आता है)
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