रूपक अलंकार की परिभाषा
जब उपमेय (जिसकी तुलना की जाए) और उपमान (जिससे तुलना की जाए) के बीच इतनी घनिष्ठता हो कि उपमेय को उपमान के रूप में ही प्रस्तुत किया जाए और यह स्पष्ट रूप से बताया न जाए कि यह तुलना है, तो वहाँ रूपक अलंकार होता है।
मुख्य विशेषताएँ:
- रूपक अलंकार में उपमेय और उपमान को एक ही समझा जाता है।
- उपमापद (जैसे, समान, सा, जैसा आदि) का प्रयोग नहीं होता।
- यह कल्पना और सौंदर्य को अधिक सजीव रूप में प्रस्तुत करता है।
रूपक अलंकार के उदाहरण:
- चंद्रमा तुम्हारा मुख है।
- उपमेय: मुख
- उपमान: चंद्रमा
- यहाँ मुख को चंद्रमा के रूप में प्रत्यक्ष किया गया है।
- तुम्हारे केश काले बादल हैं।
- उपमेय: केश
- उपमान: बादल
- यहाँ केश को बादल के रूप में दिखाया गया है।
- जीवन एक संग्राम है।
- उपमेय: जीवन
- उपमान: संग्राम
- जीवन को सीधे संग्राम के रूप में वर्णित किया गया है।
- आँखें तारे हैं।
- उपमेय: आँखें
- उपमान: तारे
- आँखों को तारे के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
रूपक और उपमा में अंतर:
विशेषता | रूपक अलंकार | उपमा अलंकार |
---|---|---|
तुलना का तरीका | उपमेय और उपमान एक हो जाते हैं। | उपमेय और उपमान की तुलना होती है। |
तुलना सूचक शब्द | उपमापद का प्रयोग नहीं होता। | उपमापद (जैसे, समान, सा) का प्रयोग होता है। |
उदाहरण | “तुम चाँद हो।” | “तुम चाँद जैसे हो।” |
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