अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा
जब किसी वस्तु, घटना या स्थिति का वर्णन इस प्रकार किया जाए कि वह स्वाभाविकता से अधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत हो और वास्तविकता से परे लगने लगे, तो वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
अतिशयोक्ति अलंकार के मुख्य लक्षण
- किसी वस्तु, व्यक्ति या घटना का अत्यधिक वर्णन किया जाता है।
- यह वर्णन वास्तविकता से परे होता है, लेकिन वह आकर्षक और प्रभावशाली लगता है।
- इसका उद्देश्य वर्णन को भावपूर्ण और चमत्कृत करना होता है।
अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण
- तिनके-तिनके में आग लग गई, जब उसने क्रोध से आँखें घुमाईं।
- यहाँ आँख घुमाने से तिनकों में आग लगने की बात बढ़ा-चढ़ाकर कही गई है।
- उसके पैर पड़ते ही धरती कांप उठी।
- पैर रखने से धरती कांपने की कल्पना अतिशयोक्ति है।
- सागर उसके आँसुओं से भर गया।
- आँसुओं की अधिकता का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन।
- उसकी चाल से चंद्रमा भी शरमा गया।
- किसी व्यक्ति की चाल को चंद्रमा से श्रेष्ठ बताना अतिशयोक्ति है।
- उसकी हंसी से सारा जंगल गूंज उठा।
- हंसी के प्रभाव को इतना बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना कि पूरा जंगल गूंज जाए।
अतिशयोक्ति और अन्य अलंकारों में अंतर
विशेषता | अतिशयोक्ति अलंकार | उपमा अलंकार | रूपक अलंकार |
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भावना का आधार | बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन। | तुलना पर आधारित। | उपमेय को उपमान के रूप में प्रस्तुत करना। |
उदाहरण | “उसकी चीख से पहाड़ भी हिल गए।” | “उसका चेहरा चाँद जैसा है।” | “वह चाँद है।” |
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