बसंत ऋतु
सर्दी के मौसम के बाद वसंत ऋतु का आगमन होता है। यह कड़ाके की ठण्ड से राहत दिलाता है और इस मौसम में न तो अधिक ठण्ड होती है न ही अधिक गर्मी। इस ऋतु में पेड़-पैधों में नई पत्तियां आती हैं, चारो ओर पक्षियों की मनमोहक आवाजें सुनाई देतीं हैं। वसंत ऋतु में प्रकृति की खूबसूरती देखते ही बनती है इसलिए इसे ऋतुओं का राजा कहा जाता है। बंसत ऋतु के आगमन पर बंसत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। बंसत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती का जन्मदिवस भी होता है। महाशिवरात्रि, होली, बैसाखी जैसे त्यौहार भी इस ऋतु में आते हैं और बड़े धूमधाम से मनाये जाते हैं ,और यह ऋतु हर किसी को पसंद है।
होली
होली भारत के सबसे मुख्य त्यौहारों में से एक है। होली रंगों का त्यौहार है जो फाल्गुन (मार्च) के महीने में मनाया जाता है, रंगों के इस त्यौहार पर सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाकर प्रेम भावना को बढ़ाते हैं। होली सारे दुःख और गम भूलकर आपसी मेल मिलाप को बढ़ावा देने वाला त्यौहार है। इस दिन पर हम लोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, आदि खाते हैं। रंग की होली से एक दिन पूर्व होलिका दहन किया जाता है। होली का त्यौहार दो पक्षों में मनाया जाता है। पहले पक्ष में होलिका दहन होता है। होलिका दहन को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथायें प्रचलित हैं। होलिका दहन में घरों के बाहर चौराहों पर लकड़ी, घासफूस और गोबर के उपलों को जलाते हैं। दूसरे पक्ष में रंगों से होली खेली जाती है। रंग बिरंगे गुलाल, पिचकारियां और छोटे छोटे रंग भरे गुब्बारे होली की सुंदरता को बढ़ाते हैं। सभी लोग अपने सगे सम्बन्धियों के घर घर जाकर गुलाल लगाते हैं ।
गणतंत्र दिवस
भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।भारतीय इतिहास के अनुसार,15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ और 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया। स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान को भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था, और 1 साल बाद 26 जनवरी 1950 को एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ भारत का संविधान लागू किया गया था। इस दिन भारत के राष्ट्रपति राजपथ, नई दिल्ली में झंडा फहराते हैं । भारत के राष्ट्रपति, भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ भी हैं, इसलिए उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है । हर साल 26 जनवरी पर राष्ट्रपति पद्म पुरस्कार प्रदान करते हैं, जो भारत रत्न के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है । इस महान दिन पर भारतीय सेना द्वारा भव्य परेड किया जाता है जो सामान्यत: विजय चौक से शुरू होकर इंडिया गेट पर खत्म होता है । इस दौरान तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, साथ ही सेना द्वारा अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है, जो हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है ।
दीपावली
दीपावली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है । जो सभी वर्गों के लोगों के लिए उत्साहवर्धक त्यौहार है । यह मुख्यता हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। दिवाली को दीपों एवं प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है। दिवाली के दिन हिन्दू अपने घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवंबर माह में मनाया जाता है। दिवाली आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते है। दिवाली के दिन लोग अपनी दुकाने, घर, स्कूल, दफ्तर आदि को दुल्हन की तरह सजाते है। रंग -बिरंगी लाइटें, दीये, मोमबत्ती से पूरा भारत जगमगाता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके, चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे। इस खुशी के कारण वहाँ के सभी लोगों ने दीये जलाये थे । तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दिवाली के त्यौहार के रुप में मनाया जाता है । इस दिन सभी हिन्दू मिट्टी के दिये जलाते है। दिवाली के दिन लोग मिठाईया बांटते हैं ,और पटाखे जला कर खुशियां मनाते हैं। दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस होता है। इस दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन लेकर जरूर आते हैं ,और कुछ लोग इस दिन सोना- चांदी के आभूषण भी खरीदते है। मान्यता है की धनतेरस के दिन खरीददारी करने से घर में बरकत आती है।
दशहरा
दशहरा हिन्दुओ का एक प्रमुख त्यौहार है। इस त्योहार को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में दशमी को मनाया जाता है। दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। दशहरे को विजयादशमी के नाम से इसलिए भी जाना जाता है । क्योंकि श्री राम ने लगातार 9 दिन रावण के साथ लड़ाई करने के बाद दसवे दिन ही रावण और उनके सारे सेना पर विजय प्राप्त करने में सफल हुए थे। और इस दिन रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं। दशहरे के कुछ दिन पहले से ही श्री राम के चित्रण के लिए रामलीला का आयोजन किया जाता है, और दशहरे के दिन उस रामलीला को रावण के वध के साथ समाप्त कर दिया जाता है । दशहरे के दिन सरकारी छुट्टी मनायी जाती है यानी कि स्कूलों के साथ साथ सभी कामों की छुट्टी रहती है, और इसे भारत के कई अलग-अलग जगहों पर मनाया जाता है और जहां पर भी या त्यौहार मनाया जाता है । वहां पर मेले आदि का आयोजन किया जाता है। दशहरा के पहले लगातार 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और नवरात्र मनाया जाता है । यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
गांधी जयंती
2 अक्टूबर के दिन गांधी जयंती मनाई जाती है। 2 अक्टूबर को ही गांधीजी का जन्म हुआ था। देश की आजादी में राष्ट्रपिता के योगदान को देखते हुए हर साल उनके सम्मान में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन सरकारी अवकाश होता है। इस मौके पर स्कूलों और सरकारी संस्थानों में तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। स्कूलों में निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। सरकारी कार्यक्रमों में गांधीजी को श्रद्धांजलि दी जाती है और उनके शिक्षाओं एवं आदर्शों के महत्व को बताया जाता है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है हालाँकि वह बापू और राष्ट्रपिता तथा महात्मा गाँधी के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस दिन पर, नयी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गाँधी को उनके समाधि स्थल पर भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के द्वारा प्रार्थना, फूल, भजन आदि के द्वारा श्रद्धाजलि अर्पित की जाती है। उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी की शादी मात्र 13 साल की उम्र में कस्तूरबा बाई से हुई। 1890 में इंग्लैंड से वकील बनकर भारत लौटे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना पूरा जीवन दे दिया। ब्रिटिशों के खिलाफ महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए, जिसमें चंपारण आंदोलन, खेड़ा आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, नामक आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन मुख्य रूप से शामिल है। महात्मा गाँधी की हत्या 30 जनवरी 1948 में नाथूराम गोडसे नामक मराठा ने दिल्ली के प्राथना सभा में की।
ईद
ईद मुसलमान समुदाय का सबसे पवित्र धार्मिक त्योहार है। ईद से पहले 30 दिनों तक रमजान का पवित्र महिना होता है, जिसमें सभी मुस्लिम उपवास रखते हैं। 30 दिन के बाद ईद का त्योहार आता है। ईद पर मुसलमान एक साथ नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह से सबकी सलामती की दुआ करते हैं। रमज़ान के पाक महीने में रोज़े रखने के बाद ईद-उल-फ़ित्र यानी कि मीठी ईद का त्योहार मनाया जाता है। कुरान के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि अल्लाह ईद के दिन अपने सभी बंदों को कुछ-न-कुछ बख्शीश और इनाम ज़रूर देते हैं। इसीलिए इस दिन को ईद कहा जाता है और ईद मनाई जाती है। ईद के दिन सभी बच्चों को उनके अब्बू और अम्मी से ईदी यानी कि पैसे, तोहफे, कपड़े, मिठाइयाँ आदि चीज़ें भी मिलती हैं। बख्शीश और इनाम के इस दिन को ही ईद कहते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन पैगम्बर हज़रत मुहम्मद की बद्र की लड़ाई में जीत हुई थी और इसी जीत की खुशी में उन्होंने सभी लोगों में मिठाई बांटकर उनका मुंह मीठा करवाया गया था। बस तभी से इस दिन को मीठी ईद के रूप में मनाया जाने लगा। ईद-उल-फ़ित्र के ठीक ढाई महीने बाद ही ईद-उल-अज़हा आती है। ईद-उल-अज़हा को बकरीद और ईद-ए-कुर्बानी भी कहते हैं। एक महीना रमज़ान के रोज़े रखने के बाद मुसलमान अपने खुदा का शुक्रिया अदा करते हैं। जो मुसलमान रोज़ेे रखते हैं, वह सहरी और इफ्तार की दुआ पढ़ने के बाद ही पानी पीते हैं और खाना खाता हैं। रमज़ान की आखिरी शाम जब चाँद निकल आता है, तो अगले दिन ईद होती है। ईद के दिन की शुरुआत मुसलमान सुबह की पहली नमाज़ अदा करके करते हैं। इसे इस्लाम में सलात अल-फज्र कहा जाता है। नमाज़ पढ़ने के लिए वह मस्जिद या ईदगाह जाते हैं और नमाज़ पूरी होने के बाद वह एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। फिर अपने घर लौटने के बाद पूरे परिवार में ईद मुबारक करते हैं और छोटे बच्चे अपने बड़ों की दुआएं लेते हैं। मीठी ईद के दिन सभी मुस्लिम घर में कुछ मीठा जरूरी बनता है, जिसे वह खुद भी खाते हैं और गरीबों में भी बाँटते हैं। ईद पर नए कपड़ें पहनकर वह अपने रिश्तेदारों के यहाँ ईद की मुबारकबाद देने के लिए जाते हैं। ईद के दिन मुसलमान दान या जकात भी ज़रूर देते हैं। इस तरह से रमज़ान के पाक महीने को विदा किया जाता है और खुदा का शुक्रिया अदा करके और ज़रूरत मंद लोगों की मदद कर उनमें खुशियाँ बाँटकर ईद मनाई जाती है।
शिक्षक दिवस
भारत में शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को मनाया जाता है। 5 सितंबर 1888 को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है। जो भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। वह एक शिक्षक और एक दार्शनिक भी थे। एक शिक्षक के रूप में वह छात्रों के साथ बहुत दोस्ताना था। जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने, उनके कुछ छात्र 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाना चाहते थे, जिस पर उन्होंने कहा कि यदि इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह उनका सौभाग्य होगा। तब से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस शिक्षकों के सम्मान में मनाया जाता है। अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस पुरे विश्व में 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पर स्कूलों में शिक्षकों के सम्मान में आयोजन होता है। बच्चे अपने प्रिय शिक्षकों को आज के दिन उपहार भी देते है। सरकार द्वारा भी आज के दिन कुछ शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। स्कूलो में इस दिन निबंध नृत्य आदि प्रतियोगिता का आयोजन भी होता है। यह दिन शिक्षकों को सम्मान और आभार प्रकट करने के लिए समर्पित किया गया है । अपने शिक्षकों को सम्मान देने के लिये विद्यार्थियों द्वारा ये हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है । हमारे जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन के त्योहार को भाई बहन के प्यार का प्रतिक माना जाता है, जिसे राखी का त्योहार भी कहा जाता है। रक्षा बंधन का अर्थ है – सुरक्षा का बंधन । इस दिन बहन रोली – चावल ,दीपक , मिठाई तथा राखी से पूजा की थाली को सजाती है। रक्षा बंधन के दिन सवेरे सवेरे बहन स्नान कर नए वस्त्र पहन कर भाई का इन्तजार करती है । भाई यदि किसी अन्य देश विदेश में है तो उनके लिए राखी भेजती है । बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी कलाई पर राखी बांधती है। बहन अपने भाई की आरती उतारती है तथा उसे मिठाई खिलाती है और अपने भाई की कुशलता तथा समृद्धि की प्रार्थना करती है। भाई राखी बाँधने के पश्चात् अपनी बहन को दक्षिणा स्वरूप रुपये देते हैं । या कुछ उपहार देते हैं। इस त्यौहार में राखी को शक्ति, विश्वास और रक्षा का सूत्र माना जाता है। यह त्यौहार भाई – बहन के रिश्ते को और अधिक मजबूत बनता है। और यह त्यौहार भाई – बहन के पवित्र प्रेम, स्नेह तथा विश्वास का प्रतीक है।
पर्यावरण
पर्यावरण दो शब्दो से मिलकर बना है परि+आवरण जिसका अर्थ है चारो तरफ से घिरा हुआ। नदी , तालाब , भूमि , वायु , पौधे, पशु-पक्षी आदि बनकर पर्यावरण का निर्माण करते हैं। पर्यावरण मनुष्यों के साथ -साथ धरती के सभी जीवों के जीवन को भी प्रभावित करता है। सन् 1973 से प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। पर्यावरण सभी प्रकार के जैविक व अजैविक घटकों और घटनाओं से मिलकर बनता है। सभी मानवीय गतिविधियां पर्यावरण को बडे स्तर पर प्रदूषित कर रही है। अपने पर्यावरण को बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। प्रकृति में हस्तक्षेप किए बिना इसे स्वच्छ और हरा भरा रखना हमारी जिम्मेदारी है।
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