द्विगु समास परिभाषा: जब दो समान या समानार्थक शब्द मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं, जिसमें दोनों शब्दों का योग (गुण या संख्या) व्यक्त होता है, तो उसे द्विगु समास कहते हैं। सरल शब्दों में: द्विगु समास उन शब्दों का समास है, जिसमें दोनों शब्दों के मिलकर बनने वाले नए शब्द में कोई संख्या या […]
अव्ययीभाव समास परिभाषा: जब एक अव्यय (जो रूप नहीं बदलता) दूसरे शब्द के साथ मिलकर एक नया शब्द बनाता है और यह समास का अर्थ एक विशेष संबंध या गुण को व्यक्त करता है, तो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। सरल शब्दों में: यह समास उन शब्दों का संयोजन है जिसमें पहला शब्द अव्यय होता […]
बहुव्रीहि समास परिभाषा: जब समास के पदों से बना नया शब्द किसी तीसरे व्यक्ति, वस्तु या विशेषता का बोध कराता है, और वह स्वयं अपने पदों के अर्थ का द्योतक न होकर दूसरे का संकेत करता है, तो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। सरल शब्दों में: बहुव्रीहि समास में जो शब्द बनता है, वह किसी […]
कर्मधारय समास परिभाषा: जब दो पद (शब्द) समान रूप से महत्वपूर्ण होते हैं और उनमें से पहला शब्द दूसरे शब्द का विशेषण (विशेषता बताने वाला) हो, तो उसे कर्मधारय समास कहते हैं। कर्मधारय समास की विशेषताएँ: विशेषण और विशेष्य का संबंध: पहला शब्द विशेषण होता है और दूसरा प्रधान शब्द। विभक्ति का लोप: समास बनने […]