Notes For All Chapters Hindi Vasant Class 8
समुद्र के किनारे ऊँचे पर्वत की अँधेरी गुफा में एक साँप रहता था। समुद्र की तूफानी लहरें धूप में चमकतीं , झिलमिलातीं और दिन भर उस पर्वत की चट्टानों से टकराती रहती थीं।और उस पर्वत की अँधेरी घाटियों में एक नदी भी बहती थी। जो अंतत: समुद्र में आकर मिल जाती थी।
साँप अपनी गुफा में आराम से बैठकर समुद्र की लहरों की आवाज़ और नदी के शोर को चुपचाप शांति से सुनता रहता था। वह अपनी जिंदगी से पूरी तरह संतुष्ट था क्योंकि वह सोचता था कि वह उस गुफा का मालिक है। और अपनी उस गुफा में सुरक्षित और सुखी है।
लेकिन एक दिन एक बाज उसकी गुफा में घायल अवस्था में गिर पड़ता हैं। जो उसकी जिंदगी को कुछ क्षण के लिए बदल देता हैं।
पहले तो साँप अपनी गुफा में बाज को देख कर डर गया। लेकिन जब उसे लगा कि बाज मरणासन्न अवस्था में है। तो वह धीरे-धीरे सरकते हुए उसके पास गया। पास जाने पर बाज ने बताया कि उसका जीवन अब समाप्त होने वाला है। लेकिन उसे अपने मरने का कोई दुख नहीं है। क्योंकि उसने अपने जीवन के हर पल को भरपूर जिया हैं। दूर-दूर तक खूब लम्बी उड़ानें भरी हैं। स्वतंत्रता पूर्वक आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ।
बाज की ऐसी बातें सुनकर सांप बाज से कहता है कि आसमान में क्या रखा है। वह तो जमीन में रहते हुए भी सुरक्षित , प्रसन्न व सुखी हैं। और अपनी इस गुफा में बेहद खुश हैं । सांप के ऐसा कहने पर बाज ने गुफा की तरफ एक नजर दौड़ाई और गुफा से आने वाली दुर्गंध को महसूस किया। जो उसे बिल्कुल पसंद नहीं आई।
फिर बाज साँप से कहता हैं कि आकाश में उड़ना बेहद आनन्ददायक होता है। इसीलिए वो एक अंतिम बार फिर उड़ना चाहता है। साँप बाज को अपनी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिये प्रोत्साहित करता है ।और बाज अपनी पूरी हिम्मत और साहस बटोर कर एक बार फिर उड़ने की कोशिश करता है।
किंतु उसके टूटे हुए पंखों में इतनी शक्ति नहीं थी कि वो उसके घायल शरीर का बोझ सँभाल सकें।और वह सीधे समुद्र में जा गिरता है। थोड़ी देर बाद बहता हुआ समुद्र की लहरों में गायब हो जाता है।साँप बाज का ऐसा हाल देखकर हैरान होता है। और मन ही मन सोचता हैं कि आसमान में उड़ने में ऐसा क्या आनंद आता है कि बाज ने अपने प्राण तक गँवा दिए।
साँप के मन में भी उड़ने की इच्छा जागती है। और वह भी उड़ने की कोशिश करता हैं। चूंकि सांप का शरीर प्रकृति ने उड़ने के हिसाब से नहीं बनाया है। इसीलिये जैसे ही वह उड़ने के लिये अपने शरीर को हवा में उछालता है तो औंधे मुंह ज़मीन पर आ गिरता है। लेकिन किसी तरह से बच जाता है ।
अब सांप सोचता हैं कि उड़ने में कोई आनंद नहीं है। सारे पक्षी मूर्ख होते हैं। असली सुख तो धरती में ही हैं। ये पक्षी तो व्यर्थ में ही आकाश की ऊँचाइयों को नापना चाहते थे। लेकिन अब मैं कभी-कभी उड़ने की कोशिश नहीं करूंगा। आराम से सुरक्षित जमीन पर रहूंगा।
अभी सांप अपनी गुफा में बैठा यही बातें सोच ही रहा था कि तभी उसके कानों में सुंदर गीतों की मधुर ध्वनि सुनाई पड़ी। इस समंदर में इतने मधुर स्वर में कौन गा रहा है। यही देखने के लिए सांप अपनी गुफा से बाहर आया तो देखा कि समुद्र की लहरें उस बाज की प्रशंशा में मधुर गीत गा रही थी । जिसने बिना हार माने , बिना हिम्मत गँवाये , आकाश में उड़ने की चाहत में अपने प्राणों की बाजी लगा दी।
गीत गाते हुए लहरें कह रहीं थी कि उनका यह सुंदर गीत उन बहादुर व हिम्मती लोगों के लिए है जो अपने लक्ष्य व अपनी स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए अपने प्राणों की परवाह भी नहीं करते हैं। आगे लहरें कह रहीं थी कि इस दुनिया में वही चतुर है जो अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर , आने वाले हर खतरे का बहादुरी से सामना करे और अपनी जिंदगी को पूरी आजादी के साथ भरपूर जिए।
यहां पर लेखक समुद्र की लहरों के माध्यम से सभी को यह संदेश देना चाहते हैं कि लगातार और बार-बार प्रयास करने से ही सफलता मिलती है। भले ही आपको शुरुवात में असफलता का सामना क्यों ना करना पड़े लेकिन आप तब तक प्रयास करते रहें। जब तक आप अपने लक्ष्य को प्राप्त नही कर लेते।
उसके बाद समुद्र की लहरें बाज से कहती हैं कि ओ निडर बाज !! शत्रुओं से लड़ते हुए तुमने अपना कीमती रक्त बहाया है। पर वह समय दूर नहीं है , जब तुम्हारे खून की एक-एक बूँद जिंदगी के अँधेरे में प्रकाश फैलाएगी और साहसी , बहादुर दिलों में स्वतंत्रता और प्रकाश के लिए प्रेम पैदा करेगी”। बाज़ की बहादुरी व कुर्बानी के आगे लहरें नतमस्तक थी। ये पंक्तियों स्वतंत्रता के लिए प्रेम का भाव भी पैदा करती हैं।
उसके बाद लहरों ने बाज से कहा कि तुम मर कर भी अमर हो और जब भी इस दुनिया में वीरता के गीत गाए जाएंगे , तुम्हारा नाम उन गीतों में श्रद्धा के साथ लिया जाएगा।
और अंत में लहरें कहती हैं कि “हमारा गीत जिंदगी के उन दीवानों के लिए है जो मर कर भी मृत्यु से नहीं डरते”।
Leave a Reply