Notes For All Chapters Hindi Vasant Class 8
अकबरी लोटा अन्नपूर्णानन्द वर्मा जी द्वारा लिखी गयी एक रोचक कथा है। लाला झाऊलाल एक खाते पीते परिवार के व्यक्ति थे। काशी के ठठेरी बाज़ार में मकान था। नीचे के दुकानों से उन्हें एक सौ मासिक आमदनी हो जाया करती थी। एक दिन पत्नी ने एकाएक ढाई सौ रुपये की माँग कर दी। लाला जी ने मुँह बनाया ओ पत्नी ने अपने भाई से मांग लेने की बात की। इस बात से वे तिलमिला गए। उन्होंने एक सप्ताह के अन्दर रुपये देने का वादा किया।
इस घटना को हुए चार दिन बीत जाने पर भी लाला जी रुपयों का प्रबंध न कर सके। उनकी प्रतिष्ठा का प्रश्न था। रुपयों को न देने पर ही उनकी साख गिर जाती। पांचवें दिन उन्होंने अपनी व्यथा पंडित बिलवासी मिश्र को बताई ,जिन्होंने किसी प्रकार रुपयों का प्रबंध करने की बात कही। आज रुपयों को देने का अंतिम दिन था। लाला जी बहुत परेशान हो गए थे। चिंतामग्न होकर पानी मंगाया। पत्नी ने एक बेढंगे से लोटे में पानी दिया ,जिसे वे देखना भी
अकबरी लोटा
पसंद नहीं करते थे। अचानक उनके हाथ से लोटा छूट गया। वह तेज़ गति से गिरता हुआ ,किसी अंग्रेज को नहलाकर उसके पैरों में जोर से गिरा।जिससे अंग्रेज के पैर का अंगूठा चोटिल हो गया। वह बहुत ही गालियाँ बकता हुआ ,भीड़ के साथ लाला झाऊलाल के घर में घुसा। इस समय भीड़ को चीरते हुए बिलवासी मिश्र हाज़िर हुए। उन्होंने अंग्रेज को छोड़कर बाकी भीड़ को भगाया। बिलवासी मिश्र जी ने अंग्रेज को आदर के साथ कुर्सी पर बैठाया। साथ ही लाला के प्रति अशिष्टता जाहिर की। बिलवासी जी ने लोटे के प्रति लालसा दिखाई। अंग्रेज को लोटा एतिहासिक बताया। लोटा अतिहसिक होने के कारण साथ ही अकबरी लोटा है। यही वही लोटा है ,जिसमें हुमायूँ ने सिंध में किसी ब्राह्मण के हाथ से पानी दिया था। फिर अकबर ने ब्राह्मण का पता लगाकर उससे लोटा लिया और बदले में ब्राह्मण को दस सोने के लोटे दान में दिए। सन ५७ तक इसे साही घराने में होने का पता है। इसके बाद यह लापता हो गया। संसार भर में मुजियम वाले इस लोटे की चाह में है।
इतनी सारी प्रशंसा सुनकर अंग्रेज को लालच आ गया। लेकिन बिलवासी मिश्र जी पचास रुपये की बाजी लगायी। जिस पर अंग्रेज भी पैसे का दाँव लगाते गया।अंत में पांच सौ की बोली लगाते हुए अंग्रेज लोटे को खरीद लिया। उसने बताया कि वह अपने पड़ोसी मेजर डगलस को ले जाकर दिखलायेगा ,जो की जहाँगीरी अंडा ले गया।अतः वह डगलस से एक पुश्त आगे की वस्तु ले जा रहा है। बिलवासी मिश्र ने लाला को रूपये संभाल कर रखने को रखे। लाला द्वारा रूपये के प्रबंध के सम्बन्ध में प्रश्न करने पर ईश्वर जाने के बात कहकर घर चल दिए।
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