MCQ मिठाईवाला Chapter 4 Hindi Class 7 Vasant हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Hindi Class 7th 1. ‘मिठाईवाला’ पाठ के लेखक के नाम हैंभवानीप्रसाद मिश्रभगवतीप्रसाद वाजपेयीविजय तेंदुलकरशिवप्रसाद सिंहQuestion 1 of 282. किसके गान से हलचल मच जाती थी?किसी गायक केशास्त्रीय संगीतज्ञ सेखिलौनेवाले केइनमें कोई नहींQuestion 2 of 283. रोहिणी ने बच्चों से क्या जानना चाहा था?कहाँ से खरीदाकितने में खरीदाकब खरीदाQuestion 3 of 284. बच्चों ने हाथी-घोड़े कितने में खरीदा था?दो रुपए मेंदो पैसे मेंतीन पैसे मेंपचास पैसे मेंQuestion 4 of 285. खिलौनेवाले का गान गली भर के मकानों में कैसे लहराता था?झील की तरहसागर की तरहदो आने मेंतीन रुपए मेंQuestion 5 of 286. चुन्नू-मुन्नू ने कितने में खिलौने खरीदे थे?तीन पैसे मेंदो पैसे मेंदो आने मेंतीन रुपए मेंQuestion 6 of 287. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया?मिठाईवाले काखिलौनेवाले काफेरीवाले काबच्चों काQuestion 7 of 288. रोहिणी ने मुरलीवाले की बातें सुनकर क्या महसूस किया?ऐसे फेरीवाले आते-जाते रहते हैं ।वह महँगा सामान बेचता हैऐसा स्नेही फेरीवाला पहले नहीं देखामुरलीवाला अच्छा व्यवहार नहीं करताQuestion 8 of 289. फिर वह सौदा भी कैसा भी सस्ता बेचता है? अर्थ के आधार पर वाक्य भेद हैसंकेतवाचकविधानवाचकविस्मयादिबोधकइच्छासूचकQuestion 9 of 2810. उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता। उपरोक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम है-फेरीवाला-नागार्जुनदादी माँ-शिवप्रसाद सिंहकठपुतली-भवानीप्रसाद मिश्रमिठाईवाला - भगवती प्रसाद वाजपेयीQuestion 10 of 2811. उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता। खिलौनेवाले का स्वर कैसा था?मार्मिककर्कशमीठातीखाQuestion 11 of 2812. उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता। किसके गान से हलचल मच जाती थी?बच्चों केआसपास के रहने वालों केभिखारी केखिलौनेवाले केQuestion 12 of 2813. उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता। युवतियाँ कहाँ देखने लगी थी?बगल मेंछत के ऊपरनीचे की ओरभीड़ की ओरQuestion 13 of 2814. उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता। बच्चे किसे घेर लेते थे-पड़ोसियों कोदोस्तों कोखिलौनेवाले कोयुवती कोQuestion 14 of 2815. नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह ! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!” एक व्यक्ति ने पूछ लिया-“कैसा है वह मुरलीवाला, मैंने तो उसे नहीं देखा!” उत्तर मिला-“उम्र तो उसकी अभी अधिक न होगी, यही तीस-बत्तीस का होगा। दुबला-पतला गोरा युवक है, बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता है।” नगर में क्या समाचार फैल गया था?खिलौनेवाले के आने कीसब्जीवाले के आने कीमदारी के आने कीमुरलीवाले के आने कीQuestion 15 of 2816. नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह ! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!” एक व्यक्ति ने पूछ लिया-“कैसा है वह मुरलीवाला, मैंने तो उसे नहीं देखा!” उत्तर मिला-“उम्र तो उसकी अभी अधिक न होगी, यही तीस-बत्तीस का होगा। दुबला-पतला गोरा युवक है, बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता है।” मुरली का दाम था-एक-एक पैसादो-दो पैसेचार आनेएक रुपयाQuestion 16 of 2817. नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह ! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!” एक व्यक्ति ने पूछ लिया-“कैसा है वह मुरलीवाला, मैंने तो उसे नहीं देखा!” उत्तर मिला-“उम्र तो उसकी अभी अधिक न होगी, यही तीस-बत्तीस का होगा। दुबला-पतला गोरा युवक है, बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता है।” वह आदमी कैसे मुरली बेचता था?गाना सुनाकरनाच करमुरली बजाकरBoth A & CQuestion 17 of 2818. नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह ! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!” एक व्यक्ति ने पूछ लिया-“कैसा है वह मुरलीवाला, मैंने तो उसे नहीं देखा!” उत्तर मिला-“उम्र तो उसकी अभी अधिक न होगी, यही तीस-बत्तीस का होगा। दुबला-पतला गोरा युवक है, बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता है।” मुरलीवाले की कितनी उम्र होगी?पच्चीस-तीस वर्षतीस-बत्तीस वर्षचालीस-बयालिस वर्षपचास वर्षQuestion 18 of 2819. नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह ! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!” एक व्यक्ति ने पूछ लिया-“कैसा है वह मुरलीवाला, मैंने तो उसे नहीं देखा!” उत्तर मिला-“उम्र तो उसकी अभी अधिक न होगी, यही तीस-बत्तीस का होगा। दुबला-पतला गोरा युवक है, बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता है।” मुरलीवाला कैसा साफ़ा बाँधता था?बीकानेरी साफ़ाबीकानेरी रंगीन साफ़ाजयपुरी लाल साफ़ाअजमेरी नीला साफ़ाQuestion 19 of 2820. विजय बाबू एक समाचार-पत्र पढ़ रहे थे। उसी तरह उसे लिए हुए वे दरवाजे पर आकर मुरलीवाले से बोले-“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”किसी की टोपी गली में गिर पड़ी। किसी का जूता पार्क में ही छूट गया और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटकआई है। इस तरह दौड़ते-हाँफ़ते हुए बच्चों का झुंड आ पहुँचा। एक स्वर से सब बोल उठे-“अम बी लेंदे मुल्ली और अम वी लेंदे मुल्ली ।” समाचार पत्र कौन पढ़ रहे थे?रोहिणीविजय बाबूमुरलीवालामिठाईवालाQuestion 20 of 2821. विजय बाबू एक समाचार-पत्र पढ़ रहे थे। उसी तरह उसे लिए हुए वे दरवाजे पर आकर मुरलीवाले से बोले-“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”किसी की टोपी गली में गिर पड़ी। किसी का जूता पार्क में ही छूट गया और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटकआई है। इस तरह दौड़ते-हाँफ़ते हुए बच्चों का झुंड आ पहुँचा। एक स्वर से सब बोल उठे-“अम बी लेंदे मुल्ली और अम वी लेंदे मुल्ली ।” किसी की टोपी गली में क्यों गिर पड़ी?झगड़े के कारणअसावधानी के कारणखेल में मस्त रहने के कारणभागकर जाने के कारणQuestion 21 of 2822. विजय बाबू एक समाचार-पत्र पढ़ रहे थे। उसी तरह उसे लिए हुए वे दरवाजे पर आकर मुरलीवाले से बोले-“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”किसी की टोपी गली में गिर पड़ी। किसी का जूता पार्क में ही छूट गया और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटकआई है। इस तरह दौड़ते-हाँफ़ते हुए बच्चों का झुंड आ पहुँचा। एक स्वर से सब बोल उठे-“अम बी लेंदे मुल्ली और अम वी लेंदे मुल्ली ।” बच्चे का पार्क में क्या छूट गया?गेंदबॉलजूतेटोपीQuestion 22 of 2823. विजय बाबू एक समाचार-पत्र पढ़ रहे थे। उसी तरह उसे लिए हुए वे दरवाजे पर आकर मुरलीवाले से बोले-“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”किसी की टोपी गली में गिर पड़ी। किसी का जूता पार्क में ही छूट गया और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटकआई है। इस तरह दौड़ते-हाँफ़ते हुए बच्चों का झुंड आ पहुँचा। एक स्वर से सब बोल उठे-“अम बी लेंदे मुल्ली और अम वी लेंदे मुल्ली ।” हाँफते-भागते बच्चों का झुंड कहाँ पहुँच गया?घरविद्यालयमुरलीवाले के पासआइसक्रीम वाले के पासQuestion 23 of 2824. विजय बाबू एक समाचार-पत्र पढ़ रहे थे। उसी तरह उसे लिए हुए वे दरवाजे पर आकर मुरलीवाले से बोले-“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”किसी की टोपी गली में गिर पड़ी। किसी का जूता पार्क में ही छूट गया और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटकआई है। इस तरह दौड़ते-हाँफ़ते हुए बच्चों का झुंड आ पहुँचा। एक स्वर से सब बोल उठे-“अम बी लेंदे मुल्ली और अम वी लेंदे मुल्ली ।” बच्चे क्या खरीदना चाह रहे थे?बॉलखिलौने मिठाईवालामुरलीमिठाईQuestion 24 of 2825. आज अपने मकान में बैठी हुई रोहिणी मुरलीवाले की सारी बातें सुनती रही। आज भी उसने अनुभव किया, बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करनेवाला फेरीवाला पहले कभी नहीं आया। फिर वह सौदा भी कैसा सस्ता बेचता है! भला आदमी जान पड़ता है। समय की बात है, जो बेचारा इस तरह मारा-मारा फिरता है। पेट जो न कराए, सो थोड़ा!इसी समय मुरलीवाले का क्षीण स्वर दूसरी निकट की गली से सुनाई पड़ा-“बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला!” अपने मकान में कौन बैठी थी?दादी माँरोहिणीपड़ोसिनमुरलीवाले की पत्नीQuestion 25 of 2826. आज अपने मकान में बैठी हुई रोहिणी मुरलीवाले की सारी बातें सुनती रही। आज भी उसने अनुभव किया, बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करनेवाला फेरीवाला पहले कभी नहीं आया। फिर वह सौदा भी कैसा सस्ता बेचता है! भला आदमी जान पड़ता है। समय की बात है, जो बेचारा इस तरह मारा-मारा फिरता है। पेट जो न कराए, सो थोड़ा!इसी समय मुरलीवाले का क्षीण स्वर दूसरी निकट की गली से सुनाई पड़ा-“बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला!” मुरलीवाला किससे बातें कर रहा था?बच्चो सेदादी सेरोहिणी सेपड़ोसिन सेQuestion 26 of 2827. आज अपने मकान में बैठी हुई रोहिणी मुरलीवाले की सारी बातें सुनती रही। आज भी उसने अनुभव किया, बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करनेवाला फेरीवाला पहले कभी नहीं आया। फिर वह सौदा भी कैसा सस्ता बेचता है! भला आदमी जान पड़ता है। समय की बात है, जो बेचारा इस तरह मारा-मारा फिरता है। पेट जो न कराए, सो थोड़ा!इसी समय मुरलीवाले का क्षीण स्वर दूसरी निकट की गली से सुनाई पड़ा-“बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला!” रोहिणी किस बात पर सोच में पड़ गई थी?फेरीवाले के बच्चों से प्यार भरी बातें करने परफेरीवाले के सस्ता सामान बेचने परफेरीवाले के बच्चों को बहलाने परउपरोक्त सभी Question 27 of 2828. आज अपने मकान में बैठी हुई रोहिणी मुरलीवाले की सारी बातें सुनती रही। आज भी उसने अनुभव किया, बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करनेवाला फेरीवाला पहले कभी नहीं आया। फिर वह सौदा भी कैसा सस्ता बेचता है! भला आदमी जान पड़ता है। समय की बात है, जो बेचारा इस तरह मारा-मारा फिरता है। पेट जो न कराए, सो थोड़ा!इसी समय मुरलीवाले का क्षीण स्वर दूसरी निकट की गली से सुनाई पड़ा-“बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला!” फिर वह सौदा भी कैसा बेचता है! वाक्य का भेद हैआदेश सूचकसंकेत सूचकविस्मयादि बोधकइच्छा सूचकQuestion 28 of 28 Loading... 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