Haar Ki Jeet Class 6 Summary in Hindi
“हार की जीत” कहानी बाबा भारती और उनके प्रिय घोड़े सुल्तान की कहानी है। बाबा भारती एक संत थे, जिन्होंने अपने जीवन में सभी भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग कर दिया था। उनके पास केवल एक चीज थी जो उन्हें अत्यधिक प्रिय थी, और वह था उनका घोड़ा सुल्तान। सुल्तान न केवल सुंदर और शक्तिशाली था, बल्कि वह बाबा भारती के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी था। बाबा भारती उसे अपने बेटे की तरह प्यार करते थे।
एक दिन, इलाके के प्रसिद्ध डाकू खड्गसिंह ने सुल्तान की प्रशंसा सुनी और उसे देखने की इच्छा व्यक्त की। बाबा भारती ने उन्हें अपने घोड़े को दिखाया, लेकिन खड्गसिंह के मन में घोड़े को छीनने का विचार आ गया। उसने एक योजना बनाई और एक दिन विकलांग व्यक्ति बनकर बाबा भारती से मदद मांगी। बाबा भारती ने अपनी दयालुता के चलते उस विकलांग को घोड़े पर बैठा लिया, लेकिन खड्गसिंह ने उन्हें धोखा देकर घोड़े को चुरा लिया।
बाबा भारती ने खड्गसिंह से कहा कि वह घोड़े को वापस लेने की मांग नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने एक अनुरोध किया कि खड्गसिंह इस घटना को किसी को न बताए, ताकि लोगों का विश्वास गरीबों पर बना रहे। खड्गसिंह को बाबा भारती की इस बात ने गहराई से प्रभावित किया। अंततः, वह अपने अपराधबोध से परेशान हो गया और रात के अंधेरे में सुल्तान को वापस बाबा भारती के पास ले आया।
यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची जीत वह होती है जब हम दूसरों का दिल जीतते हैं, न कि केवल भौतिक वस्तुओं को प्राप्त करते हैं। बाबा भारती ने अपनी नैतिकता और दया से खड्गसिंह का हृदय जीत लिया, जिससे अंततः वह सही मार्ग पर लौट आया।
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