Pariksha Class 6 Solution
पाठ से
मेरी समझ से
आइए, अब हम कहानी ‘परीक्षा’ के बारे में कुछ चर्चा कर लेते हैं।
(क) आपकी समझ से नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (☆) बनाइए –
(1) महाराज ने दीवान को ही उनका उत्तराधिकारी चुनने का कार्य उनके किस गुण के कारण सौंपा?
सादगी
उदारता
बल
नीतिकुशलता
उत्तर – ☆ नीतिकुशलता
(2) दीवान साहब द्वारा नौकरी छोड़ने के निश्चय का क्या कारण था?
परमात्मा की याद
राज-काज सँभालने योग्य शक्ति न रहना
बदनामी का भय
चालीस वर्ष की नौकरी पूरी हो जाना
उत्तर – ☆ राज-काज सँभालने योग्य शक्ति न रहना
(ख) अब अपने मित्रों के साथ कि चर्चा किजिए की आपने यही उत्तर क्यों चुने?
उत्तर –
इन उत्तरों को चुनने का कारण यह है कि महाराज ने दीवान के नीतिकुशलता के गुण को पहचाना और इसी कारण उन्हें उत्तराधिकारी चुनने का कार्य सौंपा। वहीं, दीवान बूढ़े होने के कारण अब राज-काज सँभाल नहीं पा रहे थे।
शीर्षक
(क) आपने जो कहानी पढ़ी है, इसक नाम प्रेमचंद ने ‘परीक्षा’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी का यह नाम क्यों दिया होगा? अपने उत्तर के कारण भी लिखिए।
(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए?
उत्तर –
(क) कहानी का नाम ‘परीक्षा’ इसलिए रखा गया है क्योंकि इसमें दीवान साहब ने सही उत्तराधिकारी चुनने के लिए लोगों की परीक्षा ली। इस परीक्षा में दया, आत्मबल, और नीतिकुशलता जैसे गुणों को परखा गया।
(ख) यदि इस कहानी को कोई और नाम देना हो, तो “सही उत्तराधिकारी” नाम दिया जा सकता है, क्योंकि पूरी कहानी सही व्यक्ति को चुनने के बारे में है।
पंक्तियों पर चर्चा
कहानी में से चुनकर यहाँ कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
“इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ-साथ आत्मबल। हृदय वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्ति का वीरता के साथ सामना करे। ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हुए हैं।”
उत्तर –
दीवान सुजानसिंह ने कहा कि दीवान पद के लिए एक ऐसे योग्य व्यक्ति की आवश्यकता थी जो दयालु और साहसी हो। जो परोपकारी हो, जिसके मन में दुखी व गरीब लोगों के लिए दया का भाव हो । उन्होंने कहा जो व्यक्ति अपने स्वयं के बल पर भरोसा रखता हो और जो हर परिस्थिति में अपनी वीरता से अपने गुणों का प्रमाण देता हो। ऐसे लोग बहुत कम होते हैं, और जो होते हैं, वो संसार में यश कमाता है।
सोच-विचार के लिए
कहानी को एक बार फिर से पढ़िए, निम्नलिखित के बारे में पता लगाइए और लिखिए-
(क) नौकरी की चाह में आए लोगों ने नौकरी पाने के लिए कौन-कौन से प्रयत्न किए?
उत्तर – नौकरी पाने के लिए लोगों ने अपने व्यवहार में सुधार किया और कई लोग खुदको सज्जन दिखाने का प्रयत्न करते, हर कोई सज्जन बना फिरता है।
(ख) “उसे किसान की सूरत देखते ही सब बातें ज्ञात हो गई।” खिलाड़ी को कौन-कौन सी बातें पता चल गई?
उत्तर – “उसे किसान की सूरत देखते ही वह किसान गाड़ी ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रहा है लेकिन गाड़ी ऊपर जा नही सकती, बैल कमजोर है, किसान निराश हो गया है। उसके सामने बड़ी आपत्ति है, उसे मदद की जरूरत है।
(ग) मगर उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईर्ष्या।” किनकी आँखों में सत्कार या और किनकी आँखों में ईर्ष्या थी? क्यों?
उत्तर – जिन लोगों ने सही व्यक्ति का चयन होते देखा, उनमें से कुछ की आँखों में सम्मान था, जबकि कुछ ईर्ष्या कर रहे थे।
खोजबीन
कहानी में से वे वाक्य खोजकर लिखिए जिनसे पता चलता है कि-
(क) शायद युवक बूढ़े किसान की असलियत पहचान गया था।
उत्तर – नारायण चाहेंगे तो दीवानी आपको ही मिलेगी।
(ख) नौकरी के लिए आए लोग किसी तरह बस नौकरी पा लेना चाहते थे।
उत्तर –
(क) “युवक ने किसान की तरफ़ गौर से देखा। उसके मन में एक संदेह हुआ, क्या यह सज्जनकृष्ण तो नहीं हैं?”
(ख) लोग समझते थे एक महीने का झंझट है, किसी तरह कांट ले, कही कार्य सिद्ध हो गया तो कौन पूछता है?
कहानी की रचना
“लोग पसीने से तर हो गए। खून की गरमी आँख और चेहरे से झलक रही थी।” इन वाक्यों को पढ़कर आँखों के सामने थकान से चूर खिलाड़ियों का चित्र दिखाई देने लगता है। यह चित्रात्मक भाषा है। ध्यान देंगे तो इस पाठ में ऐसी और भी अनेक विशेष बातें आपको दिखाई देंगी।
कहानी को एक बार ध्यान से पढ़िए। आपको इस कहानी में और कौन-कौन सी विशेष बातें दिखाई दे रही हैं? अपने समूह में मिलकर उनकी सूची बनाइए।
उत्तर –
देवगढ़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे।
वह कभी बैलों को ललकारता, कभी पहियों को हाथ से ढकेलता ।
गाड़ी ऊपर को न चढ़ती और चढ़ती भी तो कुछ दूर चढ़कर फिर खिसककर नीचे पहुँच जाती ।
बेचारा इधर-उधर निराश होकर ताकता ।
बार- बार झुंझलाकर बैलों को मारता ।
किसान ने उनकी तरफ सहमी आँखों से देखा ।
कीचड़ बहुत ज्यादा था। वह घुटने तक जमीन में गड़ गया।
उम्मीदवारों के कलेजे धड़क रहे थे।
उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईर्ष्या ।
समस्या और समाधान
इस कहानी में कुछ समस्याएँ हैं और उसके समाधान भी हैं। कहानी को एक बार फिर से पढ़कर बताइए कि-
(क) महाराज के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?
उत्तर – राजा के सामने यह समस्या थी की उनका जो दीवान था उसे अब सेवा से मुक्त होना था। उन्होंने यह जिम्मेदारी दीवान साहब को सौंपी। इस तरह राजा ने इस समस्या का समाधान खोजा।
(ख) दीवान के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?
उत्तर – दीवान के सामने योग्य उम्मीदवार खोजने की समस्या थी। इसके लिए उन्होंने विज्ञापन निकलवाया और उसमें लिखा कि शिक्षा नहीं अपितु आचार, व्यवहार और गुणों को एक महीने तक परखकर उम्मीदवार चुना जाएगा।। उन्होंने अखबार में विज्ञापन जारी किया और समाधान निकाला।
(ग) नौकरी के लिए आए लोगों के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?
उत्तर – नौकरी के उम्मीदवारों की समस्या थी खुद को योग्य साबित करना। समाधान: उन्होंने दिखावे के माध्यम से खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश की।
मन के भाव
“स्वार्थ था, मद था, मगर उदारता और वात्सल्य का नाम भी न था।”
इस वाक्य में कुछ शब्दों के नीचे वे रेखा खिंची हुई है। ये सभी नाम है। लेकिन दिखाई देने वाली वस्तुओं, व्यक्तियों या जगहों के नाम नहीं हैं। ये सभी शब्द मन के भावों के नाम है। आप कहानी मे ऐसे ही अन्य नामों को खोजकर नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए।
भावों का नाम
उत्तर –
स्वार्थ, मद, उदारता, वात्सल्य, दया, आत्मबल, ईर्ष्या, सत्कार।
विपरीतार्थक शब्द
“विद्या का कम, परंतु कर्तव्य का अधिक विचार किया जाएगा।”
‘कम’ का विपरीत अर्थ देने वाला शब्द है ‘अधिक’। इसी प्रकार विपरीतारर्थक शब्द नीचे दिए गए हैं लेकिन वे आमने-सामने नहीं हैं। रेखाएँ खींचकर विपरीतार्थक शब्दों के सही जोड़े बनाइए-
उत्तर –
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
आना | जाना |
गुण | अवगुण |
आदर | अनादर |
स्वस्थ | अस्वस्थ |
कम | अधिक |
दयालु | निर्दयी |
योग्य | अयोग्य |
हार | जीत |
आशा | निराशा |
कहावत
“ गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है।”
यह वाक्य एक कहावत है। इसका अर्थ है कि कोशिश करने पर ही सफलता मिलती है। ऐसी ही एक और कहावत है, ” जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ ” अर्थात परिश्रम का फल अवश्य मिलता है।
कहावतें ऐसे वाक्य होते हैं जिन्हें लोग अपनी बात को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए प्रयोग करते हैं। आपके घर और पास-पड़ोस में भी लोग अनेक कहावतों का उपयोग करते होंगे।
नीचे कुछ कहावतें और उनके भावार्थ दिए गए हैं। आप इन कहावतों को कहानी से जोड़कर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर –
अधजल गगरी छलकत जाए-
जिसके पास थोड़ा ज्ञान होता है, वह उसका दिखावा करता है।
सभी परीक्षार्थी जो वो नही हैं वह दिखाने की कोशिश कर रहे थे।
अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत-
समय निकल जाने के बाद पछताना व्यर्थ होता है।
नौकरी जानकीनाथ को मिल गई बाकी सब अपने व्यवहार पर पछता रहे थे। लेकिन अब इसका कुछ उपयोग नहीं था।
एक अनार सौ बीमार –
कोई ऐसी एक चीज़ जिसको चाहने वाले अनेक हों।
एक नौकरी थी लेकिन कई राज्यों से परीक्षार्थी आए थे।
जो गरजते हैं वे बरसते नहीं हैं –
जो अधिक बढ़-चढ़कर बोलते हैं, वे काम नहीं करते हैं।
जिन्हे कुछ नही आता वे ही दिखावा कर रहे थे।
जहाँ चाह, वहाँ राह –
जब किसी काम को करने की इच्छा होती है, तो उसका साधन भी मिल जाता है।
जिसको सच में यह नौकरी करनी थी उसने ही प्रयत्न किए।
(संकेत- विज्ञापन में तो एक नौकरी की बात कही गई थी, लेकिन उम्मीदवार आ गए हज़ारों। इसे कहते हैं- एक अनार सौ बीमार।)
पाठ से आगे
अनुमान या कल्पना से
(क) “दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला”
देश के प्रसिद्ध पत्रों में नौकरी का विज्ञापन किसने निकलवाया होगा? आपको ऐसा क्यों लगता है?
उत्तर – विज्ञापन दीवान साहब ने ही निकलवाया होगा क्योंकि महाराज ने नए दीवान का चयन करने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी थी। दीवान साहब ने योग्य उम्मीदवारों को ढूंढने और परखने के लिए यह विज्ञापन दिया होगा।
(ख) “इस विज्ञापन ने सारे मुल्क में तहलका मचा दिया।”
विज्ञापन ने पूरे देश में तहलका क्यों मचा दिया होगा?
उत्तर – विज्ञापन ने पूरे देश में इसलिए तहलका मचा दिया होगा क्योंकि दीवान का पद बहुत उच्च और प्रतिष्ठित था, और इसके लिए कोई विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं थी, जिससे बड़ी संख्या में लोग अपनी किस्मत आजमाने के लिए उत्साहित हो गए।
विज्ञापन:
“दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला कि देवगढ़ के लिए एक सुयोग्य दीवान की ज़रूरत है।”
(क) कहानी में इस विज्ञापन की सामग्री को पढ़िए। इसके बाद अपने समूह में मिलकर इस विज्ञापन को अपनी कल्पना का उपयोग करते हुए बनाइए।
उत्तर –
कहानी में दिए गए विज्ञापन की सामग्री के अनुसार, यह विज्ञापन कुछ इस तरह से बनाया जा सकता है:
विज्ञापन
“रियासत देवगढ़ के लिए एक सुयोग्य दीवान की आवश्यकता है। इच्छुक व्यक्ति अपने आचरण और कर्तव्य के प्रति सजग हों। शारीरिक रूप से स्वस्थ और मानसिक रूप से सक्षम उम्मीदवारों का स्वागत है। शिक्षा की औपचारिकता अनिवार्य नहीं है, परंतु नैतिकता और कर्तव्यनिष्ठा आवश्यक है। उम्मीदवारों को एक महीने तक उनके व्यवहार, जीवनशैली, और आचरण के आधार पर परखा जाएगा। योग्य उम्मीदवार को इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त किया जाएगा।”
(ख) आपने भी अपने आस-पास दीवारों पर, समाचार-पत्रों में या पत्रिकाओं में मोबाइल फोन या दूरदर्शन पर अनेक विज्ञापन देखे। होंगे। अपने किसी मनपसंद विज्ञापन को याद कीजिए। आपको वह अच्छा क्यों लगता है? सोचकर अपने समूह में बताइए। अपने समूह के बिंदुओं को लिख लिजिए।
उत्तर –
अपने किसी मनपसंद विज्ञापन को याद कीजिए और चर्चा कीजिए:
मुझे एक विज्ञापन बहुत पसंद है जो बच्चों को प्रेरित करता है। इस विज्ञापन में एक बच्चा अपने माता-पिता को देखकर सच्चाई और ईमानदारी सीखता है। यह मुझे इसलिए अच्छा लगता है क्योंकि यह सच्चे मूल्यों और नैतिकता की प्रेरणा देता है, जो आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण हैं।
(ग) विज्ञापनों से लाभ होते हैं, हानि होती हैं, या दोनों ? अपने समूह में चर्चा कीजिए और चर्चा के बिंदु लिखकर कक्षा में साझा कीजिए।
उत्तर –
विज्ञापनों से लाभ और हानि दोनों होती हैं। विज्ञापन एक ओर उपभोक्ताओं को नई चीजों की जानकारी देते हैं और उनकी पसंद को प्रभावित करते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुछ विज्ञापन भ्रामक होते हैं और उपभोक्ताओं को गलत दिशा में ले जा सकते हैं। इसके अलावा, विज्ञापन सामाजिक दबाव भी पैदा कर सकते हैं, जो कभी-कभी अनावश्यक खरीदारी या निर्णयों का कारण बन सकते हैं।
आगे की कहानी:
‘परीक्षा’ कहानी जहाँ समाप्त होती उसके आगे की कहानी अपनी कल्पना से बनाइए। क्या हुआ होगा।
उत्तर –
इसके बाद जानकीनाथ को चोद सारे परीक्षार्थी अपने पाने गांव वापस लौट गए। जानकीनाथ भी अपना नियुक्ति पत्र लेकर घर गया। अपने माता पिता को यह अच्छी खबर दी। सब लोगों के साथ उत्सव मनाया और अपने काम पर नियुक्त हो गया। पुराने दीवान साहब ने उसे सारी बाते अच्छी तरह से सिखाई और एक दिन वह सारा कामकाज उसके हाथ सौप वहा से चले गए। इसके बाद जानकीनाथ ने यह कारोबार अच्छी तरह से संभाला।
आपकी बात:
(क) यदि कहानी में दीवान साहब के स्थान पर आप होते तो योग्य व्यक्ति को कैसे चुनते?
उत्तर –
यदि मैं दीवान साहब के स्थान पर होता, तो मैं योग्य व्यक्ति को उसकी दया, साहस, और नीतिकुशलता के आधार पर चुनता। मैं यह देखता कि वह व्यक्ति संकट के समय में किस तरह प्रतिक्रिया करता है और उसके व्यवहार में ईमानदारी और उदारता का कितना महत्व है।
(ख) यदि आपको कक्षा का मॉनिटर चुनने के लिए कहा जाए तो आप उसे कैसे चुनेंगे? उसमें किन-किन गुणों को देखेंगे? गुणों की परख के लिए क्या-क्या करेंगे?
उत्तर –
अगर मुझे कक्षा का मॉनिटर चुनना हो, तो मैं उसे उसकी नेतृत्व क्षमता, सहनशीलता, और सहपाठियों के साथ अच्छे व्यवहार के आधार पर चुनूंगा। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मॉनिटर जिम्मेदारी से अपने कार्यों को निभाए और दूसरों के साथ न्यायपूर्ण और सहयोगी बने। गुणों की परख के लिए, मैं उसके व्यवहार, कार्यों और सहपाठियों के साथ उसके संबंधों का अवलोकन करूंगा।
अच्छाई और दिखावा
“हर एक मनुष्य अपने जीवन को अपनी बुद्धि के अनुसार अच्छे रूप में दिखाने की कोशिश करता था।”
अपने समूह में निम्नलिखित पर चर्चा कीजिए और चर्चा के बिंदु अपनी लेखन-पुस्तिका में लिख लीजिए-
(क) हर व्यक्ति अपनी बुद्धि के अनुसार स्वयं को अच्छा दिखाने की कोशिश करता है। स्वयं को अच्छा दिखाने के लिए लोग क्या-क्या करते हैं?
(संकेत मेहनत करना, कसरत करना, साफ़-सुथरे रहना आदि)
उत्तर –
लोग अपने को अच्छा दिखाने के लिए नए फैशन के कपड़े पहनते हैं। सबसे मीठा बोलने का प्रयास करते हैं। कसरत करके अपने शरीर को अच्छा बनाते हैं। सभी मेहनत करके खूब धन कमाते हैं और समझदारी दिखाने की कोशिश करते हैं।
(ख) क्या ‘स्वयं को अच्छा दिखाने’ में और ‘स्वयं के अच्छा होने’ में कोई अंतर है? कैसे?
जो व्यक्ति मन से अच्छा होता है वह सबकी मदद करता है। किसके भी बारे में बुरा नही सोचता। दूसरों का मन नहीं दुखाता और जो व्यक्ति अच्छा दिखता है उसे सिर्फ अपना काम होने से मतलब होता है। वो किसी की भी मदद नहीं करता। दूसरों को परेशान देखने में उन्हें मजा आता है।
आज की पहेली
आज आपकी एक रोचक परीक्षा है। यहाँ दिए गए चित्र एक जैसे हैं या भिन्न? इन चित्रों में कुछ अंतर हैं। देखते हैं आप कितने अंतर कितनी जल्दी खोज पाते हैं।
1.) पहले चित्र मे कुत्ता आदमी को पीठ दिखा रहा है। तो दूसरे मे कुत्ता आदमी को देख रहा है।
2.) पहले चित्र में इमारत के पास बड़ी से झड़ी है। दूसरे चित्र में वो नही है।
3.) पहले चित्र में सिग्नल बंद है तो दूसरे मे शुरू है।
4.) पहले चित्र मे लड़की के बालो मे रिबन नही है तो दूसरे मे लाल रंग की रिबन है।
5.) पहले चित्र में आजी ने लाल रंग की चिड़िया पहनी है दूसरे मे भूरे रंग की।
Isase hamen art kya hai uska pata chalta hai