Rahim Ke Dohe Class 6 Notes
रहीम का परिचय
- रहीम (अब्दुर्रहीम खानखाना) अकबर के नवरत्नों में से एक थे।
- वे एक महान कवि और विद्वान थे, जिन्होंने अवधी और ब्रज भाषा में कई दोहे लिखे।
- उनके दोहे जीवन के सच्चे मूल्यों और मानवीय गुणों पर आधारित होते हैं।
रहीम के दोहों का महत्व
- रहीम के दोहे हमें जीवन में सच्चाई, प्रेम, दया, और निःस्वार्थता का महत्व सिखाते हैं।
- उनके दोहों में रिश्तों, मित्रता, और नैतिकता पर जोर दिया गया है।
- ये दोहे हमें जीवन की गहरी सीखें देते हैं जो आज भी प्रासंगिक हैं।
मुख्य दोहों का सारांश
- “रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय”: प्रेम और रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं, उन्हें तोड़ने से उनमें दरार आ जाती है जो कभी ठीक नहीं हो सकती।
- “तरुवर फल नहीं खात है, सरवर पियहि न पान”: पेड़ अपने फल खुद नहीं खाते और तालाब अपना पानी नहीं पीते; इसी तरह अच्छे लोग अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए कार्य करते हैं।
- “रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून”: पानी के बिना जीवन असंभव है; यह मोती, मनुष्य और चूना जैसे चीजों के लिए भी आवश्यक है।
- “रहिमन बड़ेन को दीजिये, लघु न दीजिये डार”: छोटे और बड़े सभी का अपना महत्व होता है, किसी को भी तुच्छ नहीं समझना चाहिए।
दोहे की शिक्षाएँ
- प्रेम और रिश्तों को संजोकर रखना चाहिए।
- बड़े और छोटे सभी का सम्मान करना चाहिए।
- जीवन में पानी (संसाधन) का महत्व समझना चाहिए।
- सच्चे मित्र और सच्चे प्रेम का मूल्य जानना चाहिए।
निष्कर्ष
- रहीम के दोहे आज भी प्रासंगिक हैं और हमें जीवन में सही मार्ग दिखाने का कार्य करते हैं।
- ये दोहे सरल भाषा में गहरे संदेश देते हैं, जो हमारे दैनिक जीवन में मार्गदर्शक हो सकते हैं।
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