Goal Class 6 Notes
मेजर ध्यानचंद का परिचय
- मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयाग (अब इलाहाबाद) में हुआ था।
- वे हॉकी के महान खिलाड़ी थे और उन्हें “हॉकी का जादूगर” कहा जाता था।
- उनका जन्मदिन “राष्ट्रीय खेल दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
हॉकी में योगदान
- मेजर ध्यानचंद ने 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
- उनकी टीम ने इस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता, और उन्होंने जर्मनी को 8-1 से हराया।
- उन्होंने अपनी शानदार हॉकी कौशल से दुनिया भर में नाम कमाया।
खेल भावना
- मेजर ध्यानचंद की खेल भावना अद्वितीय थी। वे अक्सर खुद गोल करने के बजाय अपने साथियों को पास देते थे, ताकि टीम को जीत मिल सके।
- एक मैच के दौरान, जब उन्हें चोट लगी, तो वे मैदान से बाहर चले गए। लेकिन वे पट्टी बांधकर वापस लौटे और गोल किए, जिससे उनकी दृढ़ता दिखाई दी।
प्रशिक्षण और शुरुआती जीवन
- मेजर ध्यानचंद ने अपनी हॉकी की ट्रेनिंग सिक्स्थ ब्राह्मण रेजिमेंट से की।
- वे सीनियर खिलाड़ियों से सीखते थे और रात में भी प्रैक्टिस करते थे।
- उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें हॉकी के महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया।
सम्मान और पुरस्कार
- मेजर ध्यानचंद के नाम पर भारत सरकार ने “ध्यानचंद पुरस्कार” की स्थापना की है, जो खेलों में जीवनभर की उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
- उन्हें खेल के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पूरे देश में सम्मानित किया गया।
मेजर ध्यानचंद से सीख
- मेजर ध्यानचंद का जीवन हमें सिखाता है कि मेहनत, लगन|
- खेल भावना से किसी भी क्षेत्र में महानता हासिल की जा सकती है।
- उन्होंने हमेशा टीम की जीत को प्राथमिकता दी और खेल को सेवा की तरह माना।
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