MCQ नादान दोस्त Chapter 3 Hindi Class 6 Vasant हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Hindi Class 6th 1. चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे?छत परकार्निस परखिड़की परपेड़ परQuestion 1 of 122. ‘नादान दोस्त’ पाठ के लेखक कौन हैं?कृष्णा सोबतीप्रेमचंदविनय महाजनविष्णु प्रभाकरQuestion 2 of 123. श्यामा ने माँ को यह क्यों नहीं बताया कि दरवाज़ा केशव ने खोला था?क्योंकि इससे केशव नाराज़ हो जातायह सुनकर माँ केशव को पीट देतीयह सुनकर माँ दोनों की पिटाई करतीइनमें से कोई नहीं।Question 3 of 124. बच्चों के मन में क्या जिज्ञासा थी?अंडों को देखने कीचिड़िया को उड़ाने कीचिड़िया के लिए सभी प्रबंध करने कीचिड़िया के अंडों से बच्चे बनने की प्रक्रिया देखने कीQuestion 4 of 125. केशव और श्यामा ने चिड़ियों के खाने के लिए क्या बिखेरा?गेहूँमक्काचावलजौQuestion 5 of 126. केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। केशव और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को यहाँ आते-जाते देखा करते। सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहँच जाते और चिडा और चिडिया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मज़ा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी। दोनों के दिल में तरह-तरह के सवाल उठते। अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? क्या खाते होंगे? उनमें से बच्चे किस तरह निकल आएँगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे? घोंसला कैसा है? लेकिन इन बातों का जवाब देने वाला कोई नहीं। दोनों बच्चे किसे देखकर आनंदित होते थे?दूध जलेबी कोचिड़िया के अंडों कोचिड़िया और चिड़ा कोकार्निस कोQuestion 6 of 127. केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे। केशव और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को यहाँ आते-जाते देखा करते। सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहँच जाते और चिडा और चिडिया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मज़ा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी। दोनों के दिल में तरह-तरह के सवाल उठते। अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? क्या खाते होंगे? उनमें से बच्चे किस तरह निकल आएँगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे? घोंसला कैसा है? लेकिन इन बातों का जवाब देने वाला कोई नहीं। केशव और श्यामा के मन में क्या-क्या सवाल उठते थे?अंडे कितने बड़े होंगेअंडे कितने होंगेक्या खाते होंगेउपर्युक्त सभीQuestion 7 of 128. इस तरह तीन-चार दिन गुज़र गए। दोनों बच्चों की जिज्ञासा दिन ब दिन बढ़ती जाती थी। अंडों को देखने के लिए वे अधीर हो उठते थे। उन्होंने अनुमान लगाया कि अब ज़रूर बच्चे निकल आए होंगे। बच्चों के चारे का सवाल अब उनके सामने आ खड़ा हुआ। चिड़िया बेचारी इतना दाना कहाँ पाएगी कि सारे बच्चों का पेट भरे! गरीब बच्चे भूख के मारे चूं-धूं करके मर जाएँगे। कितने दिन गुज़र गए?दोतीनतीन-चारपाँचQuestion 8 of 129. इस तरह तीन-चार दिन गुज़र गए। दोनों बच्चों की जिज्ञासा दिन ब दिन बढ़ती जाती थी। अंडों को देखने के लिए वे अधीर हो उठते थे। उन्होंने अनुमान लगाया कि अब ज़रूर बच्चे निकल आए होंगे। बच्चों के चारे का सवाल अब उनके सामने आ खड़ा हुआ। चिड़िया बेचारी इतना दाना कहाँ पाएगी कि सारे बच्चों का पेट भरे! गरीब बच्चे भूख के मारे चूं-धूं करके मर जाएँगे। चिड़िया को दाना किसलिए चाहिए था?अपना पेट भरने के लिएअपने बच्चों का पेट भरने के लिएबच्चे को उड़ने के लिएकेशव और श्यामा के लिएQuestion 9 of 1210. गरमी के दिन थे। बाबू जी दफ़्तर गए हुए थे। अम्माँ दोनों बच्चों को कमरे में सुलाकर खुद सो गई थीं, लेकिन बच्चों की आँखों में आज नींद कहाँ ? अम्माँ जी को बहलाने के लिए दोनों दम रोके, आँखें बंद किए, मौके का इंतज़ार कर रहे थे। ज्यों ही मालूम हुआ कि अम्मा जी अच्छी तरह से सो गईं, दोनों चुपके से उठे और बहुत धीरे से दरवाज़े की सिटकनी खोलकर बाहर निकल आए। अंडों की हिफ़ाज़त की तैयारियाँ होने लगीं। यहाँ किस मौसम की बात हो रही है?सरदी कीगरमी कीबरसात कीवसंत कीQuestion 10 of 1211. गरमी के दिन थे। बाबू जी दफ़्तर गए हुए थे। अम्माँ दोनों बच्चों को कमरे में सुलाकर खुद सो गई थीं, लेकिन बच्चों की आँखों में आज नींद कहाँ ? अम्माँ जी को बहलाने के लिए दोनों दम रोके, आँखें बंद किए, मौके का इंतज़ार कर रहे थे। ज्यों ही मालूम हुआ कि अम्मा जी अच्छी तरह से सो गईं, दोनों चुपके से उठे और बहुत धीरे से दरवाज़े की सिटकनी खोलकर बाहर निकल आए। अंडों की हिफ़ाज़त की तैयारियाँ होने लगीं। बच्चों की आँखों में नींद क्यों नहीं थी?गरमी के कारणभूख के कारणकार्निस की ओर जाने की उत्सुकता के कारणबाबू जी के दफ्तर जाने के कारणQuestion 11 of 1212. गरमी के दिन थे। बाबू जी दफ़्तर गए हुए थे। अम्माँ दोनों बच्चों को कमरे में सुलाकर खुद सो गई थीं, लेकिन बच्चों की आँखों में आज नींद कहाँ ? अम्माँ जी को बहलाने के लिए दोनों दम रोके, आँखें बंद किए, मौके का इंतज़ार कर रहे थे। ज्यों ही मालूम हुआ कि अम्मा जी अच्छी तरह से सो गईं, दोनों चुपके से उठे और बहुत धीरे से दरवाज़े की सिटकनी खोलकर बाहर निकल आए। अंडों की हिफ़ाज़त की तैयारियाँ होने लगीं। केशव कार्निस तक कैसे पहुँचा?सीढ़ी लगाकरस्टूल लगाकरचारपाई लगाकरस्टूल व नहाने की चौकी लगाकरQuestion 12 of 12 Loading...
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