MCQ संसार पुस्तक है Chapter 10 Hindi Class 6 Vasant हिंदी Advertisement MCQ’s For All Chapters – Hindi Class 6th 1. “संसार पुस्तक है’ पाठ के लेखक कौन हैं?प्रेमचंदविनय महाजनपं० जवाहरलाल नेहरूकृष्णा सोबतीQuestion 1 of 182. नेहरू जी ने यह पत्र किसको लिखा था?भारत के बच्चों कोअपनी पुत्री इंदिरा को भारत के साहित्यकारों कोधार्मिक नेताओं कोQuestion 2 of 183. लेखक के पत्रों का संकलन किस नाम से है?भारत एक खोजसंसार पुस्तक हैसंसार एक रंग-मंचपिता के पत्र पुत्री के नामQuestion 3 of 184. लेखक ने प्रकृति के अक्षर किसे कहा है?पहाड़ों कोनदी और मैदानों कोपक्षियों और पेड़ों कोउपर्युक्त सभीQuestion 4 of 185. किसी भाषा को सीखने के लिए सबसे पहले क्या सीखना होता है?पदशब्दवाक्यअक्षरQuestion 5 of 186. जब तुम मेरे साथ रहती हो तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो और मैं उनका जवाब देने की कोशिश करता हूँ, लेकिन अब, जब तुम मसूरी में हो और मैं इलाहाबाद में, हम दोनों उस तरह बातचीत नहीं कर सकते। इसलिए मैंने इरादा किया है कि कभी-कभी तुम्हें इस दुनिया की और उन छोटे-बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं, छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करूँ। इस पाठ के लेखक हैंमहात्मा गांधीसुमित्रानंदन पंतनेहरू जीइंदिरा गांधीQuestion 6 of 187. जब तुम मेरे साथ रहती हो तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो और मैं उनका जवाब देने की कोशिश करता हूँ, लेकिन अब, जब तुम मसूरी में हो और मैं इलाहाबाद में, हम दोनों उस तरह बातचीत नहीं कर सकते। इसलिए मैंने इरादा किया है कि कभी-कभी तुम्हें इस दुनिया की और उन छोटे-बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं, छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करूँ। ऊपर लिखे गद्यांशों में ‘तुम’ का प्रयोग किसके लिए किया गया है?इंदिरा गांधी के लिएमहादेवी वर्मा के लिएसुभद्रा कुमारी चौहानस्वयं लेखक ने अपने लिएQuestion 7 of 188. जब तुम मेरे साथ रहती हो तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो और मैं उनका जवाब देने की कोशिश करता हूँ, लेकिन अब, जब तुम मसूरी में हो और मैं इलाहाबाद में, हम दोनों उस तरह बातचीत नहीं कर सकते। इसलिए मैंने इरादा किया है कि कभी-कभी तुम्हें इस दुनिया की और उन छोटे-बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं, छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करूँ। मसूरी में कौन है?लेखकइंदिरालेखक का मित्रलेखक का भाईQuestion 8 of 189. यह तो तुम जानती ही हो कि यह धरती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न था। आदमियों से पहले सिर्फ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब इस धरती पर कोई जानदार चीज़ न थी। आज जब यह दुनिया हर तरह के जानवरों और आदमियों से भरी हुई है, उस ज़माने का ख्याल करना भी मुश्किल है, जब यहाँ कुछ न था। यह धरती कितनी पुरानी है?पच्चीस हज़ार वर्षपचास हज़ार वर्षएक करोड़ वर्षलाखों करोड़ों वर्षQuestion 9 of 1810. यह तो तुम जानती ही हो कि यह धरती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न था। आदमियों से पहले सिर्फ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब इस धरती पर कोई जानदार चीज़ न थी। आज जब यह दुनिया हर तरह के जानवरों और आदमियों से भरी हुई है, उस ज़माने का ख्याल करना भी मुश्किल है, जब यहाँ कुछ न था। यह धरती पहले कैसी थी?बेहद सर्दबेहद गरमपानी से भरीकठोरQuestion 10 of 1811. यह तो तुम जानती ही हो कि यह धरती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न था। आदमियों से पहले सिर्फ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब इस धरती पर कोई जानदार चीज़ न थी। आज जब यह दुनिया हर तरह के जानवरों और आदमियों से भरी हुई है, उस ज़माने का ख्याल करना भी मुश्किल है, जब यहाँ कुछ न था। पहले धरती पर कोई जानदार चीज़ क्यों नहीं थी?क्योंकि धरती उपजाऊ नहीं थीक्योंकि धरती जीवन के अनुकूल नहीं थीक्योंकि धरती बहुत गरम थीउपर्युक्त सभी कथन सत्य हैंQuestion 11 of 1812. लेकिन जो कहानी किसी बात को देखे बिना ही गढ़ ली जाए वह ठीक कैसे हो सकती है? लेकिन खुशी की बात है कि उस पुराने जमाने की लिखी हुई किताबें न होने पर भी कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनसे हमें उतनी ही बातें मालूम होती हैं जितनी किसी किताब से होतीं। ये पहाड़, समुद्र, सितारे, नदियाँ, जंगल, जानवरों की पुरानी हड्डियाँ और इसी तरह की और भी कितनी ही चीजें हैं, जिनसे हमें दुनिया का पुराना हाल मालूम हो सकता है। मगर हाल जानने का असली तरीका यह नहीं है कि हम केवल दूसरों की लिखी हुई किताबें पढ़ लें बल्कि खुद संसार-रूपी पुस्तक को पढ़ें। मुझे आशा है कि पत्थरों और पहाड़ों को पढ़कर तुम थोड़े ही दिनों में उनका हाल जानना सीख जाओगी। सोचो, कितनी मज़े की बात है। एक छोटा-सा रोड़ा जिसे तुम सड़क पर या पहाड़ के नीचे पड़ा हुआ देखती हो, शायद संसार की पुस्तक का छोटा-सा पृष्ठ हो, शायद उससे तुम्हें कोई नई बात मालूम हो जाए। शर्त यही है कि तुम्हें उसे पढ़ना आता हो। बिना किसी को देखे गढ़ी गई कहानी कैसी होती है?सत्यकाल्पनिकझूठीयथार्थQuestion 12 of 1813. लेकिन जो कहानी किसी बात को देखे बिना ही गढ़ ली जाए वह ठीक कैसे हो सकती है? लेकिन खुशी की बात है कि उस पुराने जमाने की लिखी हुई किताबें न होने पर भी कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनसे हमें उतनी ही बातें मालूम होती हैं जितनी किसी किताब से होतीं। ये पहाड़, समुद्र, सितारे, नदियाँ, जंगल, जानवरों की पुरानी हड्डियाँ और इसी तरह की और भी कितनी ही चीजें हैं, जिनसे हमें दुनिया का पुराना हाल मालूम हो सकता है। मगर हाल जानने का असली तरीका यह नहीं है कि हम केवल दूसरों की लिखी हुई किताबें पढ़ लें बल्कि खुद संसार-रूपी पुस्तक को पढ़ें। मुझे आशा है कि पत्थरों और पहाड़ों को पढ़कर तुम थोड़े ही दिनों में उनका हाल जानना सीख जाओगी। सोचो, कितनी मज़े की बात है। एक छोटा-सा रोड़ा जिसे तुम सड़क पर या पहाड़ के नीचे पड़ा हुआ देखती हो, शायद संसार की पुस्तक का छोटा-सा पृष्ठ हो, शायद उससे तुम्हें कोई नई बात मालूम हो जाए। शर्त यही है कि तुम्हें उसे पढ़ना आता हो। हमें पुरानी दुनिया का हाल किन चीज़ों से पता चलता है?पहाड़, हड्डियों समुद्र और तारों सेनदियों और जंगलों सेजानवरों की पुरानी हड्डियोंउपर्युक्त सभीQuestion 13 of 1814. कोई ज़बान, उर्दू, हिंदी या अंग्रेजी सीखने के लिए तुम्हें उसके अक्षर सीखने होते हैं। इसी तरह पहले तुम्हें प्रकृति के अक्षर पढ़ने पड़ेंगे, तभी तुम उसकी कहानी उसके पत्थरों और चट्टानों की किताब से पढ़ सकोगी। शायद अब भी तुम उसे थोड़ा-थोड़ा पढ़ना जानती हो। जब तुम कोई छोटा-सा गोल चमकीला रोड़ा देखती हो, तो क्या वह तुम्हें कुछ नहीं बतलाता? यह कैसे गोल, चिकना और चमकीला हो गया और उसके खुरदरे किनारे या कोने क्या हुए? किसी भी भाषा को सीखने के लिए क्या सीखना पड़ता है?वाक्यअक्षरशब्दव्याकरणQuestion 14 of 1815. कोई ज़बान, उर्दू, हिंदी या अंग्रेजी सीखने के लिए तुम्हें उसके अक्षर सीखने होते हैं। इसी तरह पहले तुम्हें प्रकृति के अक्षर पढ़ने पड़ेंगे, तभी तुम उसकी कहानी उसके पत्थरों और चट्टानों की किताब से पढ़ सकोगी। शायद अब भी तुम उसे थोड़ा-थोड़ा पढ़ना जानती हो। जब तुम कोई छोटा-सा गोल चमकीला रोड़ा देखती हो, तो क्या वह तुम्हें कुछ नहीं बतलाता? यह कैसे गोल, चिकना और चमकीला हो गया और उसके खुरदरे किनारे या कोने क्या हुए? प्रकृति के अक्षर हमें कहाँ से मिलते हैं?पुस्तकों सेपत्थरों और चट्टानों सेवृक्षों सेउपर्युक्त सभीQuestion 15 of 1816. कोई ज़बान, उर्दू, हिंदी या अंग्रेजी सीखने के लिए तुम्हें उसके अक्षर सीखने होते हैं। इसी तरह पहले तुम्हें प्रकृति के अक्षर पढ़ने पड़ेंगे, तभी तुम उसकी कहानी उसके पत्थरों और चट्टानों की किताब से पढ़ सकोगी। शायद अब भी तुम उसे थोड़ा-थोड़ा पढ़ना जानती हो। जब तुम कोई छोटा-सा गोल चमकीला रोड़ा देखती हो, तो क्या वह तुम्हें कुछ नहीं बतलाता? यह कैसे गोल, चिकना और चमकीला हो गया और उसके खुरदरे किनारे या कोने क्या हुए? चमकीला पत्थर पहले कैसा रहा होगा?छोटा तथा कम चमकीलाबड़ा या नुकीलाछोटा तथा चमकदारबराबर तथा अधिक चमकीलाQuestion 16 of 1817. लेखक की पुत्री ने किन देशों का हाल इतिहास में पढ़ा है ?हिंदुस्तानइंग्लैंड1 और 2 दोनों इनमें से कोई नहींQuestion 17 of 1818. लेखक ने अपनी पुत्री को कहाँ का ध्यान रखने की बात कही है ?देशों कीजातियों की1 और 2 दोनों इनमें से कोई नहींQuestion 18 of 18 Loading... 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