पलायन वेग क्या है, ऊर्जा, चाल, परिभाषा, मान, सूत्र, कक्षीय वेग तथा पलायन वेग में संबंध
पलायन वेग
जब हम पृथ्वी तल से किसी पिंड को ऊपर की ओर फेंकते हैं तो वह पिंड कुछ ऊंचाई पर जाने के पश्चात नीचे लौट आता है। अर्थात्
वह न्यूनतम वेग जिससे किसी पिंड को पृथ्वी तल से ऊपर की ओर फेंकने पर वह पिंड पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर निकल जाए, और वापस पृथ्वी पर न आ सके। तो पिंड के इस वेग को पलायन वेग (escape velocity) कहते हैं। इसे ve से प्रदर्शित करते हैं। इसे पलायन चाल भी कहते हैं।
पलायन ऊर्जा
पलायन वेग वह न्यूनतम वेग होता है जिससे किसी पिंड को पृथ्वी तल से फेंकने पर वह पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर निकल जाता है और पृथ्वी पर कभी वापस नहीं आता है पलायन वेग से फेंकने के लिए पिंड को दी गई गतिज ऊर्जा को पलायन ऊर्जा (escape energy in Hindi) कहते हैं।
माना पृथ्वी का द्रव्यमान Me तथा त्रिज्या Re है एवं पृथ्वी से फेंके गए पिंड का द्रव्यमान m है तो पलायन ऊर्जा का सूत्र निम्न होगा।
पलायन ऊर्जा U = \( \frac{GM_em}{R_e} \)
पलायन वेग का सूत्र (व्यंजक)
U = \( \frac{GM_em}{R_e} \)
अर्थात पिंड को पृथ्वी तल से अनंत पर भेजने के लिए \(\frac{GM_em}{R_e} \) कार्य करना होगा।
यदि पिंड को \( \frac{GM_em}{R_e} \) गतिज ऊर्जा दे दी जाए, तो वह पिंड अनंत पर चला जाएगा। अर्थात पिंड सदैव के लिए पलायन कर जाएगा। यही पिंड की पलायन ऊर्जा होगी। अतः
पलायन ऊर्जा = \( \frac{GMem}{R_e} \)
यह पलायन ऊर्जा पिंड की गतिज ऊर्जा के बराबर होगी तो
\( \frac{GM_em}{R_e} \) = \( \frac{1}{2} \)mve2
ve = \( \sqrt{\frac{2GM_e}{R_e}} \)
अब GMe = gRe2 रखने पर
ve = \( \sqrt{\frac{2gR_e^2}{R_e}} \)
ve = \( \sqrt{2gR_e} \)
\( { v_e = \sqrt{2gR_e} } \)यही पलायन वेग का सूत्र है। पलायन वेग पिंड के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है यह ग्रह की त्रिज्या तथा गुरुत्वीय त्वरण पर निर्भर करता है।
पलायन वेग का मान
सूत्र ve = \( \sqrt{2gR_e} \) से
पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 मीटर/सेकंड2 तथा त्रिज्या Re = 6.4 × 106 मीटर
तो पलायन वेग ve = \( \small \sqrt{2 × 9.8 × 6.4 × 10^6} \) मीटर/सेकंड2
\( { v_e = 11.2} \) किमी/सेकंड
पलायन वेग का मान 11.2 किलोमीटर/सेकंड होता है।
पलायन वेग तथा कक्षीय वेग में संबंध
पृथ्वी के निकट किसी उपग्रह का कक्षीय वेग vo = \( \small \sqrt{gR_e} \) समी.①
पृथ्वी तल से फेंकी गई किसी वस्तु का पलायन वेग ve = \( \small \sqrt{2gR_e} \) समी.②
समी.② से समी.① को भाग देने पर
\( \large \frac{v_o}{v_e} \) = \( \frac{\sqrt{gR_e}}{\sqrt{2gR_e}} \)
\( \large \frac{v_o}{v_e} \) = \( \frac{1}{\sqrt{2}} \) × \( \frac{\sqrt{gR_e}}{\sqrt{gR_e}} \)
\( { v_e = \sqrt{2} v_o} \)अतः पृथ्वी के निकट परिक्रमा कर रहे उपग्रह की कक्षीय चाल में अगर \( \sqrt{2} \)
2 की बढ़ोतरी हो जाए, तो वह उपग्रह अपनी कक्षा छोड़कर पलायन कर जाएगा और कभी वापस लौटकर पृथ्वी पर नहीं आएगा।
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