भू-तुल्यकाली/स्थैतिक और ध्रुवीय उपग्रह क्या है, आवर्तकाल, पृथ्वी से ऊंचाई
भू-तुल्यकाली/स्थैतिक उपग्रह
पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा कर रहे किसी उपग्रह का वह वृत्तीय पथ (कक्षा) जिस पर वह पृथ्वी के समान ही 24 घंटे में परिक्रमा करता है। एवं इसके घूर्णन की दिशा पश्चिम से पूर्व ही होती है। तो इस प्रकार की कक्षा को भू तुल्यकाली कक्षा कहते हैं। तथा इस कक्षा में परिक्रमण कर रहे उपग्रह को भू-तुल्यकाली उपग्रह (geo synchronous satellite in Hindi) कहते हैं।
भू तुल्यकाली उपग्रह का उपयोग संचार क्षेत्र में किया जाता है।
भू तुल्यकाली उपग्रह का परिक्रमण काल 24 घंटे होता है अर्थात यह उपग्रह पृथ्वी के परितः अपनी कक्षा में एक चक्कर पूरा करने में 24 घंटे का समय लेते हैं।
भू तुल्यकाली उपग्रह को भू स्थैतिक उपग्रह भी कहते हैं। क्योंकि यह उपग्रह पृथ्वी के समान चाल से ही तथा घूर्णन दिशा भी एक जैसी ही होती है जिस कारण पृथ्वी तल के किसी बिंदु के सापेक्ष यह उपग्रह स्थित प्रतीत होता है इसी कारण इसे भू स्थैतिक उपग्रह कहते हैं।
सूत्र आवर्तकाल
T = \( \frac{2π}{R_e} \sqrt{\frac{(R_e + h)^3}{g} } \) से
इससे हम भू-तुल्यकाली उपग्रह की पृथ्वी से ऊंचाई ज्ञात करेंगे।
चूंकि T = 24 घंटे = 24 × 3600 सेकंड
Re = 6.4 × 106 मीटर
g = 9.8 मीटर/सेकंड2 तो
24 × 3600 = \( \frac{2π}{6.4 × 10^6} \sqrt{\frac{(6.4 × 10^6 + h)^3}{9.8} } \)
हल करने के पश्चात
\( { h = 36000 किमी. } \)अतः भू तुल्यकाली उपग्रह की पृथ्वी तल से ऊंचाई 36000 किलोमीटर होती है।
भू तुल्यकाली (स्थैतिक) उपग्रह की विशेषताएं
1. इसका परिक्रमण काल पृथ्वी के समान ही 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड (24 घंटे) ही होता है।
2. यह उपग्रह पृथ्वी तल से 36000 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित होते हैं।
3. यह उपग्रह अपनी धूरी पर पश्चिम से पूरब की ओर परिक्रमण करते हैं।
4. यह उपग्रह लगभग 42200 किलोमीटर त्रिज्या की वृत्तीय कक्षा में परिक्रमा करते हैं।
ध्रुवीय उपग्रह
वह उपग्रह जिनकी ऊंचाई पृथ्वी तल से काफी कम होती है। एवं जो अपनी धूरी पर पृथ्वी के परितः उत्तर ध्रुव से दक्षिण ध्रुव की ओर जाते हैं। अर्थात यह उत्तर-दक्षिण ध्रुव में परिक्रमा करते हैं। इस प्रकार के उपग्रह को ध्रुवीय उपग्रह (polar satellite) कहते हैं। एवं जिस कक्षा में ध्रुवीय उपग्रह परिक्रमा करते हैं उसे ध्रुवीय कक्षा कहते हैं।
ध्रुवीय उपग्रह का आवर्तकाल लगभग 100 मिनट होता है।
ध्रुवीय उपग्रह की विशेषताएं
1. इसका परिक्रमण काल 100 मिनट के लगभग होता है।
2. यह पृथ्वी तल से लगभग 500 से 800 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित होते हैं।
3. यह उपग्रह अपनी कक्षा में उत्तर से दक्षिण ध्रुव की ओर परिक्रमण करते हैं।
ध्रुवीय उपग्रह का उपयोग
इसका उपयोग मौसम की जानकारी तथा जासूसी में किया जाता है।
पृथ्वी की सतह देखने तथा सैन्य परीक्षण में।
मानचित्र, जलवायु परिवर्तन में जानकारी तथा भू-भाग का भौगोलिक दृश्य में इसका उपयोग होता है।
Leave a Reply