न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम, सार्वत्रिक नियतांक
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम
न्यूटन ने केप्लर के ग्रहों की गति संबंधी नियम से प्राप्त निष्कर्ष की व्याख्या करते हुए बताया कि ब्रह्मांड का प्रत्येक पिंड, किसी दूसरे पिंड को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस आकर्षण के गुण को गुरुत्वाकर्षण कहते हैं।
न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण संबंधी एक नियम प्रस्तुत किया जिसे न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम (Newton’s law of gravitation) कहते हैं।
इस नियम के अनुसार, किन्ही दो पिंडों (कणों) के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल दोनों कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है। एवं उनके कणों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
माना दो कण जिनके द्रव्यमान m1 व m2 हैं। एक दूसरे से r दूरी पर हैं। यदि इनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल F है।
तो इस नियमानुसार
F ∝ m1 m2
तथा F ∝ \( \large \frac{1}{r^2} \)
अतः F ∝ \( \large \frac{m1 m2}{r^2} \)
या \( { F = G \frac{m1m1}{r^2} } \)
जहां एक G अनुक्रमानुपाती नियतांक है जिसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं।
गुरुत्वाकर्षण बल की दिशा दोनों कणों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होती है।
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक
यदि गुरुत्वाकर्षण की प्रक्रिया में भाग लेने वाले दोनों कणों के द्रव्यमान समान तथा एकांक हों एवं उनके बीच की दूरी भी एकांक हो तो
m1 = m2 = 1 एवं r = 1
तब F = G\( \large \frac{m1 m2}{r^2} \)
F = G
अतः एकांक दूरी पर रखे दो एकांक द्रव्यमानों के कणों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल उसके सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक के बराबर होता है।
गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मात्रक
सूत्र F = G\( \large \frac{m1 m2}{r^2} \) से
G = F\( \large \frac{r^2}{m1 m2} \)
यदि दूरी मीटर में, द्रव्यमान किग्रा में, तथा बल न्यूटन में हो तो सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक का एस आई मात्रक न्यूटन-मीटर2/किग्रा2 होता है।
गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का विमीय सूत्र
गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का विमीय सूत्र
G = न्यूटन मीटर2/ किग्रा2 से
G = \( \frac{[MLT^{-2}]\,[L^2]}{[M^2]} \) से
G = [M-1L3T-2]
अतः गुरुत्वाकर्षण नियतांक का विमीय सूत्र [M-1L3T-2] होता है।
गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान
G का मान कणों की प्रकृति, द्रव्यमान, माध्यम तथा ताप एवं समय आदि पर निर्भर नहीं करता है। इसी कारण से इसे सार्वत्रिक नियतांक G कहते हैं।
प्रयोग द्वारा गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान 6.67 × 10-11 न्यूटन-मीटर2/किग्रा2 प्राप्त किया गया है। यह एक अदिश राशि है।
G के मान से इसका अर्थ निकलता है।
कि 1 मीटर की दूरी पर रखे दो 1-1 किग्रा द्रव्यमान के पिंड के बीच 6.67 × 10-11 न्यूटन का आकर्षण बल लगता है।
आशा करते हैं कि न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम संबंधी एवं सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक से संबंधित यह अध्याय आपको पसंद आया होगा। अगर आपको कोई परेशानी हो तो हमें कमेंट के माध्यम से बताएं।
Leave a Reply