शक्ति किसे कहते हैं, परिभाषा, सूत्र, सामर्थ्य क्या है
शक्ति अथवा सामर्थ्य
किसी वस्तु या व्यक्ति द्वारा एकांक समय में किए गए कार्य को शक्ति (power in Hindi) कहते हैं। इसे P से प्रदर्शित करते हैं शक्ति एक अदिश राशि है। शक्ति को सामर्थ्य भी कहते हैं।
माना t समयांतराल में किसी वस्तु द्वारा किया गया कार्य W हो तो
शक्ति का सूत्र
शक्ति = कार्य/समय
\({ P = \frac{W}{t} } \)
शक्ति का मात्रक
शक्ति का एस आई मात्रक वाट होता है।
P = \( \frac{W}{t} \) से
चूंकि कार्य का मात्रक जूल तथा समय का मात्रक सेकंड होता है तो इस प्रकार शक्ति का मात्रक जूल/सेकंड होगा। अतः
1 जूल/सेकंड = 1 वाट
अर्थात किसी वस्तु द्वारा 1 सेकंड में 1 जूल कार्य किया जाए, तो उसकी शक्ति 1 वाट होगी।
शक्ति को एक अन्य मात्रक अश्वशक्ति (horse power) भी होता है।
1 अश्वशक्ति = 746 वाट
क्योंकि कार्य का C.G.S. मात्रक अर्ग होता है तब शक्ति का C.G.S. मात्रक अर्ग/सेकंड होगा।
शक्ति का विमीय सूत्र
सूत्र P = W/t से
शक्ति = न्यूटन-मीटर/सेकंड
शक्ति = द्रव्यमान × त्वरण × मीटर /सेकंड
शक्ति = किग्रा × मीटर/सेकंड2 × मीटर/सेकंड
शक्ति = किग्रा × मीटर2 × सेकंड-3
अतः शाक्ति का विमीय सूत्र [ML2T-3] होता है।
इसे ऐसे भी ज्ञात कर सकते हैं।
शाक्ति की विमा = कार्य की विमा/समय की विमा
शाक्ति की विमा = \( \frac{[ML^2T^{-2}]}{[T]} \)
शाक्ति की विमा = [ML2T-3]
शक्ति के सूत्र P = \( \frac{W}{t} \) से
चूंकि हम जानते हैं कि कार्य = बल × विस्थापन होता है तब
P = \( \frac{F × s}{t} \)
या P = \( F × \frac{s}{t} \)
चूंकि विस्थापन/समयांतराल के अनुपात को वेग कहते हैं तो
P = F • v
सदिश रूप में
\( { P = \overrightarrow{F} • \overrightarrow{v} } \)
अतः शाक्ति दो सदिशों (बल F तथा वेग v ) के अदिश गुणनफल के बराबर होती है। इसलिए शाक्ति अदिश राशि है।
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