कार्य, ऊर्जा और शक्ति नोट्स
कार्य ऊर्जा प्रमेय न्यूटन के गति का प्रथम नियम का समाकल रूप है।
• 1 जूल में 107 अर्ग होते हैं।
• किसी पिंड का संवेग दोगुना करने पर उसकी गतिज ऊर्जा चार गुना हो जाती है।
• शक्ति का C.G.S. प्रणाली में मात्रक अर्ग/सेकंड होता है।
• 1 अश्व शक्ति में 746 वाट होते हैं।
• 1 किलोवाट घंटा में 3.6 × 106 जूल होते हैं।
• गुरुत्वीय बल तथा स्प्रिंग का बल संरक्षी बल का उदाहरण है जबकि श्यान बल तथा घर्षण बल असंरक्षी बल के उदाहरण हैं।
• दो पिंडों की प्रत्यास्थ टक्कर में निकाय की गतिज ऊर्जा व संवेग दोनों संरक्षित रहते हैं।
• E = mc2 आइंस्टीन का द्रव्यमान ऊर्जा संबंध है।
संरक्षी बल
वह बल जिसके द्वारा किसी वस्तु के विरुद्ध किया गया कार्य वस्तु के प्रगमन मार्ग पर निर्भर नहीं करता है केवल वस्तु की प्रारंभिक व अंतिम स्थितियों पर निर्भर करता है। इस प्रकार के बल को संरक्षी बल कहते हैं।
उदाहरण – गुरुत्वीय बल
असंरक्षी बल
वह बल जिसके द्वारा किसी वस्तु के विरुद्ध किया गया कार्य वस्तु के प्रगमन पथ तथा प्रारंभिक व अंतिम स्थितियों पर निर्भर करता है असंरक्षी बल कहलाता है।
उदाहरण – घर्षण बल
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