घर्षण बल किसे कहते हैं सूत्र व दिशा, कोण, गुणांक, लोटनिक तथा तरल घर्षण
घर्षण बल
जब दो पिंड परस्पर संपर्क में होते हैं एवं एक वस्तु दूसरी वस्तु के पृष्ठ पर गति करती है। तो इनके संपर्क तलों के बीच एक बल कार्य करता है। जो वस्तुओं की गति का विरोध करता है इस बल को घर्षण बल (friction force in Hindi) कहते हैं।
घर्षण बल का उदाहरण
घर्षण बल को उदाहरण द्वारा अच्छी तरह समझा जा सकता है।
मान लीजिए एक मेज है जिसके ऊपर कोई वस्तु (जैसे किताब) रखी है। यदि हम वस्तु को किसी वेग से धक्का दें, तो वस्तु कुछ दूर चलने के बाद रुक जाएगी या विरामावस्था में आ जाएगी। तो ध्यान देने वाली बात यह है कि वस्तु क्यों रुकी।
चूंकि हम जानते हैं कि किसी भी गतिशील वस्तु को रोकने के लिए एक बाह्य बल की आवश्यकता होती है अतः इस प्रकार स्पष्ट होता है कि वस्तु तथा मेज के संपर्क तलों के बीच एक बल कार्यरत है जो इनकी गति का विरोध करता है। इस बल को ही घर्षण बल कहते हैं। चित्र द्वारा स्पष्ट होता है।
घर्षण बल के प्रकार
घर्षण बल दो प्रकार के होते हैं।
(1) गतिज घर्षण बल
(2) स्थैतिक घर्षण बल
1. गतिक घर्षण बल
जब दो वस्तुओं के बीच परस्पर गति होती है तो इन वस्तुओं के बीच एक बल आरोपित हो जाता है जिसे गतिक घर्षण बल (dynamic friction force in Hindi) कहते हैं। अर्थात्
” दो वस्तुओं के बीच उनकी गति के कारण उत्पन्न बल को गति घर्षण बल कहते हैं। इसे fk द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। “
fk = µk R
जहां µk एक नियतांक है जिसे गतिक घर्षण गुणांक कहते हैं।
2. स्थैतिक घर्षण बल
जब दो वस्तुएं एक-दूसरे के सम्पर्क में होती हैं तो लेकिन उनके बीच कोई गति नहीं होती है अर्थात वह विरामावस्था में होती हैं तो इन वस्तुओं के बीच आरोपित बल को स्थैतिक घर्षण बल (static friction force in Hindi) कहते हैं। अर्थात्
” दो वस्तुओं के बीच उनकी विरामावस्था के कारण उत्पन्न बल को स्थैतिक घर्षण बल कहते हैं। इसे fs से प्रदर्शित करते हैं। “
दो वस्तुओं के बीच उनकी विरामावस्था के कारण उत्पन्न बल को स्थैतिक घर्षण बल कहते हैं। इसे fs से प्रदर्शित करते हैं। “
fs = µs R
जहां µs एक नियतांक है जिसे स्थैतिक घर्षण गुणांक कहते हैं।
घर्षण के नियम
1. घर्षण बल सदैव गतिशील वस्तुओं पर उनकी गति की दिशा के विपरीत आरोपित होता है।
2. जब दो वस्तुएं परस्पर एक-दूसरे के संपर्क में होती है तो उनके बीच घर्षण बल, अभिलंब प्रतिक्रिया R के अनुक्रमानुपाती होता है।
3. घर्षण बल संपर्क में रखी वस्तुओं के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है।
4. घर्षण बल सदैव संपर्क में रखी वस्तुओं के बीच उनकी गति का विरोध करता है।
घर्षण गुणांक
घर्षण नियम से स्पष्ट होता है कि घर्षण बल f अभिलंब प्रतिक्रिया R के अनुक्रमानुपाती होता है। तो
f ∝ R
या f = µR
जहां µ एक नियतांक है जिसे घर्षण गुणांक कहते हैं। तो
µ = \( \frac{f}{R} \)
घर्षण गुणांक एक विमाहीन एवं मात्रकहीन राशि है।
घर्षण कोण
सीमांत घर्षण की दिशा में, अभिलंब प्रतिक्रिया R एवं इसका परिणामी B के बीच कोण को घर्षण कोण कहते हैं। घर्षण कोण को θ से प्रदर्शित करते हैं।
चतुर्भुज OABC में
AB = OC = fs तथा OA = BC = R
अब ∆OCB में
tanθ = लंब/आधार = BC/OC = fs/R
अब घर्षण के सूत्र fs = µsR से
tanθ = µsR/R
\( tanθ = µ_s \)या \( θ = tan^{-1}(µ_s) \)
यही घर्षण कोण का सूत्र है।
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