सदिशों के योग का समांतर चतुर्भुज नियम
इस नियम के अनुसार यदि दो सदिशों को परिमाण व दिशा में किसी समांतर चतुर्भुज की दो संगलन भुजाओं से निरूपित किया जाता हो, तब इन सदिशों का परिणामी, परिमाण व दिशा में समांतर चतुर्भुज के विकर्ण द्वारा निरूपित होगा। लेकिन विकर्ण उसी बिंदु पर खींचा गया हो जिस पर दो संगलन भुजाएं खींची गई हैं। इसे सदिशों के योग का समांतर चतुर्भुज नियम कहते हैं।
\( \overrightarrow{A} \) व \( \overrightarrow{B} \) हैं इनका परिमाण व दिशा, समांतर चतुर्भुज की दो संगलन भुजाओं OP व OS से निरूपित किया गया है। यह दोनों सदिश परस्पर θ कोण पर झुके हैं।
तब इन सदिशों का परिणामी \( \overrightarrow{R} \), परिमाण व दिशा में त्रिभुज के विकर्ण द्वारा निरूपित होगा। चित्र से स्पष्ट है
सदिशों के योग का समांतर चतुर्भुज नियम
\( \overrightarrow{R} \) का परिमाण ज्ञात करने के लिए भुजा OP को आगे बढ़ाकर उस पर बिंदु Q से लंब खींचा जाता है। तो
OP = QS = A
OS = PQ = B
OQ = R
अब ∆ONQ में
(कर्ण)2 = (लंब)2 + (आधार)2
(OQ)2 = (ON)2 + (QN)2
(OQ)2 = (OP + PN)2 + (QN)2
(OQ)2 = (OP)2 + (PN)2 + 2(OP)(PN) + (QN)2
चूंकि ∆PNQ में (PN)2 + (QN)2 = (PQ)2 है तब उपरोक्त समीकरण से
(OQ)2 = (OP)2 + (PQ)2 + 2(OP)(PN) समी.①
अब समकोण ∆PNQ में
cosθ = आधार/कर्ण = PN/PQ
तथा PN = PN cosθ
PN का मान समी.① में रखने पर
(OQ)2 = (OP)2 + (PQ)2 + 2(OP)(PN cosθ)
चूंकि शुरू में ही ज्ञात था कि OP = A, PQ = B तथा OQ = R है तो समीकरण
R2 = A2 + B2 + 2ABcosθ
दोनों ओर वर्गमूल करने पर
\( { R = \sqrt{A^2 + B^2 + 2ABcosθ} } \)अतः इस समीकरण द्वारा चतुर्भुज की दो संगलन भुजाओं के मान से उनका परिणाम \( \overrightarrow{R} \) का परिमाण ज्ञात किया जा सकता है।
अब परिणामी \( \overrightarrow{R} \) की दिशा ज्ञात करने के लिए सदिश \( \overrightarrow{A} \) की दिशा में α कोण बनाते हैं। तब
tanα = लंब/आधार = QN/ON = QN/(OP + PN)
अब OP = A तथा PN = Bcosθ एवं QN = Bsinθ होगा। तो
यही सदिशों के योग का समांतर चतुर्भुज नियम का सूत्र है।
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