सदिशों के योग का त्रिभुज नियम क्या है
सदिशों के योग का त्रिभुज नियम
इस नियम के अनुसार, यदि दो सदिशों को परिमाण व दिशा में किसी त्रिभुज की दो क्रमागत भुजाओं से निरूपित किया जाता हो, तब इन सदिशों का परिणामी, परिमाण व दिशा में विपरीत क्रम में ली गई त्रिभुज की तीसरी भुजा के द्वारा निरूपित होगा। इसे सदिशों के योग का त्रिभुज नियम कहते हैं।
\( \overrightarrow{A} \) व \( \overrightarrow{B} \) हैं जिनका परिमाण व दिशा में ∆xyz की दो क्रमागत भुजाओं \( \overrightarrow{xy} \) व \( \overrightarrow{yz} \) द्वारा निरूपित है।
तब इन सदिशों का परिणामी \( \overrightarrow{R} \) त्रिभुज की तीसरी भुजा xz द्वारा प्रदर्शित किया जाएगा चित्र में स्पष्ट किया गया है।
\( \overrightarrow{R} \) का परिमाण R ज्ञात करेंगे।
इसके लिए भुजा xy को आगे बढ़ाकर m तक ले जाते हैं जो कि ∆ के बिंदु z से डाला गया लंब का कार्य करती है।
इसके लिए भुजा xy को आगे बढ़ाकर m तक ले जाते हैं जो कि ∆ के बिंदु z से डाला गया लंब का कार्य करती है।
माना ∠zym = θ हो तब ∆xzm में
(कर्ण)2 = (लंब)2 + (आधार)2
(xz)2 = (zm)2 + (xm)2
(xz)2 = (zm)2 + (xy + ym)2 (चूंकि xm=xy+ym)
(xz)2 = (zm)2 + (xy)2 + (ym)2 + 2(xy)(ym)
चूंकि ∆yzm में (zm)2 + (ym)2 = (yz)2 है तब
(xz)2 = yz2 + xy2 + 2(xy)(ym) समी.①
समकोण ∆yzm में
cosθ = आधार/कर्ण = ym/yz
तथा ym = yz cosθ
ym का मान समी.① में रखने पर
xz2 = yz2 + xy2 + 2(xy)(yz cosθ)
चूंकि शुरू में ही पढ़ा था कि xz = R, xy = A तथा yz = B है तब उपरोक्त समीकरण
R2 = A2 + B2 + 2ABcosθ
दोनों ओर वर्गमूल करने पर
\( { R = \sqrt{A^2 + B^2 + 2ABcosθ} } \)
दोनों ओर वर्गमूल करने पर
\( { R = \sqrt{A^2 + B^2 + 2ABcosθ} } \)अतः इस समीकरण द्वारा दो क्रमागत भुजाओं के मान से उनका परिणाम का परिमाण ज्ञात किया जा सकता है।
\( \overrightarrow{R} \) की दिशा ज्ञात करने के लिए सदिश \( \overrightarrow{A} \) पर एक कोण बनाते हैं।
तो ∆xmz में
tanα = लंब/आधार = zm/xm = zm/(xy + ym)
अब चूंकि ऊपर xy = A, ym = yz cosθ तथा zm = yzsinθ होगा। तो
\( { tanα = \frac{Bsinθ}{A + Bcosθ} } \)
यही सदिश योग के त्रिभुज नियम का सूत्र है।
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