त्वरण किसे कहते हैं, परिभाषा, सूत्र, मात्रक, प्रकार
त्वरण
किसी गतिशील वस्तु का वेग किसी समय अधिक होता है एवं किसी समय कम होता है। अर्थात वस्तु का वेग स्थिर नहीं रहता है। अतः वस्तु के वेग में परिवर्तन होता रहता है।
लेकिन वेग में परिवर्तन को समय के सापेक्ष या दूरी के सापेक्ष व्यक्त करें, यह समस्या बहुत पुरानी है। वैज्ञानिक गैलीलियो ने अध्ययन किया कि मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तुओं के लिए वेग परिवर्तन की दर का मान समय के सापेक्ष स्थिर रहता है। जबकि दूरी के सापेक्ष में परिवर्तन नहीं रहता है। तब त्वरण की इस प्रकार परिभाषा दी गई कि
” किसी गतिशील वस्तु के समय के सापेक्ष वेग परिवर्तन को त्वरण (acceleration in Hindi) कहते हैं। “
अर्थात जब किसी वस्तु का वेग समय के साथ बदलता है तो उसमें त्वरण हो रहा है।
कहीं-कहीं त्वरण यह short परिभाषा भी दी जाती है-
‘किसी वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को त्वरण कहती हैं।’
त्वरण = वेग परिवर्तन/समयांतराल
त्वरण में परिमाण के साथ दिशा भी होती है इसलिए यह एक सदिश राशि है। इसकी दिशा वही होती है जो वस्तु के वेग परिवर्तन की होती है।
2 तथा C.G.S. पद्धति में मात्रक सेमी/सेकंड2 होता है एवं त्वरण का विमीय सूत्र [M 0 L T – 2] होता है।
त्वरण के प्रकार
त्वरण गतिशील वस्तुओं में अनेक प्रकार से होता है जो निम्न प्रकार है –
(1) एकसमान त्वरण
(2) असमान या परिवर्ती त्वरण
(3) औसत त्वरण
(4) तात्क्षणिक त्वरण
1. एकसमान त्वरण
यदि किसी गतिशील वस्तु का वेग, समान समय अंतरालों में समान होता है तो वस्तु में उत्पन्न त्वरण को एकसमान त्वरण कहते हैं।
2. परिवर्ती अथवा असमान त्वरण
यदि किसी गतिशील वस्तु का वेग समान समयांतरालों में भिन्न-भिन्न होता है तो वस्तु में उत्पन्न त्वरण को असमान अथवा परिवर्ती त्वरण कहते हैं।
3. औसत त्वरण
किसी गतिशील वस्तु के वेग में हुए कुल परिवर्तन एवं इसमें लगे कुल समय के अनुपात को औसत त्वरण कहते हैं।
औसत त्वरण = कुल वेग परिवर्तन/कुलसमय
यदि t 1 व t 2 क्षणों पर गतिशील वस्तु का वेग v 1 व v 2 है तो
औसत त्वरण = \(\frac{v2-v1}{t2-t1}\) = \( \frac{∆v}{∆t}\)
4. तात्क्षणिक त्वरण
किसी क्षण पर गतिशील वस्तु के त्वरण को उसका तात्क्षणिक त्वरण कहते हैं।
धनात्मक तथा ऋणात्मक त्वरण
यदि किसी गतिशील वस्तु का वेग समय के साथ बढ़ता है तो उत्पन्न त्वरण को धनात्मक त्वरण कहते हैं।
इसके विपरीत यदि वेग समय के साथ घटता है तो उत्पन्न त्वरण को ऋणात्मक या मन्दन त्वरणकहते हैं।
Note – किसी गतिशील वस्तु का त्वरण भी वेग के समान ही धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य हो सकता है।
Leave a Reply