आवोगाद्रो का नियम, परिभाषा, संख्या का मान
आवोगाद्रो का नियम
इस नियम के अनुसार, समान ताप और दाब पर विभिन्न गैसों के निश्चित आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है। इसे आवोगाद्रो का नियम (Avogadro’s law) कहते हैं।
माना A और B दो गैसें हैं समान ताप और दाब पर इनका समान आयतन V है तो इन दोनों गैसों के अणुओं की संख्या भी समान n होगी।
आवोगाद्रो संख्या
किसी गैस के एक ग्राम मोल में अणुओं की संख्या को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। इसे N से प्रदर्शित करते हैं।
1 मोल कार्बन-12 में उपस्थित परमाणुओं की संख्या 6.022 × 1023 होती है। इस संख्या को ही आवोगाद्रो संख्या कहते हैं।
अतः आवोगाद्रो संख्या का मान 6.022 × 1023 अणु होता है।
ग्राहम बेल का विसरण नियम
इस नियम के अनुसार, निश्चित ताप और दाब पर किन्ही गैसों की विसरण की दर उनके घनत्व के वर्गमूल के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
माना दो गैसें हैं जिनके घनत्व ρ1 व ρ2 हैं। एवं इनकी वर्ग माध्य मूल चाल क्रमशः v1rms व v2rms हैं तो
\( \large \frac{v_{1rms}}{v_{2rms}} \) = \( \sqrt{ \frac{ρ_1}{ρ_2} } \)
यदि गैसों की विसरण दरें क्रमशः R1 व R2 हों तो
\( \large \frac{R_1}{R_2} \) = \( \frac{v_{1rms}}{v_{2rms}} \)
चूंकि वर्ग माध्य मूल चाल का अनुपात गैसों के अणुभार के वर्गमूल के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात्
\( \frac{R_1}{R_2} = \sqrt{ \frac{M_2}{M_1} } \)जहां M1 = पहली गैस का अणुभार
M2 = दूसरी गैस के लिए अणुभार
R1 = पहली गैस की विसरण दर
R2 = दूसरी गैस की विसरण दर
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