ऊष्मागतिकी नोट्स
ऊष्मागतिकी के तीन नियम है जिससे संबंधित प्रशन हर साल वार्षिक परीक्षाओं में आता है। इसलिए हमने इस अध्याय के अंतर्गत तीनो नियम और अन्य सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है।
ऊष्मागतिकी नोट्स
ऊष्मागतिकी के अंतर्गत हम ऊष्मा तथा यांत्रिक ऊर्जा में परस्पर संबंध का अध्ययन करते हैं। ऊष्मागतिकी के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार से हैं –
1. ऊष्मा ऊर्जा का ही एक रूप है।
2. ऊष्मा इंजन द्वारा ऊष्मीय ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरण किया जाता है।
3. एक कैलोरी में 4.18 जूल होते हैं यही इसके बीच संबंध है।
4. वायु में अनुदैर्ध्य तरंगों का संचरण होना रुद्धोष्म प्रक्रम का एक उदाहरण है।
5. बर्फ का गलना तथा मोम का जमना एक समतापी प्रक्रम का उदाहरण है।
6. कार्नो इंजन में कार्यकारी पदार्थ आदर्श गैस होती है।
7. लोहे पर जंग लगना एक अनुत्क्रमणीय प्रक्रम का उदाहरण है।
तापीय साम्य
जब दो भिन्न-भिन्न तापों की वस्तुओं को परस्पर एक दूसरे के संपर्क में रखा जाता है तो इन वस्तुओं में ऊष्मा, उच्च ताप वाली वस्तु से नीचे ताप वाली वस्तु की ओर प्रवाहित होने लगती है। यह प्रवाह तब तक जारी रहता है जब तक दोनों वस्तुओं पर ताप सामान न हो जाए। जैसे ही दोनों वस्तुओं पर ताप समान हो जाता है तो उनमें ऊष्मा का प्रवाह रुक जाता है। तब इस स्थिति में दोनों वस्तुएं एक-दूसरे के तापीय साम्य में होती हैं। इसे ऊष्मीय साम्य में भी कहते हैं।
निकाय की आंतरिक ऊर्जा
किसी ऊष्मागतिकी निकाय की आंतरिक ऊर्जा निकाय के अणुओं की स्थानांतरित गतिज ऊर्जा, घूर्णन ऊर्जा, कंपन गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा के योग के बराबर होती है।
विलगित निकाय
वह निकाय जिसमें ऊष्मा का आदान प्रदान नहीं होता है। अर्थात इस निकाय की आंतरिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है। अतः ∆U = 0
Rani bhawel
December 2024
Physics notes in Hindi
Physics notes