गुप्त ऊष्मा, वाष्पन तथा गलन, परिभाषा, प्रकार, एस आई मात्रक
गुप्त ऊष्मा
स्थिर ताप पर किसी पदार्थ के एकांक द्रव्यमान की अवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक ऊष्मा को उस पदार्थ की गुप्त ऊष्मा (latent heat) कहते हैं। इसे L से प्रदर्शित करते हैं।
यदि स्थिर ताप पर किसी पदार्थ का द्रव्यमान m तथा आवश्यक ऊष्मा Q हो तो गुप्त ऊष्मा का सूत्र निम्न होगा-
ऊष्मा = द्रव्यमान × गुप्त ऊष्मा
Q = mL
L = Q/m
गुप्त ऊष्मा का मात्रक जूल/किग्रा होता है। एवं इसके अन्य मात्रक कैलोरी/ग्राम अथवा किलोकैलोरी/किग्रा भी होता है। गुप्त ऊष्मा एक अदिश राशि है
इसका विमीय सूत्र [L2T-2] होता है।
आसान शब्दों में कहें तो किसी पदार्थ को अपनी अवस्था परिवर्तन के लिए ऊष्मा की आवश्यकता होती है तब उस पदार्थ को दी गई ऊष्मा को गुप्त ऊष्मा कहते हैं।
जैसे – जब किसी ठोस को गर्म करते हैं। तब ठोस का ताप बढ़ता है एवं एक ताप पर ठोस की अवस्था में परिवर्तन होने लगता है। अर्थात ठोस द्रव में बदलने लगता है अतः ठोस की अवस्था परिवर्तन में दी गई ऊष्मा को गुप्त ऊष्मा कहते हैं।
गुप्त ऊष्मा के प्रकार
गुप्त ऊष्मा दो प्रकार की होती है
(1) गलन की गुप्त ऊष्मा
(2) वाष्पन की गुप्त ऊष्मा
1. गलन की गुप्त ऊष्मा
जब किसी ठोस पदार्थ को गर्म किया जाता है तो उस ठोस पदार्थ का ताप बढ़ता जाता है। उस ठोस का एक गलन बिंदु होता है जब ठोस का ताप उसके गलन बिंदु से पार चला जाता है तो ठोस गलने लगता है। अर्थात ठोस का द्रव अवस्था में परिवर्तन होने लगता है अतः ठोस का द्रव अवस्था में परिवर्तन के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस ठोस पदार्थ की गलन की गुप्त ऊष्मा (latent heat of fusion) कहते हैं। इसे संगलन की गुप्त ऊष्मा भी कहते हैं।
इसका मात्रक किलोकैलोरी/किग्रा या जूल/किग्रा होता है।
बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा 80 किलो किलोकैलोरी/किग्रा अथवा 3.33 × 105 जूल/किग्रा होती है।
2. वाष्पन की गुप्त ऊष्मा
जब किसी द्रव को गर्म किया जाता है तो द्रव का ताप बढ़ता जाता है। एवं वह द्रव वाष्प अवस्था में बदलने लगता है। अर्थात द्रव का गैस अवस्था में परिवर्तन होने लगता है अतः द्रव को गैस अवस्था में परिवर्तन करने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस द्रव की वाष्पन की गुप्त ऊष्मा (latent heat of vaporization) कहते हैं।
इसका मात्रक किलोकैलोरी/किग्रा अथवा जूल/किग्रा होता है।
जल के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 539 किलोकैलोरी/किग्रा अथवा 22.6 × 105 जूल/किग्रा होती है।
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