आदर्श गैस समीकरण, इसकी उत्पत्ति , सूत्र, उदाहरण
आदर्श गैस (ideal gas)
जो गैस दाब तथा ताप की सभी परिस्थितियों में चार्ल्स और बॉयल के नियम का पालन करती है उसे आदर्श गैस कहते हैं।
कम घनत्व पर गैसें, आदर्श गैस होती हैं वास्तव में ऐसी कोई गैस ज्ञात नहीं है जिसका पूर्ण रूप से व्यवहार आदर्श गैस के समान हो, आदर्श गैस एक काल्पनिक गैस है जिसे किसी भी ताप और दाब पर द्रव में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
आदर्श गैस समीकरण
जो समीकरण किसी गैस की निश्चित मात्रा के दाब, आयतन और ताप में संबंध व्यक्त करती है उसे आदर्श गैस समीकरण (ideal gas equation) कहते हैं।
PV = nRT
जहां P = गैस का दाब
V = गैस का आयतन
n = गैस के मोलो की संख्या
T = परमताप
एवं R एक नियतांक है। जिसे सार्वत्रिक गैस नियतांक कहते हैं। इसका मान 8.31 जूल/मोल-केल्विन होता है।
कम घनत्व पर गैसें इस नियम का पालन करती हैं। गैस नियतांक का मान भिन्न-भिन्न गैसों के एक ही द्रव्यमान के लिए, मान भिन्न-भिन्न होता है।
यदि n = 1 मान लिया जाए तो आदर्श गैस समीकरण
PV = RT
परम शून्य ताप (absolute temperature)
-273°C ताप को परम शून्य ताप कहते हैं। तथा परम शून्य से परिकलित ताप को परम ताप कहते हैं। इसे केल्विन ताप भी कहते हैं।
-यह न्यूनतम ताप होता है इससे नीचा ताप नहीं होता है। परम ताप तथा केल्विन ताप में निम्न संबंध होता है।
T = t + 273
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