Solutions For All Chapters Aroh Class 11 CBSE
Bharat Mata Question Answer
पाठ के साथ
प्रश्न 1: भारत की चर्चा नेहरू जी कब और किससे करते थे?
उत्तर- भारत की चर्चा नेहरू जी देश के कोने-कोने में आयोजित जलसों में जाकर अपने सुनने वालों से किया करते थे। इस विषय की चर्चा ज्यादातर वे किसानों से करते थे। उन्हें लगता था कि किसानों को संपूर्ण भारत के बारे में जानकारी कम है तथा उनका दृष्टिकोण सीमित है। वे उन्हें हिंदुस्तान का नाम भारत देश के संस्थापक के नाम से परंपरा से चला आ रहा है। इस देश का एक हिस्सा दूसरे से अलग होते हुए भी देश एक है। इस भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए आंदोलन की प्रेरणा देते थे।
प्रश्न 2: नेहरू जी भारत के सभी किसानों से कौन-सा प्रश्न बार-बार करते थे?
उत्तर- नेहरू जी भारत के सभी किसानों से निम्नलिखित प्रश्न बार-बार करते थे-
(क) वे ‘भारत माता की जय’ से क्या समझते हैं?
(ख) यह भारत माता कौन है?
(ग) वह धरती कौन-सी है जिसे वे भारत माता कहते हैं-गाँव की, जिले की, सूबे की या पूरे हिंदुस्तान की?
प्रश्न 3: दुनिया के बारे में किसानों को बताना नेहरू जी के लिए क्यों आसान था?
उत्तर- नेहरू जी के लिए किसानों को दुनिया के बारे में बताना आसान था। इसके निम्नलिखित कारण हैं –
महाकाव्यों व पुराणों की कथा-कहानियों से किसान पहले से परिचित थे।
तीर्थयात्राओं के कारण देश के चारों कोनों पर है।
कुछ सिपाहियों ने प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लिया था।
कुछ लोग विदेशों में नौकरियाँ करते थे।
1930 की आर्थिक मंदी के कारण दूसरे मुल्कों के बारे में जानकारी थी।
प्रश्न 4: किसान सामान्यत: भारत माता का क्या अर्थ लेते थे?
उत्तर- किसान सामान्यत: ‘भारत माता’ का अर्थ-धरती से लेते थे। नेहरू जी ने उन्हें समझाया कि उनके गाँव, जिले, नदियाँ, पहाड़, जंगल, खेत, करोड़ों भारतीय सभी भारत माता हैं।
प्रश्न 5: भारत माता के प्रति नेहरू जी की वया अवधारणा थी?
उत्तर- नेहरू जी की अवधारणा थी कि हिंदुस्तान वह सब कुछ है जिसे उन्होंने समझ रखा है, लेकिन वह इससे भी बहुत ज्यादा है। देश का हर हिस्सा- नदी, पहाड़, खेत आदि सभी इसमें शामिल हैं। दरअसल भारत में रहने वाले करोड़ों लोग हैं, ‘भारत माता की जय’ का अर्थ है-करोड़ों भारतवासियों की जय। इस धारणा का अर्थ है-देशवासियों से ही देश बनता है।
प्रश्न 6: आजादी से पूर्व किसानों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता था?
उत्तर- आजादी से पूर्व किसानों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता था-
गरीबी, कर्जदारी, पूँजीपतियों के शिकजे में फैंसे रहना, जमींदारों और महाजनों के कर्ज के जाल में फैंसकर तड़पना, लगान की कठोरता से वसूली, पुलिस के अत्याचार, अधिक ब्याज देना तथा विदेशी शासन के अत्याचार।
पाठ के आस-पास
प्रश्न 1: आजादी से पहले भारत-निर्माण को लेकर नेहरू के क्या सपने थे? क्या आज़ादी के बाद वे साकार हुए? चर्चा कीजिए।
उत्तर- आज़ादी से पहले भारत निर्माण को लेकर नेहरू के सपने निम्नलिखित थे –
देश में औद्योगिक क्रांति
महाजनी संस्कृति से मुक्ति
विज्ञान व तकनीक का विकास
गरीबी दूर करना।
उनके ये सपने कुछ हद तक पूरे हुए, परंतु पूर्णतः नहीं, भ्रष्टाचार, सरकारी अनिच्छा, वोट की राजनीति आदि के कारण अनेक योजनाएँ सिरे नहीं चढ़ सकी।
प्रश्न 2: भारत के विकास को लेकर आप क्या सपने देखते हैं?
उत्तर- भारत के विकास को लेकर मेरा सपना निम्नलिखित है-
(क) सभी भारतीयों को रोटी, कपड़ा व मकान सहजता से मिले।
(ख) शिक्षा का अधिकार सबको मिले।
(ग) देश के कृषि व औद्योगिक क्षेत्रों में विकास हो ताकि लोगों को रोजगार मिले।
(घ) देश में तकनीकी क्रांति आए।
(ङ) देश में शांति का माहौल कायम रहे।
प्रश्न 3: आपकी दृष्टि में भारत माता और हिंदुस्तान की क्या संकल्पना है? बताइए।
उत्तर- मेरी दृष्टि में भारत माता या हिंदुस्तान वह देश है जो विभिन्न भौगोलिक सीमाओं से आबद्ध है। उत्तर में हिमालय इसका मस्तक है जो प्रहरी के समान इसकी रात-दिन रक्षा करता है तो दक्षिण में सागर इसके चरणों को पखारता है। अनेक नदियाँ, पहाड़, जंगल, खेत, पशु-पक्षी इसकी शोभा में वृद्धि करते हैं। इस देश का हर निवासी इसका अंश है। इन सबको मिलाकर बना हुआ देश भारत है।
प्रश्न 4: वर्तमान समय में किसानों की स्थिति किस सीमा तक बदली है? चर्चा कर लिखिए।
उत्तर- आज किसानों की दशा में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। अब वे अपने खेतों के मालिक हैं। उन्हें लगान नहीं देना पड़ता। सूखा पड़ने या बाढ़ आने पर उसे मुआवजा मिलता है। उसकी फसलों की खरीद हेतु सरकार न्यूनतम मूल्य घोषित करती है। अच्छे बीज, खाद, कीटनाशक, बिजली, पानी आदि सब पर सरकार भारी सब्सिडी देती है। अब उसे भूखा नहीं मरना पड़ता। खेती के साथ वह छोटे-छोटे कुटीर उद्योग भी लगा सकता है। अब उसे महाजनों, जमींदारों, पुलिस के अत्याचार सहने नहीं पड़ते।
प्रश्न 5: आजादी से पूर्व अनेक नारे प्रचलित थे। किन्हीं दस नारों का संकलन करें और संदर्भ भी लिखें।
उत्तर-
वंदे मातरम् ! – मातृभूमि की वंदना करने के लिए। (बंकिमचंद्र)
भारत माता की जय! – समस्त भारत-भूमि एवं निवासियों की विजय।
यह हिंद! – हिंद प्रदेश (भारत) की जय! (सुभाष चंद्र बोस)
करो या मरो! – या तो काम करो या देशहित में अपने-आप को बलिदान कर दो। (गांधी जी)
जय जवान! जय किसान! – भारत के किसानों (अन्नदाता और जवानों (रक्षकों)) की जय (शास्त्री जी)
स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, इसे मैं लेकर रहूँगा! – स्वतंत्रता की घोषणा। (तिलक)
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। (सुभाष चंद्र बोस)
आराम हराम है। (नेहरू)
अंग्रेजों भारत छोड़ो (भारतवासी)
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारी दिल में है। देखना है ज़ोर कितना बाजुए कातिल में है। (रामप्रसाद बिस्मिल)
बोधात्मक प्रशन
प्रश्न 1: ‘भारत माता’ पाठ का प्रतिपाद्य बताइए।
उत्तर- ‘भारत माता’ अध्याय हिंदुस्तान की कहानी का पाँचवाँ अध्याय है। इसमें नेहरू ने बताया है कि किस तरह देश के कोने-कोने में आयोजित जलसों में जाकर वे आम लोगों को बताते थे कि अनेक हिस्सों में बँटा होने के बाद भी हिंदुस्तान एक है। इस अपार फैलाव के बीच एकता के क्या आधार हैं और क्यों भारत एक देश है, जिसके सभी हिस्सों की नियति एक ही तरीके से बनती-बिगड़ती है। उन्होंने भारत माता शब्द पर भी विचार किया तथा यह निष्कर्ष निकाला कि भारत माता की जय का मतलब है यहाँ के करोड़ों-करोड़ लोगों की जय।
प्रश्न 2: लोगों की आँखों में कब चमक आ जाती थी?
उत्तर- नेहरू जी लोगों को बताते थे कि तुम ही भारत माता के अंश हो। एक तरह से तुम ही भारत माता हो। यह बात जब उनकी समझ में आ जाती थी तो उनकी आँखों में चमक आ जाती थी। उन्हें लगता था मानो उन्होंने कोई खोज कर ली हो।
प्रश्न 3: लेखक गाँवों व शहरों में अपने भाषणों में क्या अंतर रखते थे?
उत्तर- लेखक देश भर में भ्रमण कर जगह-जगह भाषण देते थे। शहरों में उनके भाषणों का विषय अलग होता था। शहरी लोग शिक्षित व समझदार होते थे। उनकी समस्याएँ भी भिन्न प्रकार की होती थीं। वहाँ नेहरू जी विकास या स्वतंत्रता संबंधी बातें करते थे। गाँव में लोग अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे होते थे। उनका दायरा भी सीमित होता था तथा वे संकीर्ण मानसिकता के थे। देहातों में नेहरू विदेशों की चर्चा करते थे। उन्हें यह समझाते थे कि वे देश का ही एक हिस्सा है। वे देश की एकता पर बल देते थे।
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