हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत, गणितीय रूप व्यंजक, परिभाषा
हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत
द्रव्य और विकिरण के दोहरे व्यवहार के फलस्वरुप भौतिक वैज्ञानिक वर्नर हाइजेनबर्ग ने सन् 1927 में एक सिद्धांत प्रस्तुत किया जिसे हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत (Heisenberg uncertainty principle) कहते हैं।
इस सिद्धांत के अनुसार, किसी गतिशील अति सूक्ष्म कण (इलेक्ट्रॉन) की सही स्थिति और सही वेग का निर्धारण एक साथ करना असंभव है।
हाइजेनबर्ग अनिश्चितता सिद्धांत का गणितीय रूप
उपरोक्त परिभाषा के अनुसार अनिश्चितता सिद्धांत को गणितीय रूप में निम्न प्रकार लिखा जा सकता है।
\( {∆x × ∆P ≥ \frac{h}{4π} } \)चूंकि संवेग P = द्रव्यमान m × वेग v
तो ∆x × ∆(mv) ≥ \( \frac{h}{4π} \)
या ∆x × ∆v ≥ \( \frac{h}{m4π} \)
जहां ∆x = कण की स्थिति में अनिश्चितता
∆P = संवेग में अनिश्चितता
h = प्लांक नियतांक है।
इस सूत्र द्वारा स्पष्ट होता है कि किसी गतिशील अति सूक्ष्म कण के संवेग में अनिश्चितता (∆P) और कण की स्थिति में अनिश्चितता (∆x) का गुणनफल या तो \(\frac{h}{4π}\)
के बराबर होगा या उससे अधिक होगा।
अर्थात् इस प्रकार ज्ञात होता है कि यदि किसी इलेक्ट्रॉन की सही स्थिति ज्ञात है तो उसके वेग में अनिश्चितता अधिक होगी। ठीक इसी प्रकार यदि किसी इलेक्ट्रॉन का वेग बिल्कुल ठीक ज्ञात है तो उसकी स्थिति में अनिश्चितता होगी।
अतः इस प्रकार स्पष्ट होता है कि अनिश्चितता के सिद्धांत का महत्व केवल अति सूक्ष्म कणों (जैसे इलेक्ट्रॉन) के लिए ही लागू होता है। बड़े कणों के लिए इसका मान लगभग शून्य होता है। उन पर यह सिद्धांत लागू नहीं होता है।
अनिश्चितता सिद्धांत के उदाहरण
Q.1 किसी एक इलेक्ट्रॉन के वेग में अनिश्चितता 5.8 × 106 मीटर/सेकंड थी तब इलेक्ट्रॉन की स्थिति में अनिश्चितता ज्ञात कीजिए?
हल – हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत के अनुसार
∆x × ∆P ≥ \( \frac{h}{4π} \)
या ∆(m × v) × ∆x = \( \frac{h}{4π} \)
क्योंकि हम जानते हैं कि
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान m = 9.1 × 10-31 किग्रा
प्लांक नियतांक h = 6.6 × 10-34 जूल-सेकंड
इलेक्ट्रॉन के वेग में अनिश्चितता ∆v = 5.8 × 106 मीटर/सेकंड
तब इलेक्ट्रॉन की स्थिति में अनिश्चितता ∆x = \( \frac{h}{4π × m × ∆v} \)
h, m, ∆v के मान रखने पर
∆x = \( \frac{6.6 × 10^{-34}}{4 × 22/7 × 9.1 × 10^{-31} × 5.8 × 10^6}\)
हल करने पर इलेक्ट्रॉन की स्थिति में अनिश्चितता
∆x = 10-11 मीटर
या ∆x = 0.01 नैनोमीटर
अतः इलेक्ट्रॉन की स्थिति में अनिश्चितता 0.01 नैनोमीटर होगी।
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