प्रोटॉन की खोज कब और किसने की, परिभाषा, द्रव्यमान, आवेश
प्रोटॉन
प्रोटॉन परमाणु के नाभिक में पाया जाता है। इस पर धन आवेश होता है।
प्रोटोन पर 1.6 × 10-19 कूलाम आवेश होता है।
एवं प्रोटॉन का द्रव्यमान 1.66 × 10-24 ग्राम (1.66 × 10-27 किग्रा) होता है।
परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या और इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर होती है। अर्थात्
नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या
प्रोटॉन की खोज
प्रोटॉन की खोज वैज्ञानिक अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने सन् 1920 में की थी। (discovery of proton)
प्रोटॉन की खोज कैनाल (धन) किरणों द्वारा की गई थी।
Note – कई जगह यह लिखा गया है कि प्रोटॉन की खोज गोल्डस्टीन ने की थी। गोल्डस्टीन ने केवल कैनाल किरणों के बारे में कुछ ही अनुमान लगाया था। लेकिन 1920 में रदरफोर्ड प्रोटोन के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान की। इसलिए प्रोटोन का खोजकर्ता रदरफोर्ड को माना जाता है।
प्रोटॉन की खोज कैसे हुई
वैज्ञानिक गोल्डस्टीन ने यह ज्ञात किया कि अल्प दाब और उच्च विभवांतर पर छिद्रित कैथोड लगी विसर्जन नली में विद्युत विसर्जन किया जाता है। तो कैथोड के पीछे चमकीला चिन्ह बनता है। गोल्डस्टीन ने इन किरणों को कैनाल किरणें कहा चूंकि यह एनोड से गमन करती हुई कैथोड की ओर जाती है। एवं थॉमसन इन किरणों को धन किरणें कहा चूंकि यह एनोड से उत्पन्न होती है।
कैनाल किरणों के गुण
1. कैनाल किरणें एनोड से निकलकर कैथोड की ओर गमन करती हैं। इसलिए इन किरणों को धन किरणें भी कहा जाता है।
2. यह किरणें सीधी रेखाओं में चलती है।
3. कैनाल किरणों का वेग कैथोड किरणों के वेग से कम होता है।
4. कैनाल किरणें विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्रों में विक्षेपित हो जाती है। अर्थात् कैनाल किरणों में धनात्मक कण उपस्थित होते हैं। जिन्हें प्रोटॉन कहते हैं।
5. यह किरणें ठोसों को आयनित कर देती है।
प्रोटॉन की विशेषताएं
सन् 1920 में वैज्ञानिक अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने कैनाल किरणों के अध्ययन की फलस्वरुप प्रोटॉन की खोज की, एवं इनसे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं दीं, जो निम्न प्रकार से हैं।
1. प्रोटॉन का द्रव्यमान 1.66 × 10-24 ग्राम (1.66 × 10-27 किग्रा) होता है जो हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के लगभग बराबर ही है।
2. प्रोटॉन परमाणु का धनावेशित मौलिक कण है जिस पर +1.6 × 10-19 कूलाम आवेश होता है।
3. प्रोटॉन की त्रिज्या लगभग 10-13 सेमी होती है।
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