In the Country of the Yahoos’ and the Houyhnhnms
Gulliver sailed from England on 7th September, 1710. In the course of his new voyage, he was attacked by the members of the crew. Many of whom had previously been pirates. They put him down on the sea-coast and sailed away. After a while, he saw several animals in a field. They looked strange and deformed. He was surrounded by them and his life was in danger. But soon he was saved by a horse. Those strange creatures ran away at the sight of the horse. Then came another horse and they greeted each other by striking their right hoof. Their behavior seemed very orderly and rational. The horses escorted Gulliver to their abode. Later on Gulliver came to know that the horses were called the Houyhnhnms. The strange flesh eating animals were called the “Yahoos’ and they were sub-servient to the horses. Gradually, Gulliver picked up their language.
Yahoos और Houyhnhnms के देश में
Gulliver 7 सितम्बर, 1710 को इंग्लैंड से चला। नयी जल-यात्रा के दौरान जहाज के कर्मियों द्वारा उस पर हमला कर दिया गया। उनमें से अधिकतर पहले समुद्री-डाकू रहे थे। उन्होंने उसे समुद्र-तट पर फेंक दिया और भाग गये। कुछ देर बाद उसे खेत में कुछ जानवर दिखायी दिये। वे विचित्र और विकृत प्रतीत होते थे। उनके द्वारा उसे घेर लिया गया और उसका जीवन खतरे में था। लेकिन शीघ्र ही एक घोड़े ने उसे बचा लिया। उस घोड़े को देखकर वे विचित्र प्राणी भाग खडे हुए। फिर एक दूसरा घोड़ा आया और उन्होंने अपना दायां खुर खड़का कर एक दूसरे का स्वागत किया। उन का व्यवहार काफी सधा हुआ (व्यवस्थित) एवं तर्कपूर्ण था। घोडे Gulliver की अगवानी करते हुए उसे अपने निवास पर ले आये। बाद में पता चला कि घोड़ों को Houyhnhnms कहा जाता था। मांसाहारी विचित्र जानवरों की Yahoos कहा जाता था। Yahoos, Houyhnhnms के सेवक थे। धीरे – धीरे Gulliver को उनकी भाषा समझ में आ गयी।
Houyhnhnms Representing Perfection of Nature
Gulliver’s capacity for learning and his gentleness and cleanliness, impressed the master of the Houyhnhnms. They all treated Gulliver as a brute animal but a better animal. Gulliver found that the Houyhnhnms had no word for “lying or ‘falsehood’. They had no notion of them. The word “Houyhnhnm” meant a “horse’. They represented perfection among animals. Gulliver gave an account of his country and people. The master was surprised to know that people in Gulliver’s country wore clothes to hide their nakedness. Gulliver told that in his country rational human beings like himself ran the government. The master felt highly insulted to know that “Houyhnhnms (horses) in England were employed as human servants to carry them on their backs. They were discarded in old age. They were castrated to be made more gentle and tame. The master couldn’t believe that the Yahoos (human beings) of Gulliver’s country were gifted with reason. Gulliver told that he was born in England, an island ruled by the Queen. He told how many people there were ruined by litigation, drinking, gambling and debauchery. They were guilty of murder, theft, robbery, forgery, rape, and so on. The master was surprised to learn that so many vices existed in Gulliver’s country. He couldn’t understand why the people of Europe fought so many wars in which so many lives were lost. The master was filled with an abhorrence for the whole human race when he heard about deadly weapons and destruction they caused.
Continuing his accounts, Gulliver told the master.
about the power of money in England. The rich enjoyed the fruits of the poor men’s labour. He also described how prostitutes suffered from various general diseases and physicians cared more for money than for their patients. English noblemen married for dowry and money.
Houyhnhnns प्रकृति की पूर्णता के प्रतीक
Gulliver की विनम्रता और सीखने की क्षमता और सफाई ने Houyhnhnhms के मालिक को प्रभावित किया। वे सभी Gulliver को एक पशु जीव समझते थे लेकिन एक अच्छा पशु। Gulliver ने पाया की Houyhnhnms ‘झूठ बोलना’ या ‘झूठ’ के लिये किसी भी शब्द का प्रयोग नहीं करते थे। ‘Houyhnhnm” शब्द का अर्थ “एक घोड़ा” था। वे पशुओं में पूर्णता के प्रतीक थे। Gulliver ने अपने देश और लोगों का वर्णन किया। Master को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि Gulliver के देश में लोग नंगेपन को छुपाने के लिये वस्त्र पहनते थे। Gulliver ने बताया कि उसके देश में उस जैसे विवेकी मनुष्य सरकार को चलाते थे। मुखिया (Master) यह जान कर कि इंग्लैंड में Houyhnhnms (घोड़ों) को मनुष्यों के सेवकों के रूप में उन्हें अपनी पीठ पर ले जाने के लिये उपयोग किया जाता था, बहुत अपमानित हुआ। बुढ़ापे में उन (घोड़ों) को त्याग दिया जाता था। उन्हें और विनम्र बनाने और सधाने के लिये उनकी नसबंदी कर दी जाती थी। मुखिया यह विश्वास नहीं कर पाया कि Gulliver के देश के Yahoos (इन्सान) में विवेक भी है। Gulliver ने बताया कि उसका जन्म इंग्लैंड में हुआ था, जो कि एक टापू है और जिस पर महारानी शासन करती है। उसने बताया कि कितने लोग वहां मुक्कदमे-बाजी, शराब पीने, जुआ खेलने और व्यभिचार से बर्बाद हो गये। वे कत्ल, चोरी, डकैती, जालसाजी, बलात्कार इत्यादि के कसूरबार थे। मुखिया यह जान कर हैरान हुआ कि Gulliver के देश में इतनी बुराईयाँ विद्यमान थी। वह यह नहीं समझता था कि क्यों यूरोप के लोग इतने युद्ध लड़ते हैं जिनमें इतनी जानें जाती थी। जब मुखिया को घातक हथियारों और उससे उत्पन्न विनाश का पता चला तो उसे मानव-जाति से वितृष्णा हो गयी। अपने वर्णन को जारी रखते हुए, Gulliver ने मुखिया को इंग्लैंड में पैसे की ताकत का वर्णन किया। अमीर गरीबों की मेहनत का फल खाते हैं। उसने यह भी बताया कि कैसे वैश्याएँ बहुत से यौन रोगों से पीड़ित हैं और वैद्य अपने रोगियों के इलाज की अपेक्षा पैसा कमाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। अंग्रेजी सामंत दहेज और पैसे के लिये शादियाँ करते थे।
Master’s Adverse View of Gulliver’s Countrymen
The master formed a somewhat mixed attitude towards Gulliver. No doubt, he possessed the faculty of reason but he lacked the strength and aagility of a Yahoo. The master then told about the ways of the Yahoos. The Yahoos loved shining stones. They had odious eating habits. They loved to drink the juice of a certain root and it produced the same effect as liquor produced on the people of Gulliver’s country. They had many diseases and cured them by taking a mixture of their own dung and urine. The leader of the Yahoos was a creature more deformed in body and mischievous in nature than all others. The female Yahoos would often stand behind a bush and lure a male Yahoo. On such occasions they would give out a most offensive smell. Gulliver had been rescued by a horse (Houyhnhnms) when a female Yahoo caught him in embrace.
मुखिया (Master) का Gulliver के देश के प्रति विपरीत दृष्टिकोण
विपरीत दृष्टिकोण मुखिया ने Gulliver के बारे में मिला-जुला दृष्टिकोण रखा। नि:सन्देह, उसमें विवेक, ज्ञान था लेकिन उसमें एक Yahoo जैसी ताकत व फूर्ति की कमी थी। फिर मुखिया ने Yahoos के तरीकों के बारे में बताया। Yahoo चमकीले पत्थरों से प्रेम करते थे। उनकी घृणा पद खाने की आदतें थी। उन्हें एक जड़ के रस को पीना पसंद था जो वैसा ही असर करती थी जैसी Gulliver के देशवासियों पर शराब करती थी। उन्हें बहुत सी बीमारियाँ थी जिनका वे अपने मल और पेशाब के मिश्रण के द्वारा इलाज करते थे। Yahoos का सरदार और सभी लोगों से शारीरिक रूप से विकृत और मानसिक रूप से शरारती होता था। Yahoos की नारियाँ अक्सर झाड़ी के पीछे खड़े होकर, एक नर Yahoo को पटाने का प्रयत्न करती थी। इन अवसरों पर उनमें से बहुत ही भयंकर दुर्गन्धआती थी। Gulliver को एक घोड़े (Houyhnhnm) ने बचा लिया जबकि एक Yahoo नारी ने उसे अपनी बाहों में पकड़ लिया था।
Suggestions For Extermination of the Yahoos
In the grand assembly it was discussed whether the Yahoos should be exterminated from the face of the earth. They were the most filthy, noisy and deformed animals. The Yahoos were mischievous and malicious too. However, the master was not in favor of such a drastic step. He suggested that the young Yahoos should be castrated to tame them.
Yahoos के विनाश का सुझाव
बड़ी सभा में इस बात पर विचार किया गया कि क्या पृथ्वी पर से Yahoos का विनाश कर दिया जाये। वे सबसे गन्दे, शोर करने वाले और विकृत जानवर थे। Yahoos शरारती और दुर्भावनापूर्ण जीव थे। फिर भी, मुखिया इस तरह का भयंकर कदम लेने के पक्ष में नहीं था। उसने सुझाव दिया कि युवा Yahoos को सधाने के लिए उनकी नसबंदी कर दी जाये।
Gulliver’s Expulsion and Departure
Gulliver was living happily in peace among the Houyhnhnms. Gulliver was so much impressed by the virtues and wisdom of the Houyhnhnms that he wanted to stay with them. One day the master sprang a big surprise on Gulliver. In the last assembly, it was decided that Gulliver was a member of the Yahoo race and must be expelled. So Gulliver built for himself a kind of canoe and after bidding a touching farewell to his master, sailed away from the shore.
Gulliver का निष्कासन अौर विदायी
Gulliver, Houyhnhnm’s के बिच में खुशी और शांति से रह रहा था। Gulliver, Houyhnhnm’s की बुद्विमता और गुणों से इतना प्रभावित था कि वह उनके साथ ठहरना चाहता था। इस दिन मुखिया ने Gulliver को बहुत चकित कर दिया। पिछली असेम्बली में यह फैसला लिया गया कि Gulliver Yahoos जाति (मनुष्य) का एक सदस्य है और उसे निष्कासित कर देना चाहिए। इस प्रकार, Gulliver ने अपने लिये एक किस्ती तैयार की और अपने मालिक (Master) को एक मर्मस्पर्श करने वाली अलविदायी देते हुए, समुद्र तट से चल दिया।
Gulliver’s Reaction to His Reunion With Family
Gulliver was fortunately picked up from his canoe by the sailors of a Portuguese ship. Gulliver had developed hatred against the race of human beings. In fact, he didn’t want to return to his own country. But the Captain was bent upon taking him there. From Portugal Gulliver boarded an English ship and sailed for England. He went to his house at Redriff on the same day.
Gulliver’s wife and family received him with great surprise and joy. But Gulliver was filled with hatred and disgust on seeing them. When his wife kissed him, he was so horrified that he fainted. Gulliver started writing an account of his travels. With the money he was able to save, he bought two horses. To the very day of his writing,
Gulliver के अयने परिवार-मिलन पर प्रतिक्रिया
सौभाग्यवश, एक पुर्तगाली जहाज के नाविकों ने Gulliver को नौका से जहाज पर उठा लिया। Gulliver को मानव-जाति से नफरत हो गयी थी। वास्तव में वह अपने देश वापस नहीं जाना चाहता था। लेकिन कप्तान उसे वहाँ ले जाने पर अडिग था। पुर्तगाल से Gulliver एक अंग्रेजी जहाज पर चढ़ कर इंग्लैंड आ गया। उसी दिन में वह Redriff अपना घर चला गया। Gulliver की पत्नी और परिवार ने बहुत हैरानी और
खुशी से उसका स्वागत किया। लेकिन Gulliver उन्हें देख कर नफरत और वितृष्णा से भर गया। जब उसकी पत्नी ने उस का चुम्बन लिया, वह इतना भयभीत हुआ कि बेहोश हो गया। Gulliver’s ने अपनी यात्राओं का वर्णन लिखना शुरू किया। जितने पैसे को वह बचा पाया था, उसने उससे दो घोड़ों को खरीदा। अपने लिखने के दिन तक, वह रोज
कम से कम चार घण्टों तक उनसे बातचीत करता रहा था।
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