Solutions For All Chapters Sanskrit Class 7
Question 2: एकपदेन उत्तरत-
(क) का विहसति? (कौन हंसता है?)
उत्तर: धरणी (पृथ्वी)।
(ख) किम् विकसति? (क्या खिलता है?)
उत्तर: कमलम् (कमल)।
(ग) व्याघ्रः कुत्र गर्जति? (बाघ कहाँ दहाड़ता है?)
उत्तर: विपिने (जंगल में)।
(घ) हरिणः किं खादति? (हरिण क्या खाता है?)
उत्तर: नवघासम् (नया घास)।
(ङ) मन्दं कः गच्छति? (धीमे कौन चलता है?)
उत्तर: उष्ट्रः (ऊंट)।
Question 3: रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(क) सलिले नौका सेलति। (नाव पानी में चलती है|)
(ख) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते। (फूलों पर तितलियाँ मंडराती हैं।)
(ग) उष्ट्रः पृष्ठे भारं वहति। (ऊंट अपनी पीठ पर भार ढोता है।)
(घ) धावनसमये अश्वः किमपि न खादति। (दौड़ते समय घोड़ा कुछ नहीं खाता।)
(ङ) सूर्ये उदिते धऱणी विहसति। (सूरज निकलने पर धरती खुश होती है।)
Answer :
(क) सलिले का सेलति? (पानी में क्या चलता है?)
(ख) कुत्र चित्रपतङ्गाः डयन्ते? (तितलियाँ कहाँ मंडराती हैं?)
(ग) कः पृष्ठे भारं वहति? (कौन अपनी पीठ पर भार ढोता है?)
(घ) कदा अश्वः किमपि न खादति? (कब घोड़ा कुछ नहीं खाता?)
(ङ) कः उदिते धऱणी विहसति? (कौन सूरज निकलने पर धरती खुश होती है?)
Question 4: मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत-
पृथिवी, देवालये, जले, मृगः, वने, भयङ्करम्
धरणी पृथिवी विपिने वने
करालम् भयङ्करम् हरिणः मृगः
सलिले जले मन्दिरे देवालये
Question 5: विलोमपदानि मेलयत-
मन्दम् क्षिप्रम्
नीचैः नीचैः
कठोरः स्निग्धम्
पुरातनम् नूतनम्
अपर्याप्तम् पर्याप्तम्
Question 6: उचितकथनानां समक्षम् ‘आम्’, अनुचितकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत-
(क) धावनसमये अश्वः खादति। (दौड़ते समय घोड़ा खाता है।) – न
(ख) उष्ट्रः पृष्ठे भारं न वहति। (ऊंट अपनी पीठ पर भार नहीं ढोता।) – न
(ग) सिंहः नीचैः क्रोशति। (शेर धीरे से दहाड़ता है।) – न
(घ) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते। (फूलों पर तितलियाँ मंडराती हैं।) – आम्
(ङ) वने व्याघ्रः गर्जति। (जंगल में बाघ दहाड़ता है।) – आम्
(च) हरिणः नवघासम् न खादति। (हिरण नया घास नहीं खाता।) – न
Question 7: अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत-
(क) भल्लुक: (तृतीया −एकवचने) – भल्लुकेन्
(ख) उष्ट्र: (पञ्चमी − द्विवचने) – उष्ट्रभ्याम्
(ग) हरिण: (सप्तमी बहुवचने) – हरिणेणु
(घ) व्याघ्र: (द्वितीया एकवचने) – व्याघ्रम्
(ङ) घोटकराज: (सम्बोधन एकवचने) – हे घोटकराज
Question 8: चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषातः पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत-
खगाः, विकसन्ति, कमलानि, उदेति, क्रीडन्ति, डयन्ते, सूर्यः, चित्रपतङ्गाः, कूजन्ति, बालाः
Answer 8:
(क) सूर्य: उदेति। (सूरज उगता है।)
(ख) खगा: कूजन्ति। (पक्षी चहकते हैं।)
(ग) बाला: क्रीडन्ति। (बच्चे खेलती हैं।)
(घ) कमलानि विकसन्ति। (कमल खिलते हैं।)
(ङ) चित्रपतङ्गा: डयन्ते। (तितलियाँ उड़ती हैं।)
Good