RBSE Solutions For All Chapters Samajik Vigyan Class 6
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(i) वह रेखा जो पृथ्वी को उत्तरी गोलार्द्ध तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में विभाजित करती है, कहलाती है |
(क) कर्क रेखा
(ख) विषुवत रेखा
(ग) मकर रेखा
(घ) ग्रीनविच रेखा।
उत्तर:
(ख) विषुवत रेखा
(ii) पृथ्वी पर एक अधिवर्ष में कितने दिन होते हैं ?
(क) 365
(ख) 364
(ग) 366
(घ) 363.
उत्तर:
(ग) 366
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(क) पृथ्वी को भूमध्यवर्ती व्यास ……. व्यास से अधिक होता है।
(ख) भारत का मानक समय…पूर्वी देशान्तर से निर्धारित किया गया है।
(ग) पृथ्वी …….. से प्रकाश प्राप्त करती है।
(घ) 21 जून को सूर्य की सीधी किरणें …… रेखा पर गिरती हैं।
उत्तर:
(क) ध्रुवीय
(ख)
(ग) सूर्य
(घ) कर्क।
प्रश्न 3.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा का क्या महत्व है ?
उत्तर:
180° पूर्वी देशान्तर तथा 180° पश्चिमी देशान्तर की रेखा एक ही होती है। यही अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहलाती है। इस रेखा से नई तिथि की शुरुआत मानी जाती है। इतने बड़े विस्तृत विश्व में यदि अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा की मान्यता को खत्म कर दिया जाए तो विश्व की तिथियों में सामंजस्य बिगड़ जायेगा। अतएव विश्व स्तर पर तिथियों के सामंजस्य की दृष्टि से इस रेखा का विशेष महत्व है। इस रेखा के पूर्व व पश्चिम में जाने पर तिथि कम व ज्यादा होती है।
प्रश्न 4.
अक्षांश और देशान्तर रेखाओं में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
अक्षांश और देशान्तर रेखाओं में प्रमुख अन्तर निम्न हैं
अक्षांश रेखा | देशान्तर रेखा |
(i) समान अक्षांशों को मिलाने वाली रेखा अक्षांश रेखा| वाली रेखा अक्षांश रेखा कहलाती है। | (i) समान देशान्तरोंको मिलाने वाली रेखा अक्षांश रेखा वाली रेखा अक्षांश रेखा कहलाती है। |
(ii) अक्षांश रेखाएँ आड़ी पूर्व से पश्चिम की ओर खींची जाती हैं। | (ii) देशान्तर रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को मिलाती हुई उत्तर-दक्षिण खींची जाती हैं। |
(iii) इनकी संख्या 180 होती हैं। | (iii) इनकी संख्या 360 होती है। |
(iv) इनसे ताप कटिबन्धों का निर्धारण होता है। | (iv) इनसे समय एवं तिथियों का निर्धारण होता है। |
प्रश्न 5.
पृथ्वी की गतियाँ कौन-कौन सी हैं ? समझाइए।
उत्तर:
पृथ्वी की दो गतियाँ हैं
(i) दैनिक या घूर्णन गति
(ii) वार्षिक या परिक्रमण गति।।
पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घण्टे में एक चक्कर पूरा कर लेती है। इसे सौर दिवस कहते हैं। पृथ्वी एक निश्चित मार्ग के सहारे सूर्य की परिक्रमा करती है इसे वार्षिक या परिक्रमण गति कहते हैं। पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन और 6 घण्टे में करती है जिसे एक वर्ष कहते हैं।
प्रश्न 6.
स्थानीय समय एवं प्रामाणिक समय में क्या अन्तर हैं।
उत्तर:
स्थानीय समय- किसी स्थान का सूर्य की स्थिति से ज्ञात किया गया समय उस-स्थान का स्थानीय समय होता है। एक ही देशान्तर पर स्थित सभी स्थानों का स्थानीय समय एक जैसा होता है परन्तु पूर्व से पश्चिम की ओर प्रत्येक देशान्तर का स्थानीय समय अलग-अलग होता है। किसी देश के कई स्थानीय समय हो सकते हैं। प्रामाणिक समय-प्रामाणिक समय सामान्यतः किसी देश के मध्य भाग से गुजरने वाली देशान्तर रेखा से निर्धारित किया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक देश का अपना प्रामाणिक समय होता है जो पूरे देश में लागू होता है। यदि किसी देश का पूर्व-पश्चिम विस्तार अधिक है तो वहाँ एक से अधिक प्रामाणिक समय हो सकते हैं।
प्रश्न 7.
पृथ्वी पर दिन-रात कैसे बनते हैं ? चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:
पृथ्वी पर दिन-रात का होना पृथ्वी की दैनिक गति का परिणाम होता है। हम जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होती है। पृथ्वी की गोलाकार आकृति के सूर्य की किरणेंकारण उसका एक भाग सूर्य के सामने होता है और दूसरा | भाग विपरीत अवस्था में होता। है। पृथ्वी का वह भाग जो सूर्य के सामने होता है, वहाँ चित्र-पृथ्वी पर दिन-रात होना। दिन होता है और जो भाग विपरीत अवस्था में होता है वहाँ रात होती है। चूंकि पृथ्वी का अक्ष अपने परिक्रमण तल से 66 ई० का कोण बनाता है। अतएव दिन-रात की लम्बाई में परिवर्तन होता रहता है।
प्रश्न 8.
ऋतुओं को बदलना पृथ्वी की किस गति से सम्बन्धित है और क्यों ?
उत्तर:
ऋतुओं का बदलना पृथ्वी की वार्षिक गति अथवा परिक्रमण गति का परिणाम है। हम जानते हैं कि पृथ्वी 365 दिन 6 घण्टे में सूर्य के चारों ओर एक निश्चित मार्ग के सहारे एक परिक्रमा कर लेती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर के कोण पर झुकी हुई है। इसी झुकी हुई अवस्था में वह सूर्य की परिक्रमा करती है। पृथ्वी पर एक वर्ष में मार्च से सितम्बर के बीच सूर्य की किरणें विषुवत रेखा और कर्क रेखा के बीच में चमकती हैं। इस समय उत्तरी गोलार्द्ध में गर्मी और दक्षिणी गोलार्द्ध में शीत ऋतु होती है।
इसी प्रकार सितम्बर से मार्च तक सूर्य की किरणें दक्षिणी गोलार्द्ध में विषुवत रेखा और मकर रेखा प्रकशि के मध्य सीधी चमकती हैं। इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु और उत्तरी गोलार्द्ध में शीत ऋतु होती है। 21 मार्च और 23 सितम्बर को सूर्य की किरणें भूमध्यरेखा पर सीधी चमकती हैं। इस समय दोनों गोलार्थों में समान स्थिति होती है। न अधिक गर्मी और ने अधिक ठण्ड। यह स्थिति विषुव (इक्वीनाक्स) कहलाती है। 21 जून को जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी चमकती हैं तो उत्तरी गोलार्द्ध में भीषण गर्मी पड़ती है और दक्षिणी गोलार्द्ध में भीषण ठण्ड होती है।
यह स्थिति उत्तरी अयनांत कहलाती है। 22 दिसम्बर को सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी चमकती हैं। इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में भयंकर गर्मी पड़ती है और उत्तरी गोलार्द्ध में शीतकाल होता है। यह स्थिति दक्षिणी अयनांत कहलाती है। इस प्रकार पृथ्वी विभिन्न ऋतुओं से होते हुए एक वर्ष में सूर्य की एक परिक्रमा कर लेती है।
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