जिला प्रशासन और न्याय व्यवस्था
RBSE Solutions For All Chapters Samajik Vigyan Class 6
प्रश्न 1.
1. सही उत्तर का विकल्प चुनिए
(i) जिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है
(अ) पुलिस अधीक्षक
(ब) जिला कलक्टर
(स) जनसम्पर्क अधिकारी
(द) कोषाधिकारी।
उत्तर:
(ब) जिला कलक्टर
(ii) न्यायालय से बाहर आपसी समझाइश द्वारा विवादों को समाप्त करवाया जाता है
(अ) दीवानी न्यायालय में
(ब) फौजदारी न्यायालय में
(स) लोक अदालत में
(द) राजस्व न्यायालय में।
उत्तर:
(स) लोक अदालत में
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) हमारे देश में ………. राज्य और ……. केन्द्रशासित प्रदेश हैं।
(ii) राजस्थान में ……….. संभाग और ………. जिले हैं।
(iii) फौजदारी मामलों में पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस को दिये गये प्रार्थना पत्र को ……….. कहते हैं।
उत्तर:
(i) 29, 7
(ii) 7, 33
(iii) प्रथम सूचना प्रतिवेदन (एफ. आई. आर.)
प्रश्न 3.
स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ’ब’ से सुमेलित कीजिए
उत्तर:
(i) (स)
(ii) (द)
(iii) (य)
(iv) (अ)
(v) (ब)
उत्तर:
(i) (ब)
(ii) (अ)
(iii) (द)
(iv) (य)
(v) (स)
प्रश्न 4.
जिला प्रशासन के कोई चार कार्य लिखिए।
उत्तर:
जिला प्रशासन के प्रमुख चार कार्य निम्नलिखित हैं
- शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखना।
- राजस्व व भू-अभिलेखों को अद्यतन रखना तथा भू-राजस्व प्राप्त करना।
- नागरिक सुविधाएँ प्रदान करना ।
- जनता व सरकार के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करना आदि।
प्रश्न 5.
पटवारी के क्या-क्या कार्य हैं ? लिखिए।
उत्तर:
पटवारी के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं
- गाँव की समस्त भूमि को निर्धारित प्रकारों में वर्गीकृत करना।
- खेतों की नाप रखना और उनके मानचित्र बनाना।
- भूमि के मालिक का नाम और उसकी भूमि का पूर्ण विवरण रखना।
- फसल तैयार होने पर उसका विवरण तैयार करना।।
- किसानों से भूमि कर वसूल करना आदि।
प्रश्न 6.
जन अभाव-अभियोग और सतर्कता समिति क्या कार्य करती है ?
उत्तर:
जिला स्तर पर आम जनता की कठिनाइयों एवं शिकायतों का निस्तारण करना जन अभाव अभियोग एवं सतर्कता समिति का कार्य है। यह आम जनता को बिजली, पानी, टेलीफोन, यातायात, पेन्शन प्रकरण, राजकीय भूमि से अतिक्रमण हटाना आदि समस्याओं का निराकरण करती है।
प्रश्न 7.
जिला कलक्टर के प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जिला कलक्टर के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
- शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखना।
- राजस्व तथा भू-अभिलेखों का संधारण तथा भू-राजस्व एकत्रित करवाना।
- नागरिक सुविधाएँ-शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, यातायात सम्बन्धी व्यवस्थाएँ करवाना।
- जिले के विकास की विभिन्न योजनाएँ बनाना तथा उनको लागू करवाना।
- विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं का चुनाव सम्पन्न करवाना।
- प्राकृतिक आपदाओं से बचाव तथा जनता को राहत प्रदान करना।
- जनता तथा सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाना।
- पंचायती राज व्यवस्था तथा जिला प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित करना।
- रसद व अन्य सामग्री की व्यवस्था करना।
- जने समस्याओं एवं शिकायतों का निराकरण करवाना आदि।
प्रश्न 8.
फौजदारी न्यायालय की कार्य प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हत्या, चोरी, मारपीट तथा शान्ति भंग करने से सम्बन्धित विवादों का समाधान फौजदारी न्यायालयों में होता है। फौजदारी विवादों में सबसे पहले पीड़ित पक्ष अपने क्षेत्र के पुलिस थाने में जाकर विवाद की लिखित सूचना देता है। इस सूचना को ‘प्रथम सूचना प्रतिवेदन’ (एफ.आई.आर.) कहा जाता है।
सूचना के पश्चात् पुलिस उससे सम्बन्धित मामलों की छानबीन-करके सबूत इकट्ठा करती है और फिर न्यायालय में उस मामले का चालान प्रस्तुत करती है। न्यायालय प्रस्तुत किये गये सबूतों के आधार पर और गवाहों के बयान तथा दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर अपना निर्णय देता है।
प्रश्न 9.
जिले में शान्ति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस प्रशासन की भूमिका को समझाइए।
उत्तर:
जिले में शान्ति और कानून व्यवस्था बनाए रखना जिला कलेक्टर का कार्य है जिसके लिए वह पुलिस प्रशासन की मदद लेता है। जिले का पुलिस विभाग पुलिस अधीक्षक के नियन्त्रण, निर्देशन और पर्यवेक्षण में कार्य करता है। पुलिस अधीक्षक के नियन्त्रण में अपर पुलिस अधीक्षक पुलिस उपाधीक्षक, वृत निरीक्षक, उप-निरीक्षक, मुख्य आरक्षी (हेड कांस्टेबल) तथा आरक्षी होते हैं।
पुलिस प्रशासन जिले में कहीं भी शान्ति और कानून व्यवस्था भंग होने की स्थिति में पुलिस अधीक्षक की देखरेख में प्रशासनिक कार्यवाही करता है। प्रथम सूचना प्रतिवेदन के आधार पर जाँच करता है और दोषियों को दण्ड दिलाने का कार्य करता है। कभी-कभी अन्य विभागों का सहयोग लेकर शान्ति और कानून व्यवस्था भंग करने वालों को पकड़कर दण्ड दिलाता है।
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