स्थानीय स्वशासन : ग्रामीण और शहरी
RBSE Solutions For All Chapters Samajik Vigyan Class 6
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(i) स्थानीय ग्रामीण स्वशासन की इकाई है।
(अ) नगर निगम
(ब) नगर परिषद्
(स) नगर पालिका
(द) ग्राम पंचायत।
उत्तर:
(द) ग्राम पंचायत।
(ii) ग्राम पंचायत के वार्ड के मतदाताओं का प्रतिनिधि होता
(अ) वार्ड पंच
(ब) सरपंच
(स) प्रधान
(द) पंचायत समिति सदस्य
उत्तर:
(अ) वार्ड पंच
(iii) स्थानीय नगरीय स्वशासन की इकाई है।
(अ) नगर पालिका
(ब) नगर परिषद्
(स) नगर निगम
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(i) वार्ड सभा की अध्यक्षता………..करता है।
(ii) गाँव के विकास की योजनाएँ…………..की बैठक । में बनाई जाती हैं।
(iii) ………पंचायती राज व्यवस्था की सर्वोच्च इकाई है।
(iv) नगर निगम के वार्ड का निर्वाचित प्रतिनिधि.. कहलाता है।
उत्तर:
(i) वार्ड पंच
(ii) ग्राम सभा
(iii) जिला परिषद
(iv) पार्षद।
प्रश्न 3.
स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ’ब’ से सुमेलित कीजिए
उत्तर:
i. (स)
ii. (अ)
iii. (ब)
iv. (य)
v. (र)
vi. (द)
प्रश्न 4.
पंचायतीराज व्यवस्था के तीन स्तर कौन-कौन से
उत्तर:
पंचायतीराज व्यवस्था की संरचना त्रिस्तरीय है। इसमें सबसे पहले स्तर पर गाँव की ग्राम पंचायत का गठन होता है। दूसरे स्तर अर्थात् विकास खण्ड स्तर पर पंचायत समिति का गठन होता है तथा तीसरे स्तर अर्थात् जिले में जिला-परिषद का गठन होता है।
प्रश्न 5.
ग्राम पंचायत द्वारा किये जाने वाले कोई चार कार्य लिखिए।
उत्तर:
ग्राम पंचायत अपने क्षेत्र से सम्बद्ध अनेक कार्य करती है। उनमें से प्रमुख चार कार्य निम्न हैं
- शुद्ध व स्वच्छ पेयजल, सफाई व सार्वजनिक स्थलों पर प्रकाश आदि की व्यवस्था करना।
- सड़क, नालियाँ, विद्यालय भवन आदि का निर्माण करवाना।
- महात्मा गांधी नरेगा आदि रोजगार योजनाओं का संचालन करवाना।
- स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना आदि।
प्रश्न 6.
स्थानीय नगरीय निकायों द्वारा किये जाने वाले कोई चार कार्य लिखिए।
उत्तर:
स्थानीय नगरीय निकायों द्वारा किये जाने वाले प्रमुख चार कार्य निम्नलिखित हैं
- शहर के लिए शुद्ध जल की व्यवस्था करना।
- सड़कों पर रोशनी और सफाई की व्यवस्था करना।
- जन्म-मृत्यु का पंजीकरण करना तथा
- दमकल आदि की व्यवस्था करना तथा स्वच्छता एवं सफाई का पूरा ध्यान रखना।
प्रश्न 7.
जिला परिषद् के गठन को समझाइए।
उत्तर:
जिला-परिषद पंचायती राज व्यवस्था की तीसरी और सर्वोच्च इकाई है। एक जिले की सभी पंचायत समितियों को मिलाकर जिला परिषद का गठन होता है। जिला परिषद के गठन के लिए पूरे जिले को वार्डों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक वार्ड के मतदाता अपने एक प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं जो जिला परिषद का सदस्य होता है।
इन सदस्यों में से ही एक जिला प्रमुख और एक उप जिला प्रमुख चुना जाता है। इसके अलावा उस जिले के विधान सभा, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य तथा जिले की समस्त पंचायत समितियों के प्रधान जिला परिषद् के सदस्य होते हैं। जिला परिषद का मुखिया जिला प्रमुख होता है।
प्रश्न 8.
आपके क्षेत्र में या नजदीकी शहर में कौन-सी नगरीय स्वशासन संस्था कार्य करती है ? उसके गठन को समझाइए ?
उत्तर:
हम जिस क्षेत्र में निवास करते हैं, वहाँ नगर पालिका स्वशासन संस्था है। नगर पालिका का गठन निम्न प्रकार होता है
- नगर पालिका क्षेत्र को वार्डों में बाँटकर प्रत्येक क्षेत्र के मतदाता, मतदान द्वारा एक प्रतिनिधि का चयन करते हैं जो पार्षद् कहलाता है।
- प्रत्येक वार्ड का पार्षद् नगर पालिका का सदस्य होता है।
- इसके अलावा कुछ मनोनीत सदस्य होते हैं।
- इसमें उस क्षेत्र के लोकसभा व विधान सभा के सदस्य भी सम्मिलित होते हैं। निर्वाचित पार्षद् अपने में से ही किसी एक पार्षद को अपना मुखिया चुन लेते हैं जो नगर पालिका का अध्यक्ष या चेयरमैन कहलाता है।
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