Solutions For All Chapters Nagrik shastra Class 6
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1. हरदास गाँव के लोग किन समस्याओं का सामना कर रहे थे? उन्होंने अपनी समस्याएँ सुलझाने के लिए क्या किया?
उत्तर:
हरदास गाँव के लोग निम्नलिखित समस्याओं का सामना कर रहे थे –
- गाँव में पानी की कमी की समस्या बढ़ रही थी। हैंडपंपों का पानी जमीन में बहुत नीचे चला गया था।
- गाँव की गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों की सूची में गड़बड़ी थी।
इन समस्याओं के हल के लिए निम्नलिखित निर्णय लिए गए –
- गाँव के एक कुएँ को साफ़ कराने तथा दो हैंडपंपों को गहरा कराने का निर्णय लिया गया।
- जल संवर्धन विकास कार्यक्रम के संबंध में खंड विकास अधिकारी से मिलकर अधिक जानकारी प्राप्त करने का निर्णय लिया गया।
- गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों की सूची में की गई गड़बड़ी को दूर कराने का निर्णय लिया गया।
2. आपके विचार में ग्राम सभा का क्या महत्त्व है? क्या आपको लगता है कि सभी लोगों को ग्राम सभा की बैठक में भाग लेना चाहिए? क्यों?
उत्तर: ग्राम सभा गाँव के हित में काम करती है। ग्राम सभा की बैठक में ग्राम पंचायत अपनी योजनाओं को लोगों के सामने रखती है। ग्राम सभा में गाँव के लोगों की समस्याओं पर चर्चा होती है और उनका समाधान ढूंढा जाता है। सभी लोगों को ग्राम सभा की बैठक में भाग लेना चाहिए, क्योंकि गाँव के लोग ही अपनी समस्याओं के बारे में जानते हैं। वे ही उन समस्याओं के विषय में अच्छी तरह बता सकते हैं और इन समस्याओं के हल के लिए अपने सुझाव भी दे सकते हैं। यदि वे ग्राम सभा की बैठक में भाग नहीं लेंगे तो अपनी समस्याएँ कैसे बताएँगे और उनका समाधान कैसे होगा।
3. अपने क्षेत्र या अपने पास के ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत द्वारा किए गए किसी एक काम का उदाहरण लीजिए और उसके बारे में निम्नलिखित बातें पता कीजिए।
(क) यह काम क्यों किया गया?
(ख) पैसा कहाँ से आया?
(ग) काम पूरा हुआ या नहीं?
उत्तर:
(क) गाँव में पंचायत ने नालियाँ बनाने का काम किया, क्योंकि गाँव में गंदा पानी चारों ओर फैला रहता है जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानियाँ होती थी और गाँव में बीमारियाँ फैलने का खतरा था।
(ख) पैसा निम्नलिखित स्रोतों से आया
- घरों एवं बाजारों पर लगाए जाने वाले कर से मिलने वाली राशि से आया।
- विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा चलाई गई योजनाओं की राशि जो जनपद व जिला पंचायत द्वारा आती है।
- समुदाय के काम के लिए मिलने वाले दान से आया।
(ग) यह काम पूरा हुआ।
4. ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के बीच में क्या फ़र्क है?
उत्तर:
ग्राम सभा – ग्राम सभा पंचायत के क्षेत्र में रहने वाले सभी वयस्कों की सभा होती है। वह व्यक्ति ग्राम सभा का सदस्य होता है जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो, जिसे वोट देने का अधिकार हो, जिसका नाम गाँव की मतदाता सूची में हो।
ग्राम पंचायत – ग्राम पंचायत कई वार्डों में बँटी होती है। प्रत्येक वार्ड अपना एक प्रतिनिधि चुनता है जिसे वार्ड पंच कहा जाता है। पंचायत क्षेत्र के लोग सरपंच को चुनते हैं। सरपंच पंचायत की मुखिया होता है। वार्ड पंच और सरपंच मिलकर ग्राम पंचायत का गठन पाँच वर्ष के लिए करते हैं।
5. नीचे दी गई खबर को पढ़िए और फिर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
चौफुला-शिरूर सड़क पर एक गाँव है निमोन। दूसरे गाँवों की तरह पिछले कई महीनों से इस गाँव में भी पानी की बहुत कमी चल रही है। गाँव वाले अपनी ज़रूरतों के लिए टैंकर पर निर्भर हैं। इस गाँव के भगवान महादेव लाड (35 वर्ष) को सात लोगों ने मिलकर डंडे, लोहे की छड़ से बहुत पीटा। इस घटना का पता तब चला जब कुछ लोग बुरी तरह से घायल लाड को इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए। पुलिस की रपट में लाड ने लिखवाया कि उस पर हमला तब हुआ जब उसने टैंकर का पानी टंकी में भरने पर जोर दिया था। टंकी, निमोन ग्राम पंचायत की जल आपूर्ति योजना | के तहत बनाई गई थी ताकि पानी को समान रूप से वितरण हो, परंतु लाड का आरोप था कि ऊँची जाति के लोग इस बात के खिलाफ थे। वे टैंकर के पानी पर दलित जातियों का अधिकार नहीं मानते थे। (इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर, 1 मई 2004)
(क) भगवान लार्ड को पीटा क्यों गया था?
(ख) क्या आपको लगता है कि यह एक भेदभाव का मामला है? क्यों?
उत्तर:
(क) भगवान लाड चाहता था कि टैंकर का पानी टंकी में भरवा दिया जाए ताकि सभी ग्रामवासियों को पानी का समान वितरण हो सके। टंकी निमोन ग्राम पंचायत की जल आपूर्ति के लिए बनाई गई थी लेकिन ऊँची जाति के लोग पानी का केवल स्वयं उपयोग करना चाहते थे, क्योंकि वे टैंकर के पानी पर दलित जातियों को अधिकार नहीं मानते थे।
(ख) यह एक भेदभाव का मामला था, क्योंकि ऊँची जाति के लोग टैंकर के पानी का उपयोग केवल स्वयं करना चाहते थे। वे टैंकर के पानी पर दलित जातियों को अधिकार नहीं मानते थे। यह संविधान द्वारा प्राप्त समानता के अधिकार की अवहेलना थी।
6. जल संरक्षण और उसके फ़ायदे के विषय में और जानकारी इकट्ठी कीजिए।
उत्तर: पानी की आवश्यकता अनुसार उचित उपयोग करना तथा पानी को बर्बाद होने से बचाना जल संरक्षण कहलाता है। इसके लिए वर्षा के पानी को संरक्षित किया जाता है ताकि पानी की कमी होने पर संरक्षित पानी का प्रयोग किया जा सके। जल संरक्षण के लिए पेड़ लगाए जाते हैं, नालों पर चेक डैम या छोटे-छोटे बाँध बनाए जाते हैं। जलाशय, बावड़ियाँ आदि बनाकर परंपरागत तरीकों को भी अपनाया जाता है ताकि वर्षा के जल को बेकार बहने से रोका जा सके और उसका संरक्षण किया जा सके।
संरक्षित जल भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने में सहायता करता है तथा पानी की कमी के दिनों में उपयोग में लाया जा सकता है।
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