इमारतें, चित्र तथा किताबें
Solutions For All Chapters Itihas Class 6
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आओ याद करें
1. निम्नलिखित का सुमेल करो।
उत्तर :
2. खाली जगहों को भरो :
(क) ……………………… एक बड़े गणतिज्ञ थे।
(ख) . ……………………… में देवी-देवताओं की कहानियाँ मिलती हैं।
(ग) …………………….. को संस्कृत रामायण का लेखक माना जाता है।
(घ) ……………………… और ……………………… दो तमिल महाकाव्य हैं।
उत्तर : (क) आर्यभट्ट
(ख) पुराणों
(ग) वाल्मीकी
(घ) सिलप्पदिकारम, मणिमेखलई। आओ चर्चा करें
3. धातुओं के प्रयोग पर जिन अध्यायों में चर्चा हुई है, उनकी सूची बनाओ। धातु से बनी किन-किन चीजों के बारे में चर्चा हुई है या उन्हें दिखाया गया है?
उत्तर :
4. पृष्ठ 130 पर लिखी कहानी को पढ़ो। जिन राजाओं के बारे में तुमने अध्याय 6 और 11 में पढ़ा है। उनसे यह बंदर राजा कैसे भिन्न या समान था?
उत्तर : पृष्ठ 130 पर बंदर राजा की कहानी अध्याय 6 और 11 में दिए गए राजाओं की तरह है। बंदर राजा भी अन्य
शासकों की तरह एक विशाल सेना रखता था। वह स्वयं बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और बहादुर था। वह सही समय पर उचित निर्णय लेने में समर्थ था, जब उसने देखा कि मानव राजा उसके समुदाय को मार डालना चाहता है तो बंदरों के राजा ने अपनी प्रजा को बचाने की एक योजना बनाई। उसने आम के पेड़ की टहनियों को तोड़कर उन्हें आपस में बाँधकर नदी पर एक पुल बनाया। इसके एक छोर को वह तब तक पकड़े रहा जब तक उसकी सारी प्रजा ने नदी को पार न कर लिया। वह एक महान राजा था, लेकिन किसी भी रूप से
यह मानव राजा से अलग नहीं था।
5. और भी जानकारी इकट्ठी कर किसी महाकाव्य से एक कहानी सुनाओ।
उत्तर :
हमारे महाकाव्य में बहुत सारी कहानियाँ हैं, जो हमें प्रभावित करती हैं। वे कहानियाँ आदर्श जीवन के लिए हमारा मार्गदर्शन करती हैं और हमें शिक्षा देती हैं। ऐसे ही महाकाव्य महाभारत और रामायण हैं। ऐसी ही एक कहानी महाभारत महाकाव्य में है, इसमें कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध की कहानी है। दोनों ही पक्ष युद्ध जीतने के लिए अपने-अपने नाते-रिश्तेदारों और अन्य राजाओं को अपने साथ मिलाना चाहते थे। श्रीकृष्ण महान शक्तिशाली और भगवान की शक्तियाँ रखता था। वह दोनों ही पक्षों से संबंधित था। इसलिए दुर्योधन जो कौरवों में सबसे बड़े थे। सहायता माँगने के लिए पहुँचे। ठीक उसी दिन पांडवों में से एक अर्जुन भी सहायता माँगने के लिए कृष्ण के पास पहुँचे। श्रीकृष्ण उस समय सोये हुए थे, दुर्योधन घमंडी था, इसलिए वह श्रीकृष्ण के सिर की तरफ बैठ गया। अर्जुन दुर्योधन के बाद पहुँचे और वह विनम्र भी थे इसलिए पैर की दिशा में बैठ गए। श्रीकृष्ण ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि जो भी मेरे पास पहले सहायता माँगने आएगा मैं उसका साथ दूंगा। श्रीकृष्णजी जैसे ही नींद से जागे उन्होंने अर्जुन को देखा। उन्होंने कहा कि वह अर्जुन का साथ देंगे। दुर्योधन ने इसका विरोध किया और कहा कि मैं पहले सहायता माँगने आया हूँ। कृष्ण ने कहा कि अगर हम किसी से भी कुछ प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए हमें विनम्र होना पड़ेगा। इस प्रकार दुर्योधन ने श्रीकृष्ण के साथ को खो दिया। इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हम जिससे सहायता की अपेक्षा करते हैं उनके साथ उदंडता का व्यवहार नहीं करना चाहिए।
आओ करके देखें
6. इमारतों तथा स्मारकों को अन्य प्रकार से सक्षम व्यक्तियों (विकलांग) के लिए और अधिक प्रवेश योग्य कैसे बनाया जाए? इसके लिए सुझावों की एक सूची बनाओ।
उत्तर : इमारतों तथा स्मारकों में ढलान वाले प्रवेश द्वार की सुविधा होनी चाहिए।
- इमारतों तथा स्मारकों में ढलान वाले प्रवेश द्वार के साथ रेलिंग की सुविधा होनी चाहिए ताकि पहिए | वाली कुर्सी का आसानी से प्रयोग किया जा सके।
- इस तरह के व्यक्तियों के लिए उचित रोशनी का प्रबंध होना चाहिए तथा खाली स्थान से अलग प्रवेश द्वार की व्यवस्था होनी चाहिए। |
7. कागज़ के अधिक से अधिक उपयोगों की एक सूची बनाओ।
उत्तर : कागज बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसका प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। इसके कुछ प्रयोग नीचे दिए गए हैं
- हम जो किताब पढ़ते हैं वह कागज पर ही छपी होती है।
- हम लिखने के लिए भी कागज का प्रयोग करते हैं।
- वस्तुओं के पैकिट बनाने के लिए भी कागज का प्रयोग होता है। |
- खेल का सामान जैसे कि बनाने में भी कागज का प्रयोग होता है।
- कृत्रिम गुलदस्ता बनाने में भी कागज का प्रयोग होता है।
8. इस अध्याय में बताए गए स्थानों में से तुम्हें किसी एक को देखने का मौका मिले तो किसे चुनोगे और क्यों?
उत्तर : मैं महरौली (दिल्ली) को देखना पसन्द करूंगा, मैं वहाँ लौह स्तंभ देख सकेंगा। यह भारतीय शिल्पकारों की कुशलता का एक अद्भुत उदाहरण है। आश्चर्य की बात यह है इतने दिनों के बाद भी इसमें जंग नहीं लगा। इसी परिसर में कुतुबमीनार वास्तव में एक महान स्मारक है। मैं महरौली में एक मनोहर स्मारक देख सकेंगा।
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