BSEB Solutions For All Chapters Bhugol Class 6
प्रश्न 1. सही कथनों में सही (✓) का चिह्न लगाएँ एवं गलत कथन में गलत (✗) का चिह्न लगाएँ
- शेरशाह को हराकर हुमायूँ ने भारत की गद्दी पर कब्जा किया। – (✗)
- पटना का गोलघर कैप्टन जान गॉलस्टीन ने बनवाया था। – (✓)
- पत्थर की मूर्ति “यक्षिणी” पटना के दीदारगंज में मिली थी। – (✓)
- गुरुगोविन्द सिंह का जन्म स्थल तख्त श्री हरमंदिर जी कहलाता है। – (✓)
प्रश्न 2. बताइये –
(क) गोलघर कहाँ है ? इसका निर्माण क्यों करवाया गया ?
उत्तर- गोलघर पटना के गाँधी मैदान के पश्चिम में स्थित है। इसका निर्माण कैप्टन जान गॉलस्टीन ने 1776 ई में अनाज के सुरक्षित भंडारण के उद्देश्य से करवाया था ताकि दुर्भिक्ष काल या अकाल के समय इस अनाज से ‘मदद पहुँचाई जाये। जिससे सभी को अनाज की समस्याओं का सामना करना नहीं पड़े।
(ख) शेरशाह कौन थे? इनका मकबरा कहाँ है?
उत्तर- शेरशाह के बचपन का नाम फरीद खाँ था जो युवा काल में ही – अपने संरक्षक की रक्षा करते हुए शेर को तलवार से एक ही बार में दो टुकड़े कर दिये थे। तभी से उसे शेरशाह के नाम से पुकारा जाने लगा। रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम में अफगान शासक शेरशाह का मकबरा स्थित है। यह मकबरा अष्टकोणीय है। जो लाल पत्थरों से बना हुआ है। यह मकबरा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में है।
(ग) अगर आप पटना संग्रहालय जायेंगे तो आपको कौन-कौन सी चीजें नजर आएंगी?
उत्तर- पटना संग्रहालय का भवन राजस्थानी शैली में बना हुआ है। संग्रहालय के बगीचे में सामने ही तोप रखे हैं, चारों ओर कई बड़ी-बड़ी दुर्लभ मूर्तियाँ भी हैं। मुख्य भवन में जाते ही एक विशाल पेड़ देखने को मिलेगा। जो लगभग 50000 वर्ष पुराना है। उसकी लकड़ियाँ अब पत्थरनुमा हो गई हैं।
यह पत्थरनुमा जीवाश्म के उदाहरण हैं। यहाँ भगवान बुद्ध और जैन तथा मौर्यकाल की महत्वपूर्ण मूर्तियों, सिक्कों और बर्तनों को भी देखते हैं। पटना संग्रहालय में ही आगे बढ़कर जाने पर एक राजेन्द्र कक्ष बना हुआ है। यहाँ राष्ट्रपति के रूप में राजेन्द्र प्रसाद को मिले हुए उपहारों को भी देख सकते हैं जो उनकी स्मृति के रूप में रखा हुआ है।
(घ) गुरुगोविन्द सिंह का जन्म-स्थान आज किस नाम से प्रसिद्ध है? वहाँ सिक्ख क्यों आते हैं?
उत्तर- गुरुगोविन्द सिंह का जन्म-स्थान आज तख्त श्री हरमंदिर साहब गुरुद्वारा के नाम से प्रसिद्ध है। सफेद संगमरमर से बना हुआ है। यह सिक्खों का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। गुरुगोविन्द सिंह के जन्मदिवस पर यहाँ मेला लगता -है। यहाँ देश-विदेश के सिक्ख भाग लेने आते हैं। इस पवित्र स्थल के अंदर गुरुग्रंथ साहिब रखा हुआ है और गुरुवाणी पढ़ी जाती है। यहाँ लंगर भी चलता |
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