RBSE Solutions For All Chapters Vigyan Class 6
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1. रुई को बिनौले (बीज) से हटाने की प्रक्रिया को कहते
(अ) कताई
(ब) बुनाई
(स) ओटना
(द) अभिमार्जन
उत्तर: (स) ओटना
प्रश्न 2. प्राकृतिक तन्तु का उदाहरण है
(अ) रेयॉन
(ब) नायलॉन
(स) रुई
(द) डेक्रॉन
उत्तर: (स) रुई
प्रश्न 3. जातव तन्तु का उदाहरण है
(अ) कपास
(ब) नायलॉन
(स) ऊन
(द) पटसन
उत्तर: (स) ऊन
प्रश्न 4. रेशम का रेशा किससे प्राप्त किया जाता है ?
(अ) भेड़
(ब) बकरी
(स) ऊन
(द) रेशम का कीट
उत्तर: (द) रेशम का कीट
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. रेशों से धागा बनाने की प्रक्रिया को…………कहते हैं।
2. रेशम के कीट को पालने को…………….कहते हैं।
3. …………….के चारों ओर रेशम का धागा लिपट जाने से गोल रचना कृमिकोश या कोकून बनती है।
4. नायलॉन, रेयॉन और डेक्रॉन………….के कुछ उदाहरण हैं।
उत्तर:
1. कताई
2. सेरीकल्चर
3. इल्ली
4. कृत्रिम रेशों।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. प्राकृतिक और संश्लेषित रेशों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वे रेशे जो पौधों और जन्तुओं से प्राप्त होते हैं, उन्हें प्राकृतिक रेशे कहते हैं। जैसे-ऊन, कपास, पटसन, पूँज, | रेशम आदि। जबकि वे रेशे जो मानव द्वारा विभिन्न रसायनों से बनाए जाते हैं, उन्हें संश्लेषित रेशे या कृत्रिम रेशे कहते हैं। जैसे-रेयॉन, डेक्रॉन, नायलॉन आदि।
प्रश्न 2. सूती कपड़ों की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: सूती कपड़ों की विशेषताएँ निम्न हैं
1. सूती वस्त्र ठण्डा होता है।
2. सूती वस्त्र नमी सोखता है।
प्रश्न 3. हमारे देश में रेशम का धागा मुख्यतः किन राज्यों से प्राप्त होता है ?
उत्तर: हमारे देश में रेशम का धागा मुख्यत: कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु से प्राप्त होता है।
प्रश्न 4. रेशों से धागा निर्मित करने की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर: रेशों से धागा बनाने की प्रक्रिया कताई कहलाती है। कताई की प्रक्रिया में रुई के एक पुंज से धीरे-धीरे रेशों को खींचते हैं और साथ-साथ उन्हें ऐंठते रहते हैं। जिससे तन्तु पास-पास आ जाते हैं और धागा बनने लगता है।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 2. रेशम के कीट से रेशम कैसे प्राप्त किया जाता है? समझाइए।
उत्तर: रेशम कीट के जीवन चक्र की कोकून (Cocoon) अवस्था को वयस्क कीट में परिवर्तित होने से पहले कोकूनों ३ को धूप में यो गरम पानी में अथवा भाप में रखा जाता है। इससे रेशम के रेशे प्राप्त होते हैं। रेशम के रूप में उपयोगी धागा बनाने की इस प्रक्रिया को रेशम की रीलिंग कहते हैं। फिर इन रेशों की कताई की जाती है। जिससे रेशम के धागे प्राप्त होते हैं। इसके बाद बुनकरों द्वारा इन्हीं धागों से वस्त्र बनाए जाते हैं।
प्रश्न 3. भेड़ के बालों से ऊन बनाने की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर: भेड़ के बालों से ऊन बनाने की प्रक्रिया निम्न चरणों में पूर्ण होती है
पद 1: सर्वप्रथम भेड़ के शरीर से बालों को उतार लिया जाता है। इसे ऊन की कटाई कहते हैं। यह प्रक्रिया सामान्यतः गर्मी के मौसम में की जाती है।
पद 2: भेड़ों से उतारे गए बालों से चिकनाई, धूल आदि को हटाने की प्रक्रिया को अभिमार्जन कहते हैं। इसके लिए इन बालों को बड़ी-बड़ी टंकियों में डालकर धोया जाता है।
पद 3: विभिन्न गठन वाले बालों को अलग-अलग करना छंटाई कहलाता है। बालों से छोटे-छोटे कोमल व फूले हुए रेशे जिन्हें बर कहते हैं, अलग कर लिया जाता है। फिर बालों को सुखा लेते हैं तथा पुनः अभिमार्जन कर सुखा लेते हैं। इस प्रकार प्राप्त रेशे या ऊन को ही धागों के रूप में काता जाता है।
पद 4: ऊन की विभिन्न रंगों से रंगाई की जाती है।
पद 5: रेशों को सीधा करके सुलझाना और फिर लपेट कर धागा बनाना रीलिंग कहलाता है। लम्बे रेशों को काटकर स्वेटर की ऊन तथा छोटे रेशों को काटकर ऊनी वस्त्र बनाने के लिए उपयोग करते हैं।
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