उचित आहार – स्वस्थ शरीर का आधार
3.1 हम क्या खाते हैं?
3.1.1 प्रतिदिन का आहार
- आहार की महत्ता: आहार हमारे दैनिक जीवन का अनिवार्य घटक है।
- क्रियाकलाप: एक सप्ताह में प्रतिदिन खाए गए खाद्य पदार्थों की सूची बनाएं।
- विश्लेषण: आहार की सूची का अवलोकन करें और अपने मित्रों की सूची से तुलना करें। इस प्रक्रिया से आपको आहार में विविधता का पता चलेगा। यह भी समझ में आएगा कि विभिन्न लोगों के आहार में समानता और अंतर हो सकता है।
3.1.2 विभिन्न क्षेत्रों के आहार
- खोज: भारत के विभिन्न राज्यों में पारंपरिक रूप से खाए जाने वाले आहार और वहां उगाई जाने वाली फसलों का पता लगाएं।
- सूचना एकत्रित करें: विद्यालय की पुस्तकों, इंटरनेट, मित्रों, परिवारजनों और पड़ोसियों से जानकारी प्राप्त करें।
- तालिका 3.2: विभिन्न राज्यों के पारंपरिक खाद्य पदार्थों और स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली फसलों की सूची बनाएं।
3.2 समय के साथ भोजन पकाने की पद्धतियाँ कैसे परिवर्तित हुई हैं?
- खान-पान की आदतों में बदलाव: विभिन्न राज्यों में खान-पान की आदतें समय के साथ बदली हैं।
- पाक पद्धतियों का परिवर्तन: पहले पारंपरिक चूल्हों और सिल-बट्टे का उपयोग होता था, अब आधुनिक गैस चूल्हे और इलेक्ट्रिक ग्राइंडर का प्रयोग होता है।
- साक्षात्कार: वयोवृद्ध जनों से उनके खान-पान की आदतों और पकाने की पद्धतियों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
- प्रमुख कारण: इन परिवर्तनों के प्रमुख कारण तकनीकी विकास, बेहतर परिवहन और संचार साधन हो सकते हैं।
3.3 भोजन और क्षेत्रीय विविधता
- आहार और फसलों का संबंध: पारंपरिक आहार वहाँ की स्थानीय फसलों पर आधारित होते हैं।
- भारत की विविधता: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ की विविध जलवायु और मिट्टी के आधार पर विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं, जिससे आहार में भी विविधता होती है।
3.2 भोजन के घटक क्या हैं?
3.2.1 स्वस्थ आहार, स्वस्थ जीवन
- महत्त्व: पारंपरिक खाद्य महोत्सव में विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यंजन और उनके स्वास्थ्य लाभ बताए गए।
- पोषक तत्व: डॉ. पोषिता के अनुसार, स्वस्थ आहार ही स्वस्थ जीवन का आधार है। बिना भोजन के शरीर थका हुआ और कम ऊर्जावान महसूस करता है।
- ग्लूकोस का महत्व: मैराथन धावक ग्लूकोसयुक्त पानी पीते हैं क्योंकि यह तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।
3.2.2 कार्बोहाइड्रेट (ऊर्जा प्रदान करने वाला भोजन)
- कार्बोहाइड्रेट: शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाले मुख्य स्रोतों में से एक। आलू, गन्ना, चावल, और गेहूँ जैसे खाद्य पदार्थ कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं।
- प्रमुख खाद्य स्रोत: आलू, केला, चावल, मक्का, बाजरा, आम आदि।
3.2.3 वसा (ऊर्जा का संग्रहित स्रोत)
- वसा: शरीर में ऊर्जा का संग्रहित स्रोत है। वसा पादप आधारित (जैसे सरसों का तेल) या जंतु आधारित (जैसे घी) हो सकते हैं।
- प्रमुख खाद्य स्रोत: घी, मक्खन, सरसों का तेल, बादाम, काजू, मंगफली आदि।
- उपयोगिता: सर्दियों में वसा युक्त लड्डू खाने की परंपरा क्योंकि ये शरीर को गरम रखने और ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होते हैं।
3.2.4 प्रोटीन (शरीर वर्धक भोजन)
- प्रोटीन का महत्व: शरीर की वृद्धि और मरम्मत में सहायता करता है। इसे शरीर वर्धक भोजन कहा जाता है।
- प्रमुख स्रोत: पादप आधारित (दालें, मेवे) और जंतु आधारित (दूध, पनीर, अंडा, मछली)।
- खिलाड़ियों के लिए: मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन की अधिक आवश्यकता होती है।
3.2.5 विटामिन और खनिज (सुरक्षात्मक पोषक तत्व)
- महत्त्व: विटामिन और खनिज शरीर को विभिन्न रोगों से बचाने में सहायता करते हैं। इनकी आवश्यकता अल्प मात्रा में होती है लेकिन ये अत्यंत आवश्यक हैं।
- उपयोगिता: विटामिन C स्कर्वी रोग को ठीक करने में सहायक होता है। विटामिन D अस्थियों और दाँतों के लिए महत्वपूर्ण है।
- प्रमुख स्रोत: विटामिन A (गाजर, पपीता), विटामिन B1 (दालें, मेवे), विटामिन C (नींबू, संतरा), विटामिन D (सूर्य का प्रकाश, मछली)।
3.2.6 आहारीय रेशे और जल (शरीर के लिए आवश्यक)
- आहारीय रेशे: पाचन में सहायता करते हैं और मल के सुचारू निकास को सुनिश्चित करते हैं। ये मुख्य रूप से हरे पत्तेदार सब्जियों, फलों, और साबुत अनाजों में पाए जाते हैं।
- जल का महत्त्व: भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायता करता है।
3.2.7 पोषण के क्षेत्र में योगदान
- कोलुथुर गोपालन का योगदान: भारतीय खाद्य पदार्थों के पोषण मूल्यों का विश्लेषण किया और भारतीय संदर्भ में एक उपयुक्त आहार की सिफारिश की। उन्होंने मध्यान्ह भोजन योजना (प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना) का नेतृत्व किया, जिससे करोड़ों बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
3.3 भोजन के विभिन्न घटकों का परीक्षण कैसे करें?
1. मंड़ (स्टार्च) के लिए परीक्षण
क्रियाकलाप 3.5:
सामग्री: आलू, खीरा, रोटी या ब्रेड, उबले चावल, उबले चने, कुटी हुई मँगफली, तेल, मक्खन, कुटा हुआ नारियल।
विधि:
खाद्य पदार्थों के छोटे टुकड़े अलग-अलग प्लेट में रखें।
ड्रॉपर की सहायता से किसी एक खाद्य पदार्थ पर 2-3 बूँदें तनुयोडीन विलयन की डालें।
देखें कि क्या रंग में कोई परिवर्तन हुआ है। क्या रंग नीला-काला हो गया है?
परिणाम:
नीला-काला रंग मंड़ (स्टार्च) की उपस्थिति को दर्शाता है।
2. वसा के लिए परीक्षण
क्रियाकलाप 3.6:
सामग्री: उपर्युक्त खाद्य पदार्थों की छोटी मात्रा।
विधि:
- प्रत्येक खाद्य पदार्थ के एक छोटे भाग को कागज के टुकड़ों पर रखें।
- खाद्य पदार्थ पर कागज को लपेटें और दबाएँ। ध्यान दें कि कागज फटे नहीं।
- यदि खाद्य पदार्थ में पानी है, तो कागज को सुखाएँ।
- कागज पर किसी तैलीय धब्बे की उपस्थिति देखिए। कागज को प्रकाश के सामने लाइए।
परिणाम:
तैलीय धब्बा खाद्य पदार्थ में वसा की उपस्थिति को दर्शाता है।
3. प्रोटीन के लिए परीक्षण
क्रियाकलाप 3.7:
सामग्री: ब्रेड, चावल, मँगफली, मटर, सोयाबीन, कॉपर सल्फेट, कास्टिक सोडा, खरल और मसलू।
विधि:
- प्रत्येक खाद्य पदार्थ का आधा चम्मच एक अलग साफ परखनली में डालें।
- हर परखनली में 2-3 चम्मच पानी डालें और हिलाएँ।
- ड्रॉपर से कॉपर सल्फेट विलयन की 2 बूँदें डालें।
- फिर, कास्टिक सोडा विलयन की 10 बूँदें डालें।
- परखनलियों को हिलाएँ और कुछ मिनट तक छोड़ दें।
परिणाम:
बैंगनी रंग प्रोटीन की उपस्थिति को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
कौन-कौन से खाद्य पदार्थ एक से अधिक पोषक तत्वों की उपस्थिति दर्शाते हैं?
मँगफली में प्रोटीन और वसा दोनों की उपस्थिति देखी जाती है।
क्या कोई खाद्य पदार्थ है जिसमें इन पोषक तत्वों में से कोई नहीं होता?
इस परीक्षण के आधार पर, प्रत्येक खाद्य पदार्थ में एक या अधिक पोषक तत्व हो सकते हैं।
आप कौन से खाद्य पदार्थ रोज़ खाते हैं?
अपने रोज़ के आहार में शामिल खाद्य पदार्थों की पहचान करें जो स्टार्च, वसा, और प्रोटीन के स्रोत हों।
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